Navratri 2022: मां दुर्गा के नौ रूपों का होता है इस 9 पौधों में वास, सुख शांति के लिए घर में जरूर लगाएं

2022 Navratri 9 Plants: शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा का 9 पौधों में वास होता है। दरअसल ये पौधे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और इन औषधियों के प्रयोग से मां की कृपा होती है। .

Written By :  Anupma Raj
Update:2022-09-29 18:39 IST
Nine Plants 9 Form of Maa Durga (Image: Social Media)

2022 Navratri 9 Plants: शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा का 9 पौधों में वास होता है। दरअसल ये पौधे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और इन औषधियों के प्रयोग से मां की कृपा होती है। इसलिए इन पौधों को घरों में जरूर लगाना चाहिए। तो आइए जानते हैं उन 9 पौधें के बारे में जिनमें होती है मां दुर्गा का वास: 

हरड़ 

दरअसल हरड़ एक आयुर्वेद की प्रधान औषधी है। जिसे हिमावती भी कह जाता हैं जो मां शैलपुत्री का ही एक रूप है। बता दे हरड़ सात प्रकार की होती है, इसमें हरीतिका भय को हरने वाली है, पथया- हित करने वाली है, कायस्थ - शरीर को बनाए रखने वाली है, अमृता - अमृत के समान, हेमवती - हिमालय पर होने वाली, चेतकी -चित्त को प्रसन्न करने वाली है और श्रेयसी- कल्याण करने वाली मानी गई है।

ब्राह्मी 

दरअसल ब्राह्मी को मां ब्रह्मचारिणी का प्रतीक माना जाता है। बता दे इसके इस्तेमाल से स्मरण शक्ति और आयु में बढ़ोतरी होती है। इतना ही नहीं यह आवाज को मीठा करने का काम करती है इसलिए इसे सरस्वती भी कहते हैं।

चंदुसूर 

दरअसल चंदुसूर पौधे में मां चंद्रघंटा का वास होता है। इसके पत्तियों के सेवन से शारीरिक शक्ति बढ़ाने में काफी मदद मिलती है। बता दे ह्दय रोग से पीड़ित व्यक्ति को मां चंद्रघंटा की पूजा करना चाहिए और इस औषधी का प्रयोग भी करना चाहिए।

पेठा 

दरअसल मां कूष्मांडा का अर्थ है कुम्हड़ा जिससे पेठा मिठाई बनती है। बता दे पेठा में मां का ये स्वरूप विराजमान है। मान्यता यह है कि मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए पेठा अमृत समान है। साथ ही नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा कर इसका उपयोग करना चाहिए।

अलसी 

दरअसल मां स्कंदमाता अलसी में विद्यमान है। इससे वात, पित्त, कफ, जैसे रोग नष्ट हो जाते हैं। साथ ही बता दे कि इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए।

मोइया 

दरअसल मां कात्यायनी के आयुर्वेद में कई नाम हैं जैसे अम्बालिका, अम्बिका, मोइया आदि। मोइया औषधि का इस्तेमाल कफ, पित्त और गले के रोग को खत्म करने के लिए किया जाता है।

नागदौन 

दरअसल नागौन के पौधे को मां कालरात्रि का रूप माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। बता दे ये औषधि मानसिक तनाव को दूर करने के लिए रामबाण मानी जाती है।

तुलसी

दरअसल तुलसी में मां महागौरी का वास है, बता दे नवरात्रि में घर में तुलसी लगाने से सुख-समृद्धि आती है और मां महागौरी की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है। बता दे तुलसी कई रोगों की नाशक भी है। हिंदू धर्म में मां तुलसी की पूजा अच्छी मानी जाती है और ज्यादातर घरों में मां तुलसी की पूजा भी की जाती है।

शतावरी 

दरअसल मां सिद्धिदात्री को शतावरी भी कहते हैं। इसके इस्तेमाल से बुद्धि और बल में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही मार्कण्डेय पुराण के अनुसार ये नौ औषधियां को ब्रह्माजी ने दुर्गाकवच का नाम दिया था।

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