आज दूल्हा बनेंगे भगवान शिव, देखिए मनमोहक तस्वीरें

पूरा देश में आज बम भोले और हर हर महादेव के जयकारों से गूँज रहा है। पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।

Update:2020-02-21 15:22 IST

पूरा देश आज बम भोले और हर हर महादेव के जयकारों से गूँज रहा है। आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन ही माता पार्वती और भगवान का शिव का विवाह हुआ था। उज्‍जैन स्थित महाकाल के मंदिर में भगवान शिव की नवरात्रि का उत्‍सव धूमधाम से मानाया जाता है।

ये भी पढ़ें- डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप के साथ भारत दौरे पर आएंगी इंवाका ट्रंप

दूल्हा बनेंगे भगवान शिव

उज्‍जैन के महाकाल मंदिर में शिवरात्रि को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। आज रात्रि में इसी क्रम में भगवान शिव को दूल्‍हे की तरह सजाया जायेगा। उन्‍हें सेहरा भी बांधा जाएगा। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि का ये पर्व 13 फरवरी से शुरू होता है। 9 दिन तक चलने वाले इस पर्व में पहले दिन से लेकर महाशिवरात्रि तक भगवान शिव का अलग अलग रूपों में श्रंगार किया जाता है।

 

फूलों से जाता है सजाया

आज महाशिवरात्रि के दिन महाकाल के अद्भुत रूपों के दर्शन भक्‍तों को कराए जाते हैं। आज के दिन भगवान शिव को फूलों से सजाया जाता है। और उनके सर पर एक मुकुट भी लगाया गया है। आज के दिन महाकाल मंदिर में भक्तों की भीड़ का सैलाब उमड़ता है। भक्तों के दर्शन के लिए भगवान को शिव को अलग अलग रूपों में सजाया जाता है।

भस्म आरती का अद्भुत दृष्य

ये भी पढ़ें- मोदी सरकार लेने जा रही ये बड़ा फैसला, अब किरायेदार नहीं कर पाएंगे ऐसा..

उज्‍जैन के महाकाल मंदिर का सबसे अनोखा और अद्भुत दृष्य होता है महाकाल की भस्म आरती। महाकाल की भस्म आरती का दृष्य सबसे अविस्मर्णीय होता है। भस्म आरती में शमशान की राख से आरती की जाती है। शमशान की राख से भगवान शिव की आरती की जाती है। काफी दूर-दूर से लोग भस्म आरती का अद्भुत नज़ारा देखने के लिए आते हैं।

भगवान शिव ने रखे अनेकों रूप

शिवपुराण में बताया गया है कि भगवान शिव नहीं चाहते थे कि माता पार्वती से उनका विवाह हो। इसलिए से बचने के लिए विवाह से पहले भगवान शिव ने अनेकों रूप बनाए थे। भगवान शिव चाहते थि कि पार्वती माता से उनका विवाह चल जाए लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था।

भगवान शिव का अर्द्धनारीश्‍वर रूप

महाकाल में भगवान शिव का अर्द्धनारीश्‍वर रूप भी देखने को मिलता है। इस रूप में शिव और शक्ति दोनो का मिलन दिखाया गया है। इस रूप में माता-पार्वती और भगवान शिव के दांपत्‍य स्‍वरूप को दर्शाया गया है।

Tags:    

Similar News