जयपुर: मार्गशीर्ष अमावस्या 2019 में बेहद खास और अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। साल 2019 में मार्गशीर्ष अमावस्या 5 जनवरी शनिवार को पड़ रही है। हिंदू पंचांग में पूरे मास को शुक्ल और कृष्ण पक्ष में बांटा गया है। महीने की तीसवीं और और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। यह पूरी अंधेरी रात होती है, इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इस दिन बुरी शक्तियों के शक्तिशाली होने की बात कही गई। ऐसी मान्यता है कि जीवन की किसी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति के लिए अगर इस दिन उपाय किए जाएं, वह फलीभूत होता है।
कोई बहुत समय से बीमार हो या लगातार किसी ना किसी बीमारी से पीड़ित हो, तो अमावस्या की शाम में उसके पहने हुए किसी भी कपड़े का एक धागा निकालकर थोड़ी से रूई में मिलाकर बाती बनाएं। अपने नजदीक के किसी भी हनुमान मंदिर में मिट्टी के दीपक में इस बाती का साथ दिया जलाएं।वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और रोगी के ठीक होने की प्रार्थना करें। कुछ ही दिनों में इसका असर दिखेगा और रोगी धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगेगा। इसे सुबह (ब्रह्ममुहूर्त में) स्नान के बाद भी कर सकते हैं। लेकिन किसी भी समय करें, इतना अवश्य ध्यान रखें कि अमावस्या को करने के बाद लगातार 7 मंगलवार और शनिवार को यही प्रक्रिया अवश्य दुहराएं।
3 जनवरी: सिंह राशि सावधान रहें चिड़चिड़ापन से होगा नुकसान, जानिए बाकी राशियों का हाल
शास्त्रों के अनुसार सुपारी सभी देवों को प्रिय है और यह भगवान गणेश का रूप भी माना गया है। इसलिए सभी प्रकार की पूजा में सुपारी का प्रयोग अवश्य किया जाता है। इसके कई प्रकार के शास्त्रीय प्रयोग भी किए जाते हैं। यहां सुपारी का जो प्रयोग हैं वह किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, लेकिन अगर अमावस्या की रात करें तो और भी अच्छा है। एक सुपारी को एक सिक्के के साथ कलावे में बांधकर पीपल के पेड़ के नीचे रख आएं। अब उसी पीपल के पेड़ का एक पत्ता तोड़कर घर आ जाएं। इस पत्ते को गंगाजल से शुद्ध कर अपनी तिजोरी में मां लक्ष्मी की तस्वीर के सामने रखें।
ऐसा करते हुए माता लक्ष्मी से खुद पर और परिवार पर हमेशा कृपा रखने की प्रार्थना करें। इससे पर अवश्य ही लक्ष्मी की कृपा होगी और देखेंगे कि हर प्रकार की परेशानी अपने ही दूर होती जा रही है।इस प्रयोग को करते हुए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सुपारी कहीं से भी खंडित या टूटी हुई ना हो। इसके अलावा सामान्यत: पान के साथ प्रयोग की जाने वाली सुपारी से भी पूजा की सुपारी अलग होती है। यह उससे छोटे आकार की होती है, इसलिए सुपारी लेते हुए इसका भी ध्यान रखें।