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World Soil Day 2022: उत्तर प्रदेश ने विश्व मृदा दिवस मनाया, मॉर्निंग वॉकथॉन ने मिट्टी बचाओ आंदोलन के बारे में जागरूकता बढ़ाई

World Soil Day 2022: । इस साल ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु द्वारा शुरू किए गए मिट्टी बचाओ अभियान के हिस्से के रूप में वॉकथॉन का आयोजन किया गया।

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Newstrack Network
Published on: 5 Dec 2022 8:44 PM IST
World Soil Day 2022 Uttar Pradesh
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World Soil Day 2022 Uttar Pradesh (Newstrack)

World Soil Day 2022: आज विश्व मृदा दिवस पर मिट्टी के क्षरण को रोकने और उलटने की आवश्यकता पर जागरूकता बढ़ाने के लिए वॉकथॉन ने उत्तर प्रदेश के शहरवासियों का ध्यान आकर्षित किया। इस साल ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु द्वारा शुरू किए गए मिट्टी बचाओ अभियान के हिस्से के रूप में वॉकथॉन का आयोजन किया गया था, जिसका उद्देश्य मिट्टी को बचाने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप करवाना हैं। यूएन एफएओ (साइंटिफिक अमेरिकन, 2014) के अनुसार, 60 वर्षों के भीतर दुनिया की पूरी ऊपरी मिट्टी नष्ट हो सकती है, जिससे मानवता का भविष्य गंभीर संकट में पड़ सकता है।

आंदोलन की तीव्रता को बनाए रखते हुए, स्वयंसेवकों ने मिट्टी बचाओ वॉकथॉन का आयोजन किया और कई स्थानों पर लोगों के साथ बातचीत की। मनमोहन पार्क चौराहा, प्रयागराज; 1090 चौराहा, लखनऊ; मैदागिन क्रॉसिंग, काशी; तुलसी पार्क, मुजफ्फरनगर; सीएसए, कृषि महाविद्यालय, कानपुर; सेंट्रल पार्क, राज नगर, गाजियाबाद, और शहीद स्मारक पार्क, आगरा में जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया।

सद्गुरु ने आज, वैश्विक #ScoreforSoil अभियान की शुरुआत भी की। फुटबॉल विश्व कप की पृष्ठभूमि में यह अभियान लोगों को मिट्टी बचाओ आंदोलन के समर्थन में अपने सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल शॉट और #ScoreForSoil का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के लिए प्रोत्साहित करता है।

मिट्टी बचाओ अभियान को एक शानदार प्रतिक्रिया मिली है और अभियान का प्रभाव आज फिर से स्पष्ट हो गया जब दुनिया भर के लोग आंदोलन के संदेश को बढ़ाने के लिए एक साथ शामिल हुए। 1000 से अधिक जागरूकता पहल की गईं।

भारत में, 100 से अधिक स्थानों पर वॉक फॉर सॉयल और स्टैंड फॉर सॉइल कार्यक्रम आयोजित किए गए। अमेरिका में, लगभग 30 वॉक फ़ॉर सॉयल कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें प्रतिष्ठित स्थानों के सामने सेवसॉइल का मानव श्रंखला बनाई गई।

एशिया पेसिफिक क्षेत्र में, फीफा विश्व कप मैचों से पहले और बाद में रेस्तरां ने सेव सॉइल वीडियो प्रदर्शित किए। 18 शहरों में संसद के सामने 'मिट्टी बचाओ' सभा देखी गई।

द इकोनॉमिक्स एंड लैंड डिग्रेडेशन (ईएलडी) इनिशिएटिव 2015 के अनुसार, हमारे ग्रह की 52% कृषि मिट्टी पहले से ही ख़राब है और उपज देने में अक्षम है। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की भविष्यवाणी है कि जलवायु परिवर्तन और मिट्टी के विलुप्त होने के कारण 2050 तक कुछ क्षेत्रों में फसल की पैदावार 50% तक गिर सकती है।

सद्गुरु ने इसकी गंभीरता को समझते हुए, मार्च में यूरोप, मध्य एशिया, मध्य पूर्व और 11 भारतीय राज्यों में 27 देशों में 100-दिवसीय, 30000 किलोमीटर की एकल बाइक यात्रा की।

बहुत ही कम समय में इस अभियान को 3.91 अरब से अधिक लोगों तक पहुंचने में जबर्दस्त सफलता मिली है। 81 देश मिट्टी के अनुकूल नीतियां बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अंतर्राष्ट्रीय संगठन जो पारिस्थितिक कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे हैं, जैसे कि इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कंजर्वेशन ऑफ नेशंस (IUCN) और संयुक्त राष्ट्र (UN) एजेंसियां - यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD), वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP), और इस प्रकार के कई संगठनो ने इस आन्दोलन में सहभागिता दी है |

Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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