16 August 2021 Ka Panchang in Hindi: 16 अगस्त को बन रहा बहुत शुभ योग, अगर करना चाहते रुद्राभिषेक तो देखिए आज का पंचांग

16 August 2021 Ka Panchang in Hindi:16 अगस्त को सोमवार के दिन सावन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि लग रही है। इस दिन दो शुभ योग भी बन रहे है। रवि योग और सवार्थसिद्धि योग। आज के दिन कोई भी शुभ काम या रुद्राभिषेक करना हो तो कर सकते हैं।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update: 2021-08-16 06:15 GMT

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

 16 August 2021 Ka Panchang in Hindi:

ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का बहुत महत्व है ।  पंचांग  ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं।

आज  सोमवार  का दिन  है। शुक्ल पक्ष की  अष्टमी तिथि है।  सवार्थ सिद्धि और रवि योग से बना दिन 16 अगस्त बहुत शुभ है।  सावन मास होने की वजह से हर तरफ शिव  की पूजा और शिवमय माहौल बना हुआ है। देखिए आज का पंचांग...                                                                                                    

  • आज 16 अगस्त का पंचांग

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत- 1943 प्लव

विक्रम सम्वत- 2078

  • आज की तिथि - 

     अष्टमी 07:45 AM तक उसके बाद नवमी


    आज का नक्षत्र- अनुराधा 03:02 AM, 17 अगस्त तक

आज का करण- बव

आज का पक्ष- शुक्ल पक्ष

आज का योग-इन्द्र

आज का वार-सोमवार

सूर्योदय- 06:07 AM

सूर्यास्त- 06:55 PM

आज चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय

चन्द्रोदय- 01:01 PM

चन्द्रास्त-12:02 AM, 17 अगस्त

सूर्य -कर्क राशि

चन्द्रमा राशि

   चन्द्रमा - वृश्चिक राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)

दिन - सोमवार

माह- सावन 


  • शुभ समय

    अभिजीत मुहूर्त- 11:36 AM से 12:28 PM

    अमृत काल-05:15 PM से 06:45 PM

    ब्रह्म मुहूर्त- 04:04 AM, से 04:48 AM


    शुभ योग

सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:32 AM से 03:02 AM, 17 अगस्त

रवि पुष्य योग -005:32 AM से 01:32 AM, 17 अगस्त

03:02 AM, से 05:32 AM, 17 अगस्त

अमृतसिद्धि योग- नहीं

त्रिपुष्कर  योग- नहीं

  • अशुभ समय

राहु काल-7:43 AM  से 9:19  AM तक

कालवेला / अर्द्धयाम-09:51AM से 10:44AM  तक

दुष्टमुहूर्त- 12:28PM  से 13:20 PM  तक, 15:04PM से 15:56PM  तक

कुलिक-15.43  PM से 17:19 PM तक

भद्रा- नहीं

यमगण्ड-10:24AM से 12:02PM  तक

गुलिक काल-13:39 PMसे 15:17 PM तक

गंडमूल -03:02 AM  से 05:32 AM 17 अगस्त

  • चौघड़िया

    दिन का चौघड़िया


अमृत – 06:07 AM से 07:43 AM तक

काल – 07:43 AM से 09:19 AM तक

शुभ – 09:19 AM से 10:55 AM तक

रोग – 10:55 AM से 12:31 PM तक

उद्बेग – 12:31 PM से 14:07 PM तक

चर – 14:07 PM से 15:42 PM तक

अमृत – 15:42 PM से 17:18 PM तक

अमृत – 17:18 PM से 18:54 PM तक


रात का चौघड़िया


चर – 18:54 PM से 20:18 PM तक

रोग – 20:18 PM से 21:43 PM तक

काल – 21:43 PM से 23:07 PM तक

लाभ – 23:07 PM से 00:31 AM तक

उद्बेग – 00:31 AM से 01:55 AM तक

शुभ – 01:55 AM से 03:19 AM तक

अमृत – 03:19 AM से 04:43 AM तक

चर – 04:43 AM से 06:07 AM तक

पंचांग क्या होता है? 

पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। हर दिन की तिथि का निर्धारण सूर्य और चंद्मा में भेद के आधार पर होता है और पंचांग के आधार पर हर दिन के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करते हैं। इसके आधार पर अपने काम को आसान बनाते हैँ। आज का पंचांग में तिथि, पक्ष, माह, नक्षत्र भी देखना जरुरी होता है। क्योंकि हर एक शुभ कार्य के लिए अलग अलग नक्षत्र होता है। सूर्योदय से दूसरे दिन सूर्योंदय के कुछ पहर पहले तक ही एक तिथि मानी जाती। चंद्रमा का स्थान जिस दिन चंद्रमा जिस स्थान पर होता है। उस दिन वही नक्षत्र और राशि मानी जाती है। चंद्रमा एक राशि में ढ़ाई दिन तक रहते हैं।

तिथि वारं च नक्षत्रं योगं करणमेव च।

पंचांगस्य फलं श्रुत्वा गंगा स्नानं फलं लभेत् ।।

आदिकाल में ही इस श्लोक के माध्यम से पंचांग को परिभाषित किया है।

  • तिथि- पंचांग का पहला अंग तिथि है। जो 16 है। इनमें पूर्णिमा और अमावस्या दो प्रमुख तिथियां है। जो दो पक्षों का निर्धारण करते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। पूर्णिमा और अमावस्या दोनों तिथि माह में एक बार आती है।
  • नक्षत्र- नक्षत्र 27 होते हैं। लेकिन एक मुहूर्त अभिजीत नक्षत्र है जो शादी विवाह के समय देखा जाता है। इसे मिला कर 28 नक्षत्र भी कहे जाते है।
  • योग- 27 होते है। मनुष्य के जीवन में योग का बहुत महत्व है।
  • करण- 11 होते हैं। 4 स्थिर व 7 परिवर्तनशील है।
  • वार- सप्ताह में 7 दिन होते हैं। जो रविवार से शुरू, सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, और शनिवार पर खत्म होते हैं।

16 अगस्त को सोमवार के दिन सावन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि लग रही है। इस दिन दो शुभ योग भी बन रहे है। रवि योग और सवार्थसिद्धि योग। आज के दिन कोई भी शुभ काम या रुद्राभिषेक  करना हो तो कर सकते हैं। आज का दिन हर दृष्टि से शुभ फलदायी है। अगर किसी शुभ काम को शुरू करना हो, गाड़ी, मकान वस्त्र -आभूषण कुछ भी खरीदना हो तो यहां जान लीजिए शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त। सोमवार के दिन कुछ लोगों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है। 

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