दुर्गा सप्तशती के इस अध्याय में हैं, कैसे मिलेगी सुंदर पत्नी व धन, जरुर आजमाएं

Update: 2019-04-06 06:33 GMT

जयपुर: देवी के भक्तों नवरात्रि में हम आपको अपने पिछले लेखों में देवी के प्रादुर्भाव दुर्गा सप्तशती के तीन अध्यायों के गुप्त रहस्यों की जानकारी दे चुके हैं। बता चुके हैं कि कौन से अध्याय को करने से आप अपनी किस समस्या का छुटकारा पा सकते हैं? इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि में कौन सा उपाय करने से आप सुंदर स्त्री प्राप्त करने के साथ ही धन की प्राप्ति कर सकते हैं।

दुर्गा सप्तशती का चौथा अध्याय उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनकी शादी नहीं हो रही है अथवा जो लोग दरिद्रता से जूझ रहे हैं।दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय में बताया गया कि महाअसुर महिषासुर का वध करने के बाद समस्त देवता अपना सिर तथा शरीर झुकाकर भगवती की स्तुति करने लगते हैं और भक्तिपूर्वक देवी को नमस्कार करते हैं। वंदना करते हैं कि हे अंबिका आप सब का कल्याण करें। अतुल प्रभाव और बलशाली देवी जगत का पालन करें तथा अशुभ भय का नाश करें। इस अध्याय में देवी को देवता विभिन्न नामों से पुकारते हैं।

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दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय में जिस प्रकार देवता-देवी की अराधना और स्तुति करते हैं, उसी प्रकार मानव को भी देवी की आराधना और प्रार्थना करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती के इस अध्याय का पाठ करने से धन की प्राप्ति होती है। जिन लोगों की शादी नहीं हो रही है, उन लोगों को सुंदर स्त्री की प्राप्ति होती है और माता की भक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए इस अध्याय को दरिद्रानाशक भी कहा गया है।

इसके लिए जरूरी है कि आप ब्रह्म मुहुर्रत में उठे और नित्य प्रति के कार्यों से निवृत्त होकर उस स्थान पर बैठ जाए, जहां आपने देवी की चौकी अपने घर में लगाई है। दुर्गा सप्तशती के प्रथम मंत्रों का उच्चारण करने और देवी की स्तुति करने के बाद चौथे अध्याय का पाठ आरंभ करें। पाठ की समाप्ति पर आरती करना न भूलें और मां को भोग अर्पित कर क्षमा याचना कर अपनी समस्या को मां के श्रीचरणों में रखे, फिर देखिए कुछ ही दिनों में आपकी धन और स्त्री संबंधी समस्याओं का समाधान कैसे होता है?

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