5 नवंबर को है अक्षय नवमी, इस दिन करें ये सारे काम

कार्तिक  मास में स्नान दान का बहुत महत्व होता है। इस माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी कहते हैं। इस दिन को आंवला नवमी भी कहा जाता हैं। कहते हैं कि  इस दिन स्नान करने से अक्षय फल मिलता है। इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार 5 नवंबर को अक्षय नवमी की पूजा है।

Update: 2019-11-02 01:42 GMT

कार्तिक मास में स्नान दान का बहुत महत्व होता है। इस माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी कहते हैं। इस दिन को आंवला नवमी भी कहा जाता हैं। कहते हैं कि इस दिन स्नान करने से अक्षय फल मिलता है। इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार 5 नवंबर को अक्षय नवमी की पूजा है।

पेड़ में लक्ष्मी का वास

इस दिन स्नान, पूजन, तर्पण और अन्न दान करने से हर मनोकामना पूरी होती है। अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का नियम है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले का पेड़ भगवान विष्णु को प्रिय है, क्योंकि इसमें लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए इसकी पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।

करें आंवला पेड़ की पूजा

इस दिन गुप्त दान करना शुभ माना जाता है। आंवला के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। दीया जलाया जाता है, परिक्रमा कर रक्षा सूत्र बांधा जाता है। इस दिन पेड़ के नीचे बैठकर खाना खाने से अच्छा फल मिलता हैं। ये तिथि बहुत ही शुभ होती है। इसलिए इस दिन कई शुभ काम शुरू किए जाते हैं।

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इस विधि से करें अक्षय नवमी की पूजा

* इस दिन सुबह स्नान कर दाहिने हाथ में जल, चावल, फूल आदि लेकर व्रत का संकल्प किया जाता है।

* नवमी के दिन आंवला पेड़ के नीचे भोजन बनाकर खाने का महत्व है। भोजन में खीर, पूड़ी या मिष्ठान्न कुछ भी हो सकता है।यदि भोजन बनाने में असुविधा हो तो घर में भोजन बनाकर आंवला के पेड़ के नीचे जाकर पूजन करने के बाद भोजन करना चाहिए।

* इस दिन आंवला जरूर खाएं। बहुत शुभ होता है। आंवले का रस मिलाकर नहाएं। ऐसा करने से आपके ईर्द-गिर्द जितनी भी नेगेटिव ऊर्जा होगी, वह समाप्त हो जाती है। सकारात्मकता और पवित्रता बढ़ती है। फिर आंवले के पेड़ और देवी लक्ष्मी का पूजन करें। ऐसा करने से पाप कर्म पुण्य में बदल जाते हैं।

 

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