Amitabh Bachchan Ki Kundali: अमिताभ बच्चन की कुंडली क्या कहती है, कब तक चलता रहेगा काम और नाम
Amitabh Bachchan Kundli 2025 Ka Rashifal: अमिताभ बच्चन उम्र के इस पड़ाव पर भी शिखर पर है । लोगों में उनके प्रति क्रेज आज भी बरकरार है। आखिर उनकी कुंडली में ऐसा क्या है कि वो आज भी नवोदित कलाकारों को टक्कर दे रहे है और सफलता के पायदान छू रहे है, जानिए...;
Amitabh Bachachan Ki Kundali: अमिताभ बच्चन, जिन्हें भारतीय सिनेमा का शहंशाह कहा जाता है, उनका जीवन एक प्रेरणा है। अपनी करियर की शुरुआत एक वॉयस नैरेटर के रूप में करने वाले अमिताभ ने सफलता की बुलंदियों को छुआ और भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक है।
अमिताभ बच्चन की सफलता और लंबी लोकप्रियता की वजह शनि की कृपा है। ऐसी कुंडली और ऐसे लोगों की रचना कम लोग की होती हैं, अमिताभ जैसे स्टारडम, प्रशंसा, करिश्मा और प्रसिद्धि प्राप्त होती है, जो समय की हर परीक्षा पर खरे उतरते हैं। जो कुछ समय के लिए चमकते हैं और फिर या तो गुमनामी में खो जाते हैं या उनकी लोकप्रियता कम हो जाती है। लेकिन अमिताभ बच्चन इस धारणा को तोड़ते हैं। वह एक ऐसे आइकन हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा, मेहनत और व्यक्तित्व से हर चुनौती को पार किया है। अमिताभ बच्चन, जिनकी चमक सूर्य के समान है, हर साल 11 अक्टूबर को अपना जन्मदिन मनाते हैं।
अमिताभ बच्चन की कुंडली क्या कहती है
अमिताभ बच्चन
जन्म तिथि :- 11 अक्टूबर 1942
जन्म समय :- 16.00
जन्म स्थान :- इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
जन्म कुंडली-अमिताभ बच्चन की कुंडली में कुंभ लग्न और तुला राशि का योग उन्हें सफल और प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाता है। यह ज्योतिषीय स्थिति उन्हें समाज की सीमाओं को तोड़ने और नए मानदंड स्थापित करने की प्रेरणा देती है।कुंभ लग्न में केतु की स्थिति ने अमिताभ को प्रतिभाशाली और आत्मनिर्भर बनाया। अमिताभ बच्चन की कुंडली में चौथे और नवें भाव में शुक्र की स्थिति ने उन्हें असाधारण क्षमता और सफलता प्रदान की। हालांकि, इसने उनके जीवन में उतार-चढ़ाव भी लाए, लेकिन अंततः उन्होंने ख्याति और पहचान प्राप्त की।चंद्रमा और शनि का संयोजन अनुशासन, संरचना और संगठन का प्रतीक है। अमिताभ बच्चन के कार्य नैतिकता में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। वह सेट पर समय से पहले पहुंचने और अपनी भूमिकाओं की तैयारी में पूरी लगन दिखाने के लिए जाने जाते हैं।
शनि ग्रह लग्न पर शासन करता है - स्थायी प्रसिद्धि और गौरव!अमिताभ बच्चन का जन्म कुंभ लग्न में हुआ था और लग्न का स्वामी शनि वक्री है तथा उनकी जन्म कुंडली में चौथे भाव में स्थित है शनि का सारा आशीर्वाद!शनि की अपनी मित्र राशि वृषभ में चतुर्थ भाव में स्थिति ने उन्हें विभिन्न प्रकार की संपत्ति और भौतिक सुख-सुविधाओं से संपन्न किया है। इस भाव में शनि की स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि उनके पास जो भी भौतिक सुख-सुविधाएँ, संपत्ति, संपत्ति, विलासिता और धन है, वह सब उन्होंने कड़ी मेहनत और स्वयं के प्रयास से प्राप्त किया है!
उनकी कुंडली में उच्च का बुध है भाषा मे अच्छी पकड़ बनाता है। शुक्र - ब्रह्मांडीय कवि, बिग बी को काव्यात्मक क्षमता का आशीर्वाद दे रहे हैं! वह कविता को इतनी खूबसूरती से प्रस्तुत करने में सक्षम हैं क्योंकि शुक्र और बुध एक साथ हैं और नीच भंग राज योग बना रहे हैं। शुक्र कला/रचनात्मकता/कविता का प्रतीक है और बुध भाषाओं का नियंत्रण करता है और उनके मिलन से एक बहुत ही सुंदर राज-योग बनता है। यही कारण है कि बिग बी इतनी खूबसूरती से कविताएँ प्रस्तुत करने में सक्षम हैं। शनि महादशा (1971 से 1990 तक) ने उन्हें भारतीय फिल्म उद्योग का सुपरस्टार और महान नायक बना दिया। शनि एक ऐसा ग्रह है जो जातक को लंबे समय तक महानता और प्रसिद्धि प्रदान करता है, अगर वह सही स्थिति में हो, और बच्चन वास्तव में एक भाग्यशाली और योग्य व्यक्ति हैं! आज तक सफलता की उचाई छू रहे है।
अमिताभ बच्चन की कुंडली में राजयोग
बुध आदित्य योग-सूर्य और बुध का संयोग उनकी कुंडली में बुध आदित्य योग बनाता है। यह योग व्यक्तित्व को मजबूत और आकर्षक बनाता है। अमिताभ बच्चन की सफलता और उनकी करिश्माई छवि इसी का परिणाम है।
राजयोग-अमिताभ बच्चन की कुंडली में विपरीत राजयोग ने उन्हें तमाम बाधाओं को पार कर सफलता दिलाई। शुरुआती असफलताओं के बावजूद उन्होंने खुद को भारतीय सिनेमा का प्रतिष्ठित चेहरा बनाया।
नीच भंग राजयोग-अमिताभ बच्चन की कुंडली में नीच भंग राजयोग ने बृहस्पति की कमजोर स्थिति के प्रभाव को खत्म कर दिया। इस योग ने उन्हें चुनौतियों को पार करने और "कौन बनेगा करोड़पति" और "मोहब्बतें" जैसी सफलताओं के जरिए अपने करियर को पुनर्जीवित करने में मदद की।
काहल योग- अमिताभ बच्चन की कुंडली कुंभ लग्न की है। कुंडली में शनि देव शुक्र की राशि वृषभ में बैठे हैं। शुक्र जो नौवें भाव के स्वामी हैं वो कन्या राशि के आठवें भाव में विराजमान होकर आठवें भाव के स्वामी बुध के साथ नीचभंग राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। वहीं दसवें भाव के स्वामी मंगल शुक्र के साथ काहल योग का निर्माण कर रहे हैं।जिसकी भी कुंडली में योग बनता है उन्हें समाज में खूब मान-सम्मान और उच्च पद की प्राप्ति होती है। दशमांश कुंडली में अपनी मूल त्रिकोण राशि में निर्दोष होकर नवम भाव में बैठे हैं। यह बताता है कि वे अपने अंतिम समय तक अपने कार्यक्षेत्र में सक्रिय रहेंगे और मान-सम्मान पाते रहेंगे।
अमिताभ बच्चन की कुंडली के विश्लेषण से पता चलता है कि ऐसे लोग अपने जीवन के अंतिम क्षणों में जन्मस्थान से दूर रहते है। इस साल काम के साथ सेहत उतार-चढ़ाव लगा रहेगा। घरेलू और पारिवारिक परेशानी थोड़ी बहुत बनी रहेगी। लेकिन काम का जुनून उन्हें गतिशील बनाएगा।