Aaj Ka Panchang11 February- 2023 : आज शनिवार को कौन सी तिथि है, जानने के लिए देखिए आज का पंचांग
Aaj Ka Panchang11 February- 2023 आज शनिवार का दिन है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की पंचमी-षष्ठी तिथि है। आज आप शनिदेव स्मरण ध्यान और जयकारा लगाइए। इस दिन शनि की पूजा व्रत करें और दान दें तो अच्छा रहेगा।
आज का पचांग Aaj Ka Panchang:
हमारे दैनिक रोजमर्रा के कामों के लिये काफी मददगार है। इससे हमें पता रहता है कि आज कौनसा समय महत्वपूर्ण कार्यों को करने या निर्णयों को लेने के लिये शुभ परिणाम देने वाला रहेगा। इस प्रकार पंचांग की मदद से हम अपने दिन की एक बेहतर योजना बना सकते हैं। यदि पंचांग के अनुसार आज के लिये हमारे ग्रहों की दशा व दिशा शुभ संकेत नहीं कर रही है तो हम अपने कार्यों को थोड़े समय के लिये होल्ड कर सकते हैं या फिर आवश्यक कार्य बिना किसी लापरवाही के सावधानी के साथ निपटा सकते हैं। कुल मिलाकर समय के अनुसार हम सतर्क रह सकते हैं। पंचांग तिथि, वार, नक्षत्र, योग एवं करण मुख्य पांच अंग का मेल होते हैं।
आज का पञ्चाङ्ग
- शनिवार, ११ फरवरी २०२३
- सूर्योदय: 🌄 ०७:०५
- सूर्यास्त: 🌅 ०६:११
- चन्द्रोदय: 🌝 २३:०६
- चन्द्रास्त: 🌜१०:०१
- अयन 🌖 उत्तरायणे (दक्षिणगोलीय)
- ऋतु: 🎄 शिशिर
- शक सम्वत: १९४४ (शुभकृत)
- विक्रम सम्वत: २०७९ (नल)
- मास 👉 फाल्गुन
- पक्ष- कृष्ण
- तिथि- पञ्चमी (०९:०८ से षष्ठी)
- नक्षत्र- चित्रा (२५:४० से स्वाती)
- योग-शूल (१६:२३ से गण्ड)
- प्रथम करण- तैतिल (०९:०८ तक)
- द्वितीय करण- गर (२१:३१ तक)
- ॥ गोचर ग्रहा: ॥
- सूर्य 🌟 मकर
- चंद्र 🌟 तुला (१३:०२ से)
- मंगल 🌟 वृष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
- बुध 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी )
- गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
- शुक्र 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम)
- शनि 🌟 कुम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
- राहु 🌟 मेष
- केतु 🌟 तुला
शुभाशुभ मुहूर्त विचार
- अभिजित मुहूर्त -१२:०९ से १२:५३
- अमृत काल -१८:५४ से २०:३५
- सर्वार्थसिद्धि योग -२५:४० से ३१:००
- रवियोग -२५:४० से ३१:००
- विजय मुहूर्त-१४:२१ से १५:०६
- गोधूलि मुहूर्त- १७:५९ से १८:२५
- सायाह्न सन्ध्या -१८:०२ से १९:२०
- निशिता मुहूर्त- २४:०५ से २४:५७
- राहुकाल -०९:४६ से ११:०९
- राहुवास-पूर्व
- यमगण्ड -१३:५४ से १५:१७
- होमाहुति -गुरु
- दिशाशूल -पूर्व
- अग्निवास-पृथ्वी (०९:०८ तक)
- चन्द्रवास -दक्षिण (पश्चिम १३:०३ से)
- शिववास -नन्दी पर (०९:०८ से भोजन में)
चौघड़िया विचार
- ॥ दिन का चौघड़िया ॥
- १ - काल २ - शुभ
- ३ - रोग ४ - उद्वेग
- ५ - चर ६ - लाभ
- ७ - अमृत ८ - काल
- ॥रात्रि का चौघड़िया॥
- १ - लाभ २ - उद्वेग
- ३ - शुभ ४ - अमृत
- ५ - चर ६ - रोग
- ७ - काल ८ - लाभ
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
शुभ यात्रा दिशा
पश्चिम-दक्षिण (वायविंडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
तिथि विशेष
माता यशोदा जयन्ती, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०८:३१ से ०९:५५ तक, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:४१ से ०१:०२ तक आदि।
आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
आज २५:४० तक जन्मे शिशुओ का नाम चित्रा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (पे, पो, रा, री) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम स्वाती नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार (रू) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
उदय-लग्न मुहूर्त
- मकर - २९:२९ से ०७:१०
- कुम्भ - ०७:१० से ०८:३६
- मीन - ०८:३६ से १०:००
- मेष - १०:०० से ११:३३
- वृषभ - ११:३३ से १३:२८
- मिथुन - १३:२८ से १५:४३
- कर्क - १५:४३ से १८:०५
- सिंह - १८:०५ से २०:२४
- कन्या - २०:२४ से २२:४२
- तुला - २२:४२ से २५:०२
- वृश्चिक - २५:०२ से २७:२२
- धनु - २७:२२ से २९:२५
पञ्चक रहित मुहूर्त
- चोर पञ्चक - ०७:०१ से ०७:१०
- शुभ मुहूर्त - ०७:१० से ०८:३६
- रोग पञ्चक - ०८:३६ से ०९:०८
- शुभ मुहूर्त - ०९:०८ से १०:००
- शुभ मुहूर्त - १०:०० से ११:३३
- रोग पञ्चक - ११:३३ से १३:२८
- शुभ मुहूर्त - १३:२८ से १५:४३
- मृत्यु पञ्चक - १५:४३ से १८:०५
- अग्नि पञ्चक - १८:०५ से २०:२४
- शुभ मुहूर्त - २०:२४ से २२:४२
- रज पञ्चक - २२:४२ से २५:०२
- शुभ मुहूर्त - २५:०२ से २५:४०
- चोर पञ्चक - २५:४० से २७:२२
- शुभ मुहूर्त - २७:२२ से २९:२५
- रोग पञ्चक - २९:२५ से ३१:००
पंचांग क्या होता है?
पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। हर दिन की तिथि का निर्धारण सूर्य और चंद्मा में भेद के आधार पर होता है और पंचांग के आधार पर हर दिन के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करते हैं। इसके आधार पर अपने काम को आसान बनाते हैँ। आज का पंचांग में तिथि, पक्ष, माह, नक्षत्र भी देखना जरुरी होता है। क्योंकि हर एक शुभ कार्य के लिए अलग अलग नक्षत्र होता है। सूर्योदय से दूसरे दिन सूर्योंदय के कुछ पहर पहले तक ही एक तिथि मानी जाती। चंद्रमा का स्थान जिस दिन चंद्रमा जिस स्थान पर होता है। उस दिन वही नक्षत्र और राशि मानी जाती है। चंद्रमा एक राशि में ढ़ाई दिन तक रहते हैं।
तिथि वारं च नक्षत्रं योगं करणमेव च।
पंचांगस्य फलं श्रुत्वा गंगा स्नानं फलं लभेत् ।।