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यूपी में सबको टीका 1 जून से, शिक्षकों पर विशेष ध्यान, यह है पूरी प्रक्रिया
कोरोना टीकाकरण में सरकार ने शिक्षकों को भी वरीयता देने का फैसला किया है। ऐसे में सरकार जुलाई माह में शिक्षण संस्थान शुरू करने का फैसला कर सकती है।
लखनऊ: एक जून से प्रदेश में शुरू हो रहे कोरोना टीकाकरण में सरकार ने शिक्षकों को भी वरीयता देने का फैसला किया है। कोरोना टीकाकरण रणनीति में इस बड़े बदलाव से माना जा रहा है कि सरकार जुलाई माह में शिक्षण संस्थान शुरू करने का फैसला कर सकती है दूसरी ओर इसे पंचायत चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हुई शिक्षकों की मौत का सबक माना जा रहा है।
प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई सूचना में बताया गया है कि सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में कोरोना टीकाकरण के विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा। ऐसे में एक जून से 18 वर्ष की आयु से लेकर 44 वर्ष की आयु के लोगों को सभी जिलों में वैक्सीन लगाई जाएगी।
योगी सरकार ने दिया आदेश
बीते दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा आदेश दिए जाने के बाद बुधवार को परिवार कल्याण विभाग ने इसका विस्तृत आदेश जारी कर दिया। गौरतलब है कि अभी तक 23 जिलों में ही इस आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही थी।
यूपी में चुनावी प्रक्रिया पूरी कराने के दौरान कोरोना से हुई शिक्षकों की मौत से सरकार को गहरा आघात लगा। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने शिक्षकों के टीकाकरण को वरीयता दी है। इसके साथ ही ये भी मंशा जाहिर की जा रही है कि सरकार जुलाई में स्कूलों को खोल सकती है।
ऐसे में शहरी क्षेत्रों में इन लोगों के लिए तीन-तीन व ग्रामीण क्षेत्रों में दो-दो विशेष टीकाकरण केंद्र बनाए जाएंगे। साथ ही कस्बों में भी एक केंद्र बनाया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक केंद्र पर कम से कम 100 लोगों को टीका लगाया जाएगा।
बताया जा रहा कि अब कम आबादी वाले जिलों में भी हर दिन न्यूनतम एक हजार लोगों को टीका लगाया जाएगा। इसमे ऐसे लोग जिनके बच्चे की उम्र 12 वर्ष से कम है उनके लिए हर जिले में दो अभिभावक स्पेशल टीकाकरण केंद्र बनाए जाएंगे। बच्चों के अभिभावकों को प्रमाण के तौर पर आधार कार्ड व जन्म प्रमाणपत्र लाना होगा।
महामारी कोरोना की तीसरी संभावित लहर में बच्चों के संक्रमित होने के खतरे को देखते हुए ये विशेष केंद्र बनाए जा रहे हैं। इन बड़े जिलों में तीन अभिभावक स्पेशल टीकाकरण केंद्र बनाए जाएंगे। वहीं हर केंद्र पर प्रत्येक दिन 100 लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था होगी। जहां पर 18 वर्ष से 44 वर्ष की आयु के लोगों के टीकाकरण को लेकर राज्य सरकार ने सभी पुख्ता इंतजाम किये गए हैं।
सबसे पहले सीएमओ को दी जाएगी सूची, फिर होगा टीकाकरण
ऐसे में टीकाकरण प्रक्रिया के दौरान सूचना विभाग या मीडिया कर्मियों का टीकाकरण होने के बाद इसे सरकारी कर्मचारियों के कार्य स्थल में परिवर्तित कर दिया जाएगा और सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा।
इसमें जिले स्तर पर हर रोज लगने वाले टीके की सूची न्यायालयों में जिला जज के कार्यालय से, मीडिया कर्मियों की सूची जिला सूचना अधिकारी से, शिक्षकों की सूची डीआईओएस या बीएसए से और अन्य सरकारी कर्मियों की सूची डीएम कार्यालय से पूर्व से बनाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिया जाएगा और उसी के अनुसार टीकाकरण कराया जाएगा। वहीं इन सभी कार्य स्थल पर सीवीसी में 45 और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए भी स्लाट रखे जाएंगे।
इन अभिभावकों को देना होगा प्रमाण पत्र
इस प्रक्रिया के चलते हर जिले में रोजाना दो अभिभावक स्पेशल सीवीसी लगाए जाएंगे। जिसमें 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के माता-पिता का टीकाकरण होगा। इसके लिए उन्हें पंजीकरण और टीकाकरण के समय अपने बच्चे की उम्र 12 वर्ष से कम होने का प्रमाण (आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र या कोई अन्य) पत्र देना होगा। अधिक आबादी वाले बड़े जिलों में एक अतिरिक्त अभिभावक स्पेशल सीवीसी लगाया जाएगा।
मुख्य फोकस- नगरों और गांवों पर
वहीं हर जिले में रोजाना तीन नगरीय क्षेत्रों में सीवीसी स्थापित किए जाएंगे। इसमे अधिक आबादी वाले बड़े जिलों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त नगरीय स्पेशल सीवीसी लगाया जाएगा। नगरीय क्षेत्र के पास टीकाकरण के लिए हर जिले में रोजाना एक सीवीसी लगाया जाएगा। साथ ही हर जिले में रोजाना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दो सीवीसी स्थापित किए जाएंगे।