Apara Ekadashi Vrat: जानें क्या है एकादशी पारण का नियम, व्रत खोलने के बाद क्या खाएं और क्या नहीं

Apara Ekadashi Vrat 2022: सभी व्रतधारियों को यह जानना बेहद आवश्यक है कि व्रत के अगले दिन पारण करते हुए क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2022-05-26 08:07 GMT

अपरा एकादशी 2022 (फोटो: सोशल मीडिया )

Apara Ekadashi Vrat 2022: किसी भी एकादशी व्रत का नियम दशमी से द्वादशी तक चलता है। कहते हैं द्वादशी को पारण करते समय चावल जरूर खाना चाहिए। इस दिन भूल कर भी तामसिक चीजों का पारण में प्रयोग नहीं करना चाहिए। बता दें कि एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक महीने में दो बार एकादशी आती है और हर मास के अनुसार एकादशी व्रत का महात्मय और भी ज्यादा बढ़ जाता है। गौरतलब है कि एकादशी व्रत करने के लिए दशमी के दिन से लोगों को व्रत के नियम लग जाते हैं जो द्वादशी तक चलते हैं।

एकादशी व्रत पूजा कैसे करें (Apara Ekadashi Vrat Pujan Vidhi)

मान्यताओं के अनुसार जो मनुष्य दशमी से लेकर द्वादशी तक व्रत के नियमों का पालन नहीं करते हैं उन्हें इस व्रत का पूरा पुण्य लाभ प्राप्त नहीं हो पाता है। तभी जरुरी नहीं है कि हर व्रत धारियों को इस व्रत का पुण्य लाभ प्राप्त हो सके। इसलिए  सभी व्रतधारियों को यह जानना बेहद आवश्यक है कि व्रत के अगले दिन पारण करते हुए क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए। मान्यताओं के अनुसार एकादशी पर नियम और संयम के साथ व्रत रखकर भगवान विष्णु की उपासना करने के बाद अगले दिन द्वादशी तिथि पर पारण में खास चीजों के ही सेवन करने का विधान है।

बता दें कि एकदशी व्रत के पारण में कुछ विशेष चीजों का प्रयोग करने से ही आपको व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त हो पाता है। साथ ही देवतागण भी ऐसा करने पर प्रसन्न होते हैं। तो आइए जानते हैं एकादशी के पारण में किन चीज़ों का सेवन करना चाहिए 

- धर्म पुराणों के अनुसार तुलसी भगवान विष्णु को बेहद ही प्रिय माना जाता है। इसलिए मान्यताओं के अनुसार यदि उनकी पूजा में तुलसी न हो तो वह पूजा या भोग भगवान् ग्रहण नहीं करते, इसलिए भगवान विष्णु के किसी भी व्रत में तुलसी का प्रयोग जरूर करना चाहिए। साथ ही एकादशी व्रत के पारण में भी आप तुलसी पत्र को अपने मुख में डाल कर सकते हैं।

- मान्यताओं के अनुसार आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास माना जाता है। इसलिए एकादशी के व्रत में भी आंवले का भी विशेष महत्व होता है। उल्लेखनीय है कि एकादशी व्रत का पारण आंवला खाकर करने से मनुष्य को अखंड सौभाग्य, आरोग्य और संतान सुख की भी प्राप्ति होती है।

- धार्मिक पुराणों के अनुसार एकादशी व्रत के पारण पर चावल का सेवन जरूर करना चाहिए। गौरतलब है कि एकादशी व्रत के दिन चावल खाना मना होता है, लेकिन द्वादशी के दिन चावल खाना अति उत्तम माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन चावल खाने से प्राणी रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म पाता है। लेकिन वही द्वादशी के दिन चावल खाकर व्रत का पारण करने से इस योनि से मुक्ति भी मिल जाती है।

- एकादशी के पारण के दिन सेम की सब्जी खाना उत्तम माना जाता है। बता दें कि सेम को कफ और पित्त नाशक माना गया है। एकदशी व्रत के पारण में सेम धार्मिक और स्वास्थ्य के हिसाब से बेहतर पारण भोज्य माना जाता है।

- एकादशी व्रत के पारण में भोजन पकाने के लिए सिर्फ घी का ही प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए गाय के शुद्ध घी से ही व्रत के पारण का भोजन बनाये जाना चाहिए। गौरतलब है कि घी को सबसे शुद्ध पदार्थ माना गया है। साथ ही सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है।

इन चीज़ों इस्तेमाल है वर्जित 

एकादशी व्रत का पारण करते समय भूल कर मूली, बैंगन, साग, मसूर दाल, लहसुन-प्याज आदि का उपभोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन चीज़ों का उपभोग करना इसमें निषेध माना गया है। बता दें कि बैंगन पित्त दोष को बढ़ाने के साथ उत्ताजनावर्द्धक होता है, तो वहीं मसूर की दाल को अशुद्ध ही माना गया है। इसके अलावा ठंडी तासीर वाली मूली का सेवन व्रत के ठीक बाद सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। शास्त्रों में लहसुन-प्याज को तामसिक भोजन माना जाता है इसलिए इसका प्रयोग भी पारण में वर्जित माना गया है। माना जाता है कि तामसिक भोजन खाने से व्यक्ति में उत्तेजना, क्रोध, हिंसा और अशांति की भावना मन में ज्यादा आती है।

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