Bel Patra Benefits in Hindi : इस पेड़ के जड़ में दीपक जलाने से खुलती है किस्मत, जानिए कब कैसे किस मंत्र से करें दीपदान

Bel Patra Benefits in Hindi: भगवान शिव और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद दिलाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है बेल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने का लाभ जानिए...;

Update:2025-01-27 10:43 IST

Belpatra Ke Ped Me Deepak Jalane Ka Laabh:सनातन धर्म में पेड़-पौधों को विशेष स्थान दिया गया है। इनमें तुलसी, नीम, बरगद, पीपल, बेलपत्र, अकौआ, और शमी जैसे पेड़ शामिल हैं। यह मान्यता है कि इन पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है। बेलपत्र का पेड़ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे पवित्र माना जाता है। विशेष रूप से बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने की परंपरा से जुड़े कई लाभ और धार्मिक मान्यताएं हैं।

बेलपत्र में किस भगवान  का वास

शिवपुराण के अनुसार, बेल के पेड़ की जड़ में भगवान शिव का वास होता है। इसे लिंग रूप में पूजा जाता है। बेलपत्र की पत्तियां और इसकी जड़ें पवित्र मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र की जड़ से निकलने वाली गंध से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से शिवलोक की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

बेलपत्र के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने के लाभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। शिवजी को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है और शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से शिवजी का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सकारात्मकता आती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और भक्त को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यह भी माना जाता है कि दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नियमित रूप से ऐसा करने से भगवान शिव और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यह परंपरा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी मानी जाती है, जो किसी बड़ी समस्या या कठिनाई का सामना कर रहे हों।

जो व्यक्ति आर्थिक तंगी से परेशान हैं, उन्हें बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से धन की प्राप्ति होती है और नौकरी या व्यापार में तरक्की के अवसर बढ़ते हैं। विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद घी का दीपक जलाने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।

दीपक जलाने के नियम और मंत्र

बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने का सबसे उपयुक्त समय सूर्यास्त के बाद का होता है। दीपक जलाने के लिए गाय के शुद्ध घी का उपयोग करें।दीपक को बेल के पेड़ की जड़ के पास रखें और ध्यानपूर्वक पूजा करें।पुरुषों को दीपक जलाते समय "ॐ नम: शिवाय" मंत्र का जाप करना चाहिए।महिलाओं को इस मंत्र का उच्चारण नहीं करना चाहिए। इसके बजाय वे "नम: शिवाय" मंत्र का जाप करें।मंत्र का जाप करते समय मन को शांत रखें और भगवान शिव का ध्यान करें।दीपक जलाने से पहले बेलपत्र के पेड़ को जल अर्पित करें।पेड़ की जड़ को स्पर्श कर आशीर्वाद लें।पूजा के समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।दीपक जलाने के बाद भगवान शिव और मां लक्ष्मी से अपनी प्रार्थना करें।

बेलपत्र के पेड़ के अन्य धार्मिक महत्व

बेलपत्र का उपयोग केवल पूजा के लिए ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद में औषधि के रूप में भी किया जाता है। इसे पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। बेलपत्र का पेड़ भगवान शिव और मां लक्ष्मी दोनों का प्रिय है, इसलिए इसकी पूजा से भक्तों को दैवीय कृपा प्राप्त होती है।

बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से लाभकारी है, बल्कि यह भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति भी लाता है। शिवपुराण और वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद दिलाने का एक सरल और प्रभावी माध्यम है। दीपक जलाने के दौरान नियमों और मंत्रों का पालन करने से इस प्रक्रिया का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।

धर्म ग्रंथों में बिल्व वृक्ष का विशेष महत्व बताया गया है। इस पेड़ की पूजा करने से धन के स्वामी भगवान कुबेर प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, बिल्व वृक्ष के मूल यानी जड़ में भगवान शिव का वास होता है। कुबेर भगवान शिव के भक्त हैं। इसलिए जब कोई बिल्व वृक्ष की पूजा करता है और दीपक लगाता है तो कुबेरदेव उसे मालामाल कर देते हैं।

बिल्व वृक्ष के बारे में क्या लिखा है ग्रंथों में?

बिल्वमूले महादेवं लिंगरूपिणमव्ययम्।

य: पूजयति पुण्यात्मा स शिवं प्राप्नुयाद्॥

बिल्वमूले जलैर्यस्तु मूर्धानमभिषिञ्चति।

स सर्वतीर्थस्नात: स्यात्स एव भुवि पावन:॥ (शिवपुराण)

अर्थ- बिल्व के मूल में लिंगरूपी अविनाशी महादेव का पूजन जो पुण्यात्मा व्यक्ति करता है, उसका कल्याण होता है। जो व्यक्ति शिवजी के ऊपर बिल्वमूल में जल चढ़ाता है उसे सब तीर्थो में स्नान का फल मिल जाता है।

 बिल्व वृक्ष के नीचे दीपक कैसे लगाएं?

रोज शाम को स्वच्छ अवस्था में अपने आस-पास स्थित किसी बिल्व वृक्ष के पास जाकर पहले शुद्ध जल चढ़ाएं।  इसके बाद शुद्ध घी का दीपक वृक्ष के नीचे जलाते समय भगवान शिव और धन के देवता कुबेर दोनों का स्मरण करें। दीपक जलाते समय ये मंत्र भी बोलें- शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते'आपके मन में धन के अलावा भी यदि कोई मनोकामना है तो वह भी बोलें। संभव हो तो बिल्व वृक्ष की 3 परिक्रमा करें।रोज इसी तरह बिल्व वृक्ष की के नीचे दीपक जलाने से से कुबेरदेव गरीब व्यक्ति को भी मालामाल बना सकते हैं।अगर आप बिल्व वृक्ष के नीचे दीपक लगाने में असमर्थ हैं तो सिर्फ प्रणाम करने से भी आपको शुभ फल मिल सकते हैं।

बेलपत्र का पेड़ आप कही भी लगा सकते हैं। इसमें माताओं के सभी रूपों का निवास माना जाता हैं। हालांकि इसका पेड़ साइज़ में काफी बड़ा होता हैं इसलिए इसे घर के आसपास लगाना ज्यादा अच्छा रहेगा। दरवाजे के आसपास इस पेड़ को लगाने से बुरी शक्तियां घर में प्रवेश करने का साहस नहीं करती हैं। कुंडली दोष दूर होते हैं। इसका पेड़ घर में लगाकर दीपक जलाने और पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होता हैं। जिस घर में बेलपत्र का पेड़ होता हैं उस घर में लोग जल्दी बीमार नहीं पड़ते हैं।

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