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आपदा के खतरे घटाने के मोदी के एजेंडे पर यूपी में काम शुरू

लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आपदा खतरा न्यूनीकरण के लिए 10 सूत्रीय एजेण्डा विभिन्न विभागों और संस्थाओं को क्रियान्वित करने के लिए भेजा है। उन्होंने कहा है कि इस एजेण्डे को प्रभावी रूप से लागू किया जाए।

राम केवी
Published on: 8 Feb 2020 3:33 PM GMT
आपदा के खतरे घटाने के मोदी के एजेंडे पर यूपी में काम शुरू
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लखनऊ: उप्र राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल रविन्द्र प्रताप शाही ने कहा कि आपदा खतरा कम करने तथा क्षति को न्यून करने हेतु प्राधिकरण सभी उचित कदम उठा रहा है।

लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आपदा खतरा न्यूनीकरण के लिए 10 सूत्रीय एजेण्डा विभिन्न विभागों और संस्थाओं को क्रियान्वित करने के लिए भेजा है। उन्होंने कहा है कि इस एजेण्डे को प्रभावी रूप से लागू किया जाए।

श्री शाही आज यहां आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा इण्टर एजेन्सी ग्रुप उप्र के संयुक्त तत्वावधान में आपदा खतरा न्यूनीकरण तथा जलवायु परिवर्तन अनुकूलन हेतु स्टेट प्लेटफार्म आॅन डिसास्टर डिस्क रिडेक्शन की पहली बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

रविन्द्र प्रताप शाही ने कहा कि उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन आपदा प्रबन्धन कानून 2005 के तहत हुआ है। इस प्राधिकरण का मुख्य दायित्व स्थायी विकास आपदा प्रबंधन क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित करना तथा सहयोग और क्षमता में वृद्धि करना है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रकोपों के बदलते स्वरूप और भयावहता पर विशेष रूप से चर्चा करना आज आवश्यक हो गया है। इसके लिए जागरूकता एवं बचाव का कार्य करने के लिए बहुआपदा को ध्यान में रखकर कार्य करना होगा।

उपाध्यक्ष ने कहा कि आज प्लेटफार्म ऑन डिसास्टर रिस्क रिडक्शन की स्थापना निश्चित ही लोगों में आपदा के प्रति सतर्क करने में महती भूमिका निभाएगा। आज स्टेट प्लेटफार्म की शुरूआत की पहली बैठक है। इसमें हम एक-दूसरे के काम को समझने तथा क्षेत्र मानचित्रीकरण का कार्य करेंगे।

तैयार किया जाएगा रोडमैप

इसके साथ ही आने वाले समय में एक रोडमैप तैयार किया जायेगा, जिससे कि राज्य में सभी स्टेक होल्डर की क्षमता वृद्धि तथा आपदा प्रबंधन के पूर्णचक्र में समन्वित सहयोग हेतु कार्य हो सके।

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इसमें इस बात की भी कोशिश की जायेगी कि कौन सी क्षमता किस क्षेत्र में कार्य कर रही है और किस प्रकार के आपदा या प्रकोप को ध्यान में रखकर काम करती है और उसे किस प्रकार के सहयोग से मदद मिल सकेगी।

आपदाओं का मूल कारण है ये वजह

ऑल इण्डिया डिसास्टर मिटीगेशन इन्स्टीट्यूट अहमदाबाद गुजरात के मिहिर भाई ने राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर 2015 में किये गये विभिन्न समझौतों का जिक्र हुए कहा कि आज अधिकतर प्राकृतिक आपदाएं जलवायु परिवर्तन के कारण देखने को मिलती है। इसको समझने के लिए हमें स्थानीय मुद्दों को समझने की कोशिश करना होगा। आम लोगों के सामने डिसास्टर रिस्क रिडेक्शन के बारे में विस्तार से चर्चा करनी होगी। ऐसा करने से ही लोग जलवायु परिवर्तन तथा इससे होने वाली समस्याओं के बीच सम्बंध स्थापित किया जा सकेगा।

मोदी ने 2016 में दिया था दस सूत्रीय एजेंडा

उन्होंने कहा कि तापमान में वृद्धि, समुद्र के जलस्तर का ऊंचा होना अथवा ग्लेशियर पिघलना जैसे उदाहरण जब हम लोगों के सामने रखते हैं तो लोगों को समझना मुश्किल हो जाता है और उनकी भागीदारी कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 में 10 सूत्रीय एजेण्डा प्रस्तुत किया था जिसके माध्यम से देश में आपदा खतरा न्यूनीकरण तथा स्थायी विकास की नींव डाली जा रही है।

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प्राधिकरण की बैठक में राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्वैच्छिक संगठनों, औद्योगिक एवं वित्तीय संस्थाओं तथा विभिन्न जनपदों में काम करने वाली जमीनी संस्थाओं और यूनिसेफ सहित 36 सदस्यों ने भाग लिया। बैठक का संचालन इन्टर एजेन्सी ग्रुप उप्र के डॉ. भानू ने किया।

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