Basant Panchami : मां सरस्वती का जन्म कैसे हुआ था?, जानिए बसंत पंचमी के दिन राशि के अनुसार कैसे की जाती है पूजा

Basant Panchami :मां सरस्वती का संबंध बुद्धि से, ज्ञान से है। यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, यदि आपके जीवन में निराशा का भाव बहुत बढ़ गया है, तो बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन जरूर करें। मां के आशीर्वाद से आपका ज्ञान बढ़ेगा और आप जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होंगें ।

Update:2023-01-25 08:44 IST

Basant Panchami ke Din Maa Sarswati ke Janam Katha

 बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के उद्भव कथा

बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल ये पर्व 26 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन को मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। इस दिन मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करने से ज्ञान, विद्या, बल, बुद्धि और तेज की प्राप्ति होती है।

पतझड़ के बाद बंसत ऋतु का आगमन होता है, बंसत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा है की ऋतुओं में मैं बसंत हूं। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरंभ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की, लेकिन अपने सृष्टि से वे संतुष्ट नहीं थे। उन्हें लगता था कि कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता है।

विष्णु जी से सलाह लेकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल छिड़का। पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति प्रकट हुई। ये शक्ति एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था, जिसके एक हाथ में वीणा और दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी।

ह्मा ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया। जैसे ही देवी ने वीणा बजाना शुरू किया, पूरे संसार में एक मधुर ध्वनि फैल गई। तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा।

मां सरस्वता विद्या, बुद्धि और ज्ञान प्रदान करती हैं। बसंत पंचमी के दिन इनकी उत्पत्ति हुई थी, इसलिए बसन्त पंचमी के दिन इनका जन्मदिन मनाया जाता है। इनकी विधि विधान से पूजा की जाती है और विद्या और बुद्धि का वरदान मांगा जाता है।मां सरस्वती का संबंध बुद्धि से, ज्ञान से है। यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, यदि आपके जीवन में निराशा का भाव बहुत बढ़ गया है, तो बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन जरूर करें। मां के आशीर्वाद से आपका ज्ञान बढ़ेगा और आप जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होंगें ।

बसंत पंचमी पर राशि के अनुसार कैसे करें पूजा...

  •  मेष राशि वाले  इस दिन सुबह  हनुमान जी के मंदिर में जाकर श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें व् पूजा करें। हनुमान जी  के बाए चरण से सिंदूर लेकर उसका तिलक करें व् इसके बाद हर दिन तिलक लगाये ! घर आकर माँ सरस्वती जी की आराधना करें ! श्री सरस्वती कवच का पाठ करें  विद्द्या और बुद्दि प्राप्ति के लिए "'ऐं" मंत्र का जाप करें।  
  • वृष राशि वाले इस दिनमाँ सरस्वती देवी की पूजा आराधना करें उन्हें सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाये, सफ़ेद फूल अर्पित करें इसके बाद मां सरस्वती  को इमली के पत्ते के 22 नग चढ़ाये उसमे से 11 पत्ते को सफ़ेद कपडे में लिपकर अपने पास रख लें।
  • मिथुन राशि वाले इस दिन गणेश जी के मंदिर में जाकर उनकी आराधना करें , उन्हें जनेऊ धारण करें ! 21 दूर्वा चढ़ाये व् एक माला "ॐ गं गणपतये नम:" मंत्र का जाप करें ! उसके बाद अपने घर पर आकर श्री माँ सरस्वती देवी की आराधना करें । माता रानी को खीर का भोग लगाये ! या फिर पीले रंग की मिठाई का भोग लगाये।
  • कर्क राशि वाले इस दिन माँ सरस्वती की  प्रतिमा की पूजा आराधना करें ! उन्हें पीले रंग की मिठाई या चावल का भोग लगाये ! माता रानी को आम के बौर भी चढ़ाये उसके बाद दिए गये मंत्र की एक माला का जाप करें।
  • सिंह राशि वाले इस दिन अपने माता पिता के चरण स्पर्श कीजिये ! उसके बाद अपने सारे नित्य कर्म से निवृत होकर श्री माँ सरस्वती देवी यन्त्र या प्रतिमा के की आराधना करें उन्हें लाल पुष्प चढ़ाये, कुमकुम का तिलक लगाये उसके बाद "गायत्री मंत्र" की एक माला का जाप करें।
  • कन्या राशि वाले इस दिन माँ सरस्वती देवी यन्त्र आराधना करें उसके बाद नीचे दिए गये मंत्र की एक माला का जाप करें ! ऐसा करने के बाद किसी स्कूल में जाकर अपनी इच्छानुसार छोटे बच्चे को पुस्तक, बेग, पेन आदि का दान करें।
  • तुला राशि वाले इस दिनसरस्वती देवी यन्त्र या प्रतिमा की आराधना करें सफ़ेद पुष्प चढ़ाये सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाये उके बाद कोई भी सफ़ेद रंग की मिठाई का भोग लगाये ! उसके बाद नीचे दिए मंत्र की एक माला का जाप करें ! ऐसा करने के बाद किसी गरीब ब्राह्मण को अपने इच्छानुसार सफेद कपडे का दान करें
  • वृश्चिक राशि वाले इस दिन सरस्वती देवी यन्त्र  की आराधना करें उन्हें सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाये व् सफेद कपडे चढ़ाये।वसंत पंचमी के दिन सूर्य उदय होने से पहले "ब्राह्मी" नामक औषधि लाकर उससे दिए गए मंत्र से अभिमंत्रित करके उसका सेवन कर लें
  • धनु  राशि वाले इस दिन माँ सरस्वती देवी की आराधना करें माता रानी को सफ़ेद रंग का वस्त्र चढ़ाये ! उसके बाद जरूरतमंद लोंगो को सफ़ेद रंग की वस्तु का दान करें जैसे की चावल, दूध आदि !
  • मकर राशि वाले इस दिन सरस्वती देवी  की आराधना करें उन्हें सफ़ेद व् लाल पुष्प चढ़ाये ! माता रानी जी को सफ़ेद कपडे चढ़ाये ! उसके बाद नीचे दिए गये मंत्र की एक माला का जाप करें ! पूजन के बाद अपने इच्छानुसार छोटी छोटी कन्यायों को दूध से बनी मिठाई या वस्तु का दान करें या घर पर बुलाकर खिलाये 
  • कुंभ राशि वाले इस दिन सरस्वती देवी यन्त्र या प्रतिमा की आराधना करें माता रानी को सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाये उन्हें खीर का भोग लगाये ! उसके बाद दिए गये मंत्र की एक माला का जाप करें ! पूजन करने के बाद खीर को छोटी छोटी कन्यायों को खिलाये
  • मीन राशि वाले इस दिनसरस्वती देवी  की आराधना करें माता रानी को पीले वस्त्र चढ़ाये ! उसके बाद दिए गये मंत्र की एक माला का जाप करें ! पूजन करने के बाद छोटी कन्या को पीले रंग के कपडे दान करें ! मंत्र : "ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:" ! करेंं।।
  • इसके  अलावा अगर आपको राशि पता न हो तो आप अपने माँ सरस्वती देवी की पूजन विधि करने के बाद स्फटिक माला से दिए गये मंत्र का जाप करें ! उसके बाद कन्याओं को दूध से बनी मिठाई खिलाये।
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