Bada Mangal 2021: कब से शुरू हो रहा बड़ा मंगल, जानिए इस दिन की खास तिथि, योग और महत्व

Bada mangalwar 2021 लॉकडाउन कलयुग के साक्षात देव बजरंगबली की इन दिनों निष्ठापूर्वक पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update: 2021-05-28 05:48 GMT

सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)

Bada Mangal 2021 कब है ?

भगवान शिव के अवतार हनुमान जी कलयुग के साक्षात देव है, जो भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि मात्र स्मरण करने से बरसाते हैं। पूर्णिमा और चंद्रग्रहण की समाप्ति के साथ ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो गई है। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगलवार का बहुत महत्व है। वैसे तो हर मंगलवार को बजरंगबली की आराधना के लिए खास माना जाता है। लेकिन इसमें ज्येष्ठ माह का मंगलवार को हुनमान जी की आराधना करने से शुभ फल मिलता है।

इस बार 1 जून 2021 का ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार या कहे बड़ा मंगलवार पड़ रहा है और आखिरी मंगलवार 22 जून को है। इस मंगल को बड़ा मंगल कहते हैं।

  • पहला बड़ा मंगल : सप्तमी तिथि और रवि योग (05.08 AM से 04.08 PM )
  • दूसरा बड़ा मंगल : त्रयोदशी तिथि और सवार्थ सिद्धि योग (05.36 AM से 05.07 AM, 09 जून)
  • तीसरा बड़ा मंगल : पंचमी तिथि रवि और सवार्थ सिद्धि योग (05.07 AM से 09.42 PM)
  • चौथ बड़ा मंगल : भौम प्रदोष और त्रयोदशी तिथि त्रिपुष्कर योग

सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)

ज्येष्ठ के बड़ा मंगल की मान्यता (Jyeshtha month Bada Mangal Importance)

वैसे तो साल के सभी मंगलवार को हनुमान जी की पूजा की जाती है, लेकिन ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगलवार का विशेष महत्व होता है। इन्हें बड़ा मंगलवार कहा जाता है। मान्यता है कि इन दिनों बजरंगबली की निष्ठापूर्वक पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं।

कब मिला था अमरत्व का वरदान ? 

कलियुग का साक्षात देवता हनुमान जी  की पूजा ज्येष्ठ माह में रखने और पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है। बजरंग बली को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। धर्मानुसार  भगवान शिव ने कुल रुद्र अवतार लिए थे। जिनमें राम भक्त हनुमान का अवतार सर्वश्रेष्ठ है। भगवान शिव और प्रभु श्री राम ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि ज्येष्ठ माह के सभी मंगलवार को उनकी विशेष पूजा होगी। इस माह हनुमान जी का स्थान श्रीराम से भी बड़ा माना जाता है। कहते हैं भक्त वत्सल हनुमान जी का जन्म तो पहले यानी नरक चतुदर्शी के दिन हुआ था लेकिन उन्हें अमरत्व का वरदान ज्‍येष्‍ठ मास के पहले मंगलवार को मिला था। इसी कारण ज्‍येष्‍ठ माह के मंगल को बड़ा मंगल और बूढ़वा मंगल कहते हैं।



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