Aaj Ka Panchang 11 July 2021: जानिए 11 जुलाई का पंचांग, रविवार को बन रहे दो शुभ योग, मुहूर्त और राहुकाल
Aaj Ka Panchang 11 July 2021:11 जुलाई को रविवार के दिन आषाढ़ मास की अमावस्या और शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग रही है। व्यवसाय और सेहत का हाल या कोई शुभ काम करना हो शुरू तो यहां जान लीजिए शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त।
Aaj Ka Panchang ( आज का पंचांग) 11 July 2021:
ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का बहुत महत्व है। पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं।
आज रविवार का दिन आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के साथ द्वितीया तिथि है।
आज 11 जुलाई का पंचांग
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत- 1943 प्लव
विक्रम सम्वत- 2078
- आज की तिथि - प्रतिपदा 07:47 AM के बाद द्वितीया तिथि
- आज का नक्षत्र- पुष्य
- आज का करण- बव
- आज का पक्ष-शुक्ल
- आज का योग- हर्षण
- आज का वार- रविवार
आज सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय- 05:15 am
- सूर्यास्त- 18.52 pm
आज चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
- चन्द्रोदय- 06:06 AM
- चन्द्रास्त- 08:09 PM
चन्द्रमा राशि- कर्क
शुभ समय
- अभिजीत मुहूर्त -11:36 AM से 12:31 PM
- अमृत काल - 07:37 PM से 09:18 PM
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:16 AM – 05:04 AM
- शुभ योग
- सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:15 AM से 02:22 AM, 12 जुलाई
- रवि पुष्य योग - 05:52 AM - 02:22 AM,12 जुलाई
अशुभ समय
- राहु काल- 5:32 PM – 7:12 PM
- कालवेला / अर्द्धयाम- 11:36 AM से 12:30 PM तक
- दुष्टमुहूर्त- 05:14PM से 06:08PM तक
- कुलिक- 17:02 PMसे 17:57 PM तक
- भद्रा- नहीं
- यमगण्ड- 12:03 PM से 13:45 PM तक
- गुलिक काल- 05:14 AM से 06:56 AM तक
- यमघण्ट 13:25PM से 14:19 PM तक
11 जुलाई को रविवार के दिन आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग रही है। व्यवसाय और सेहत का हाल या कोई शुभ काम करना हो शुरू तो यहां जान लीजिए शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त। रविवार के दिन कुछ लोगों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है।
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पंचांग क्या है?
पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। हर दिन की तिथि का निर्धारण सूर्य और चंद्मा में भेद के आधार पर होता है और पंचांग के आधार पर हर दिन के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करते हैं। इसके आधार पर अपने काम को आसान बनाते हैँ। आज का पंचांग में तिथि, पक्ष, माह, नक्षत्र भी देखना जरुरी होता है। क्योंकि हर एक शुभ कार्य के लिए अलग अलग नक्षत्र होता है। सूर्योदय से दूसरे दिन सूर्योंदय के कुछ पहर पहले तक ही एक तिथि मानी जाती। चंद्रमा का स्थान जिस दिन चंद्रमा जिस स्थान पर होता है। उस दिन वही नक्षत्र और राशि मानी जाती है। चंद्रमा एक राशि में ढ़ाई दिन तक रहते हैं।
तिथि वारं च नक्षत्रं योगं करणमेव च।
पंचांगस्य फलं श्रुत्वा गंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
आदिकाल में ही इस श्लोक के माध्यम से पंचांग को परिभाषित किया है।
- तिथि- पंचांग का पहला अंग तिथि है। जो 16 है। इनमें पूर्णिमा और अमावस्या दो प्रमुख तिथियां है। जो दो पक्षों का निर्धारण करते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। पूर्णिमा और अमावस्या दोनों तिथि माह में एक बार आती है।
- नक्षत्र- नक्षत्र 27 होते हैं। लेकिन एक मुहूर्त अभिजीत नक्षत्र है जो शादी विवाह के समय देखा जाता है। इसे मिला कर 28 नक्षत्र भी कहे जाते है।
- योग- 27 होते है। मनुष्य के जीवन में योग का बहुत महत्व है।
- करण- 11 होते हैं। 4 स्थिर व 7 परिवर्तनशील है।
- वार- सप्ताह में 7 दिन होते हैं। जो रविवार से शुरू, सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, और शनिवार पर खत्म होते हैं।