Basant Panchami 2024 Date: 2024 में कब है बसंत पंचमी , जानिए शुभ मुहूर्त और इस दिन का महत्व

Basant Panchami 2024 Date :बसंत पंचमी मां सरस्वती और काम देव की पूजा का दिन है, इस प्रकृति में सृजन और उन्माद के साथ नई ऊर्जा का संचार होता है। जानते हैं 2024 में यह खास दिन किस तारीख को है....

Update: 2023-12-14 05:40 GMT

Basant Panchami 2024:  2024 आने में कुछ दिन शेष रह गए है।  इसके साथ ही शुरूआत होगी नए साल और नए त्योहारों का । तो आपको बता दें कि 2024 की शुरूआत में ही मकर संक्रांति आती है। उसके बाद आता है बसंत पंचमी, जो विद्या की देवी का दिन है,यानि सरस्वती पूजा का।  2024  में बसंत पंचमी 14 फरवरी 2023 को है। इस दिन भगवान विष्णु, मां सरस्वती तथा कामदेव की भी पूजा की जाती है।  इस दिन पीले वस्त्र पहनने के साथ साथ पीले मीठे चावल बनाने एवं पतंग उड़ाने की परंपरा भी काफी पुरानी है। जानते हैं इस साल कब है बसंत पंचमी और पूजा का समय

बसंत पंचमी 2024 का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी को माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होती है। जो हर साल माघ मास में आता है। इस दिन को सरस्वती पूजा भी कहते हैं।

बसंत पंचमी –14 फरवरी 2024

पूजा मुहूर्त -सुबह 10:45 से 12:35 तक है

पंचमी तिथि प्रारम्भ- 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02:41 से प्रारंभ।

पंचमी तिथि समाप्त- 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 तक।

वसन्त पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त- 14 फरवरी 2024 बुधवार के दिन सुबह 07:01 से दोपहर 12:35 के बीच।

अमृत काल मुहूर्त : सुबह 08:30 से सुबह 09:59 तक।

गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:08 से 06:33 तक।

रवि योग : सुबह 10:43 से अगले दिन सुबह 07:00 तक।

बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती की आराधना की जाती  है।यह दिन ऋतु परिवर्तन का परिचायक भी पक्षियों में कलरव,भौरो की गुंजन,, पुष्पों की मादकता से युक्त वातावरण बसंत ऋतु की विशेषता है। पशु-पक्षियों तक में कामक्रीड़ा की अनुभूति होने लगती है। यह मदनोत्सव का आरंभ है।  होली का प्रारंभ भी इस दिन से होता है और समापन फाल्गुन की पूर्णिमा (Purnima) पर होलिका दहन पर होता है।

बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी धार्मिक दृष्टि से विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन बच्चों को अक्षर लिखवाकर शिक्षा देने की शुरुआत की जाती है। बसंत का पीला रंग समृद्धि, ऊर्जा, आशावाद का प्रतीक है। इसलिए इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा की जाती है। पीले व्यंजन बनाए जाते हैं। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की हल्दी, केसर, पीले फूल, पीली मिठाई से पूजा की जाती है। साथ ही देवी सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना शुभ होता है, इससे बुद्धि तेज होती है।

 मान्यता है कि पति-पत्नी द्वारा बसन्त पंचमी के दिन भगवान कामदेव और देवी रति की षोडशोपचार पूजा करने से सुखी-वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। यदि आप किसी प्रकार की शिक्षा, कोर्स आरंभ करना चाहते हैं या कंपीटीशन के लिए कोई फार्म भरना चाहते हैं तो यह ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अबूझ मुहूर्तों में से एक है। नया व्यवसाय, आरंभ करने , गृह प्रवेश या नींवखोदने आदि के लिए विशेष फलदायी मुहूर्त है। आज आप कलम पूजन भी करवा सकते हैं। मान्यता है कि विवाह के लिए भी यह अबूझ मुहूर्त है। इस दिन अधिकांश विवाहों का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन संपन्न पाणि ग्रहण संस्कार करने से वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती ।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News