Bhagwan Hanuman Ki Kahani: हनुमान जी की सीख

हनुमान जी महाराज का जीवन हमें सीख देता है कि मानव को सदा कृतज्ञ भाव से पर सेवा और परमार्थ में निरत रहना चाहिए।

Written By :  Sankata Prasad Dwived
Update:2024-11-01 16:54 IST

Bhagwan Hanuman Ki Kahani (Pic- Social Media)

Bhagwan Hanuman Ki Kahani: हनुमान जी महाराज का जीवन हमें सीख देता है कि मानव को सदा कृतज्ञ भाव से पर सेवा और परमार्थ में निरत रहना चाहिए।दूसरों की संकट की घड़ी में आप संकट निवारक बन सको इससे श्रेष्ठ जीवन की उपलब्धि और क्या हो सकती है..?

महावीर विक्रम बजरंगी।

कुमति निवार सुमति के संगी।।

जो दूसरों को जीते वो वीर और जो स्वयं को भी जीत जाए उसे महावीर कहते हैं। इससे यह बात सिद्ध हो जाती है कि दुनिया को जीतने की अपेक्षा स्वयं को जीतना अति कठिन है।जो संकट मोचक है अर्थात संकट के समय दूसरों के लिए सहायक, जो महावीर है अर्थात दूसरों के साथ - साथ स्वयं के ऊपर भी जिसका नियंत्रण है,और जो कुमति का निवारण कर सुमति प्रदान करने वाला अर्थात् कुबुद्धि -कुसंग का नाश कर सुबुद्धि - सत्संग प्रदान करने वाला है।यही तो श्री हनुमानजी महाराज के जीवन की प्रमुख सीख है।

श्री हनुमान जयंती के सन्दर्भ में तीन मत हैं।

  • 1-कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी ( आश्विनकृष्णचतुर्दशी-अमान्तमासगणना से )।
  • 2-चैत्रशुक्लपूर्णिमा।
  • 3-वैशाखकृष्णदशमी, पूर्वाभाद्रपद, शनि,मध्याह्ण-पराशरसंहिता, षष्ठपटल,३६-३७।

( पूर्णिमान्तमासमान से ज्येष्ठकृष्णदशमी )

कल्पभेद से तीनों को मानना समीचीन है।आज ( V2081, कार्तिक कृष्णत्रयोदशी,जन्मकाल में चतुर्दशी,30-10-25 ) प्रथम मत के अनुसार श्री हनुमान जयंती है।

रुद्रावतार पवनात्मज केसरीनन्दन अञ्जनातनय वीरशिरोमणि

सर्वशक्तिसम्पन्न दशाननमदमर्दन लङ्कादहनदक्ष सीताशोकविनाशन

भगवान् हनुमान् सभी के अशेषमनोरथों को परिपूर्ण करें तथा दानवीशक्तियों के संहारार्थ हमें सदा विवेक तथा सद्बल संप्रदान करें।

‘अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।'

(मानस, सुन्दर, श्लोक 3 )

‘अजर अमर गुननिधि सुत होहू।

करहुँ बहुत रघुनायक छोहू।।'

(16/2)

( लेखक प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं ।) 

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