Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी कब है , जानिए मुहूर्त और शुभ योग महत्व

Apara Ekadashi 2024 Kab Hai: भगवान विष्णु का व्रत है एकादशी साल की 24 एकादशियों में ज्येष्ठ मास की सबसे अहम है।इसमें कृष्ण पक्ष की अपरा एकादशी खास है। जानिए कब है जून में अपरा एकादशी...

Update: 2024-05-24 10:32 GMT

Apara Ekadashi 2024 Kab Hai:  हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को व्रत किया जाता है। साथ ही श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और प्रभु का आशीर्वाद मिलता है। इस बार जून माह में कब कौन सी एकादशी पड़ेगी?  जानते हैं उसकी डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

अपरा एकादशी का अर्थ है अपार फल देने वाला व्रत। इसलिए अपरा एकादशी का महत्व है। इस दिन भगवान की कृपा पाने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठें ,स्‍नान करें और स्‍वच्‍छ पीले वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प करें। इसके बाद अक्षत, फूल, मौसमी फल, नारियल और मेवे और तुलसी से भगवान विष्‍णु की पूजा करें। एकादशी के दिन सूर्य को भी जल चढ़ाने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है। अंत में कथा सुनकर पूरे दिन निर्जला व्रत का पालन करें और शाम के समय तुलसी को गाय के घी का दीपक जलाएं। अपरा एकादशी या किसी भी एकादशी में सोना नहीं चाहिए ।अगले दिन स्नान दान के बाद ही व्रत तोड़ना चाहिए।

अपरा एकादशी का शुभ मुहूर्त (Apara Ekadashi shubh muhurat)

इस बार अपरा एकादशी के दिन रेवती नक्षत्र 11:28 PM तक रहने के बाद अश्विनी नक्षत्र रहेगा और योग सौभाग्य, शोभन और अतिगंड रहेगा। पहले दोनों ही योग में किया गया कार्य शुभ परिणाम देने वाला है।

एकादशी तिथि का प्रारंभ: जून 05 04:07 AM – जून 06 06:19 AM

एकादशी तिथि का समापन : जून 06 06:19 AM – जून 07 08:48 AM

ब्रह्म मुहूर्त: 04:08 AM – 04:56 AM

अभिजीत मुहूर्त: 11:58 AM – 12:52 PM

अमृत काल : 06:21 PM – 08:09 PM

 इस बार अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को रखा जाएगा। मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की इस दिन पूजा करने से भूत-प्रेत का डर नहीं रहता है। इस दिन व्रत रखने से मौत के बाद भी ईश्वर की कृपा बनी रहती हैं। बड़ा से बड़ा पाप धूल जाता है। स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 02 जून को सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर होगी और वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 03 जून को मध्यरात्रि 02 बजकर 21 मिनट पर होगा। 

अपरा एकादशी 2024 पारण समय

अपरा एकादशी व्रत के पारण का समय 3 जून को सुबह 08:05 ए एम से 08:10 ए एम के बीच है. इस समय में आपको पारण करके व्रत पूरा कर लेना चाहिए. वहीं वैष्णवजन व्रत का पारण 4 जून को 05:23 ए एम से 08:10 ए एम के बीच कर सकते हैं।

अपरा एकादशी का महत्व क्या है?

अपरा एकादशी के दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करने से हर क्षेत्र में चाहे वो महामारी ही क्यों ना हो विजय प्राप्त होती है। जीवन में कोई कष्ट नहीं होता है। बड़ी से बड़ी महामारी भी पास नहीं भटकती है। कोरोना जैसी महामारी से भी बचने के लिए इस दिन स्वच्छ पीले वस्त्र धारण कर संकल्प के साथ तुलसी और माखन-मिश्री से भगवान विष्णु की पूजा करें और अपरा एकादशी का व्रत रखें। पूरे दिन एक माला ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप महामारी से बचाव में रक्षा कवच का काम करता है।

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