2023 Me Shani Ki Sadhe Sati : शनि का कुप्रभाव 2023 में ऐसे करें कम , नहीं सताएगा साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या का डर
2023 Me Shani Ki Sadhe Sati : शनि का डर हर इंसान को सताता है। हर कोई शनि की तिरछी नजर से बचना चाहता है। इसके लिए अधिकांशत ये जानने में लगे रहते हैं, की कब उनके जीवन में साढ़ेसाती और ढैय्या का दस्तक होगा। वैसे ही आने वाले साल में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से कौन -कौन बचेगा और कौन परेशान रहेगा । जानते है।
2023 Me Shani Ki Sadhe Sati
2023 में शनि की साढ़ेसाती-ढैय्या का कहर
शनि का डर हर इंसान को सताता है। हर कोई शनि की तिरछी नजर से बचना चाहता है। इसके लिए अधिकांशत ये जानने में लगे रहते हैं, की कब उनके जीवन में साढ़ेसाती और ढैय्या का दस्तक होगा। वैसे ही आने वाले साल में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से कौन -कौन बचेगा और कौन परेशान रहेगा । जानते है। शनिदेव हर इंसान को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। आने वाले साल 2023 में कुछ राशियों पर शनिदेव की तिरछी नजर रहेगी। तो कुछ पर शनि मेहरबान रहेंगे। आने वाले साल में 2023 में कुंभ,मकर और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। साल 2023 में शनि की ढैय्या कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शुरू हो जाएगी।
इन राशियों शनि से राहत और इनको मिलेगा कष्ट
- मिथुन राशि को 17 जनवरी 2023 को शनि गोचर होते ही जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। इससे इन जातकों के बिगड़े काम बनने लगेंगे और शनि के कारण मिल रहे कष्ट दूर होंगे।
- तुला राशि 17 जनवरी 2023 से को भी ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। इन जातकों को पुरानी बीमारियों से राहत मिलेगी। तरक्की मिलेगी, आय बढ़ेगी।
- धनु राशि 17 जनवरी 2023 को शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। धनु राशि पर साढ़े साती का आखिरी चरण चल रहा है। जाते हुए शनि बड़ी राहत देकर जाएंगे।
- कुंभ राशि शनि साल 2023 की शुरुआत में कुंभ राशि में ही प्रवेश कर रहे हैं। इससे इस राशि पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू होगा। जो कि बेहद कष्टकारी रहेगा। शारीरिक, मानसिक समस्याएं हो सकती हैं. धन हानि हो सकती है। इसके अलावा कुंभ,मकर और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
इस दौरान जातकों को कष्ट भी झेलना पड़ सकता है। शनि देव जिन पर खुश होते हैं उनके किसी भी काम में कभी भी अड़चन नहीं आती है। शनि की साढ़ेसाती से जातकों हर काम में बाधा का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए आने वाले साल में इन मंत्रों के जाप कर शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का असर कम कर सकते है। जानते हैं शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए विशेष मंत्र...
साढ़े साती से बचने के लिए शनि देव के मंत्र :-
ॐ शं शनिश्चराय नम:
इस साल आप शनिदेव की पूजा करते वक़्त इस मंत्र का जाप अवश्य करें। इस मंत्र के जाप से शनिदेव की विशेष कृपा बरसती है।
सुखद और सफल जीवन के लिए शनि का मंत्र:-
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
शनि देव महाराज का वैदिक मंत्र:-
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र:-
ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने का शनि मंत्र:-
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।
साढेसाती का प्रभाव को ऐसे कम करें
- शनिदेव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो वो अपने भक्तों को मुसीबत से बचा लेते हैं। ऐसे में शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन काला तिल और सरसों का तेल शनिदेव को अर्पित करें। साथ ही ऊँ शं शनैश्चराय नमः का रुद्राक्ष की माला में 108 बार जप करें।
- दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।शनिवार को सामर्थ्य अनुसार काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उदड़ की दाल का दान करें ,इससे शनिदेव प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करते हैं।
- शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल को जल अर्पित करें। इसके साथ ही सात परिक्रमा करें। उसी दिन शाम को पीपल की जड़ में सरसों का दीपक जलाएं।
- मान्यता है कि शनि से संबंधित बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय धारण करे। इसके लिए ज्योतिष की सलाह जरूर लें।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव ने बजरंगबली को ये वरदान दिया था वो उनके भक्तों को कभी नहीं सताएंगे। इसलिए शनिवार को हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा करनी चाहिए।
- काले तिल, आटा, शक्कर का मिश्रण बनाकर हर शनिवार को चींटियों को खिलाएं। इससे शनि देव का अशुभ प्रभाव कम होता है।
- शनिवार के दिन भगवान भोलेनाथ को जल में काला तिल मिलाकर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है।
बता दें कि शनि देव 17 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 2 मिनट पर मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि गोचर होते ही 2 राशियों को ढैय्या से 1 राशि के जातकों को साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी। शनि की साढ़े साती और ढैय्या हटते ही इन राशियों के लोगों को ढेरों परेशानियों से राहत मिलेगी।