4 August 2021 Ka Panchang in Hindi: जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, देखिए आज का पंचांग
4 August 2021 Ka Panchang in Hindi: आज का दिन हर दृष्टि से शुभ फलदायी है। अगर किसी शुभ काम को शुरू करना हो, गाड़ी, मकान वस्त्र -आभूषण कुछ भी खरीदना हो तो यहां जान लीजिए शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त।
4 August 2021 Ka Panchang in Hindi:
ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का बहुत महत्व है। पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। इसकी मदद से हम दिन के हर बेला के शुभ और अशुभ समय का पता लगाते हैं। उसके आधार पर अपने खास कर्मों को इंगित करते हैं।
आज बुधवार के दिन है। कृष्ण पक्ष की एकादशी का दिन है। आज के दिन सावन की पूजा व्रत करें और दान करेंगे तो अच्छा रहेगा।
हिन्दू मास एवं वर्ष शक सम्वत- 1943 प्लव विक्रम सम्वत- 2078 |
आज का नक्षत्र -मॄगशिरा 04:25 AM, 05 अगस्त तक आज का करण-विष्टि आज का पक्ष- कृष्ण आज का योग-ध्रुव आज का वार- बुधवार सूर्योदय-05:26 AM सूर्यास्त-06:41 PM आज चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय चन्द्रोदय-02:11 AM 05 अगस्त चन्द्रास्त-03:31 PM सूर्य -कर्क राशि चन्द्रमा राशि चन्द्रमा -03:07 PM तक चन्द्रमा वृष राशि के जातक मिथुन राशि पर संचार करेगा | दिन - बुधवार |
शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:26 AM से 04:25 AM, 05 अगस्त रवि पुष्य योग -नहीं अमृतसिद्धि योग-नहीं |
राहु काल- 12:32 PM से 02:10 PM तक कालवेला / अर्द्धयाम-06:19 से 07:12 तक दुष्टमुहूर्त- 11:37 से 12:30 तक कुलिक-10:55 AM से 12:32 PM तक भद्रा- कोई नहीं है। यमगण्ड-07:05 से 08:45 तक गुलिक काल- 10:24 से 12:03 तक गंडमूल -कोई नहीं है। |
लाभ – 06:02 AM से 07:40 AM तक अमृत – 07:40 AM से 09:17 AM तक काल – 09:17 AM से 10:55 AM तक शुभ – 10:55 AM से 12:32 PM तक रोग – 12:32 PM से 14:10 PM तक उद्बेग – 14:10 PM से 15:48 PM तक चर – 15:48 PM से 17:25 PM तक लाभ – 17:25 PM से 19:03 PM तक रात का चौघड़िया उद्बेग – 19:03 PM से 20:25 PM तक शुभ – 20:25 PM से 21:48 PM तक अमृत – 21:48 PM से 23:10 PM तक चर – 23:10 PM से 00:33 AM तक रोग – 00:33 AM से 01:55 AM तक काल – 01:55 AM से 03:18 AM तक लाभ – 03:18 AM से 04:40 AM तक उद्बेग – 04:40 AM से 06:03 AM तक |
पंचांग क्या होता है?
पंचांग ज्योतिष के पांच अंगों का मेल है। जिसमें तिथि,वार, करण,योग और नक्षत्र का जिक्र होता है। हर दिन की तिथि का निर्धारण सूर्य और चंद्मा में भेद के आधार पर होता है और पंचांग के आधार पर हर दिन के शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करते हैं। इसके आधार पर अपने काम को आसान बनाते हैँ। आज का पंचांग में तिथि, पक्ष, माह, नक्षत्र भी देखना जरुरी होता है। क्योंकि हर एक शुभ कार्य के लिए अलग अलग नक्षत्र होता है। सूर्योदय से दूसरे दिन सूर्योंदय के कुछ पहर पहले तक ही एक तिथि मानी जाती। चंद्रमा का स्थान जिस दिन चंद्रमा जिस स्थान पर होता है। उस दिन वही नक्षत्र और राशि मानी जाती है। चंद्रमा एक राशि में ढ़ाई दिन तक रहते हैं।
तिथि वारं च नक्षत्रं योगं करणमेव च।
पंचांगस्य फलं श्रुत्वा गंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
आदिकाल में ही इस श्लोक के माध्यम से पंचांग को परिभाषित किया है।
- तिथि- पंचांग का पहला अंग तिथि है। जो 16 है। इनमें पूर्णिमा और अमावस्या दो प्रमुख तिथियां है। जो दो पक्षों का निर्धारण करते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। पूर्णिमा और अमावस्या दोनों तिथि माह में एक बार आती है।
- नक्षत्र- नक्षत्र 27 होते हैं। लेकिन एक मुहूर्त अभिजीत नक्षत्र है जो शादी विवाह के समय देखा जाता है। इसे मिला कर 28 नक्षत्र भी कहे जाते है।
- योग- 27 होते है। मनुष्य के जीवन में योग का बहुत महत्व है।
- करण- 11 होते हैं। 4 स्थिर व 7 परिवर्तनशील है।
- वार- सप्ताह में 7 दिन होते हैं। जो रविवार से शुरू, सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, और शनिवार पर खत्म होते हैं।
4 अगस्त को बुधवार के दिन सावन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि लग रही है। कोई भी शुभ काम करना हो तो कर सकते हैं। आज का दिन हर दृष्टि से शुभ फलदायी है। अगर किसी शुभ काम को शुरू करना हो, गाड़ी, मकान वस्त्र -आभूषण कुछ भी खरीदना हो तो यहां जान लीजिए शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त। बुधवार के दिन कुछ लोगों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है।
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