Diwali 2022 Surya Grahan: दिवाली पर लग रहा सूर्य ग्रहण, जानें सही समय
2022 Diwali Surya Grahan: इस साल 24 अक्टूबर, 2022 को कार्तिक अमावस्या तिथि शाम 5:29:35 से शुरू होकर अगले दिन 25 अक्टूबर , 2022 को शाम 4:20:38 तक बनी रहेगी।
Diwali 2022 Surya Grahan: हिंदू धर्म में दिवाली का बहुत अधिक महत्व माना गया है। हिन्दू सभ्यता में दिवाली के पावन पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। हर किसी को दिवाली का इंतजार बेसब्री से रहता है। उल्लेखनीय है कि धनतेरस से भैय्या दूज तक दिवाली की धूम मची रहती है। इस वर्ष दिवाली का महापर्व 24 अक्टूबर दिन सोमवार को है। मान्यताओं के अनुसार दिवाली के पावन दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है।
बता दें कि इस साल 24 अक्टूबर, 2022 को कार्तिक अमावस्या तिथि शाम 5:29:35 से शुरू होकर अगले दिन 25 अक्टूबर , 2022 को शाम 4:20:38 तक बनी रहेगी। जिस कारण दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर दिवाली के दूसरे ही दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा। इसलिए ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दिवाली की पूजा पर इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा ।
कब तक रहेगा ग्रहण
ग्रहण 25 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार शाम 4 बजकर 29 मिनट से शुरू हो जाएगा जो कि शाम 5 बजकर 24 मिनट तक सूर्य ग्रहण रहेगा। हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। जिसके कारण इस दौरान लगने वाला सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
धनतेरस मनाने की सही तारीख
गौरतलब है कि दिवाली की शुरुआत धनतेरस से ही मानी जाती है। बता दें कि दिवाली से पहले धनतेरस का ही त्योहार मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस साल धनतेरस 22 अक्टूबर 2022, दिन शनिवार को पड़ रहा है।
महालक्ष्मी पूजा का सही समय
इस साल महालक्ष्मी पूजा 24 अक्टूबर, दिन सोमवार को पड़ रही है। उल्लेखनीय है कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही महालक्ष्मी पूजा होती है। मान्यता है कि इस पावन दिन विधि- विधान से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही इस दिन विधि- विधान से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की भी पूजा- अर्चना की जाती है।
कब है गोवर्धन पूजा ?
इस वर्ष बुधवार 26 अक्टूबर, को गोवर्धन पूजा मनाया जाएगा। बता दें कि गोवर्धन पूजा को देश के कुछ हिस्सों में अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। इस विशेष दिन पर 56 या 108 तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
इस दिन है भाई दूज
इस साल 26 अक्टूबर दिन बुधवार को भाई दूज का त्यौहार मनाया जाएगा। बता दें कि दीपावली महापर्व का अंतिम पर्व भाई दूज ही माना जाता है।उल्लेखनीय है कि भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। आमतौर पर इसे यम द्वितीया या भातृ द्वितीया भी कहा जाता हैं।