Navratri Puja Vidhi: आज से 9 दिन इन नियमों का पालन जरूरी है,बरसेगी नवदुर्गा की कृपा
Navratri Puja Vidhi:नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, अगर आप भी कलश रखते है और दीप जलाते हैं तो जानिए पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा के साथ 9 दिन कौन कौन से नियम का पालन जरूरी है....
Maa Shailputri Puja Vidhi: सनातन धर्म के अनुसार हर साल चार बार नवरात्रि आती हैइसमें एक चैत्र नवरात्रि, दो गुप्त नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि होती है. चैत्र महीने में चैत्र नवरात्र आती है इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है। चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना से लेकर व्रत के आखिरी दिन तक शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है।कई बार लोग अखंड ज्योति भी जलाते हैं।अगर आप भी नवरात्रि का व्रत रखते हैं और चौकी की स्थापना करते हैं तो कुछ नियमों का पालन करना होगा।
आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कर पूजा किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा के पहले रूप मां शैलपुत्री की पूजा पूरे विधि विधान से और धूमधाम से की जाती है। दरअसल नवरात्रि में नौ दिन मां दुर्गा के 9 रूप की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि को मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। तो जानते हैं मां दुर्गा के पहले रूप मां शैलपुत्री की स्वरूप, पूजा, विधि, मुहूर्त, मंत्र,कथा के बारे में:
चैत्र नवरात्रि माता रानी का स्वरूप
मां शैलपुत्री मां दुर्गा की प्रथम स्वरूप हैं। बता दे मां शैलपुत्री सफेद वस्त्र धारण कर वृषभ की सवारी करती हैं। मां शैलपुत्री की दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल विराजमान है। दरअसल मां शैलपुत्री को स्नेह, धैर्य और इच्छाशक्ति का प्रतीक माना जाता है। मां शैलपुत्री के कई नाम हैं, जैसे: वृषोरूढ़ा, सती, हेमवती, उमा के नाम से भी जाना जाता है। बता दे नवरात्रि में इनकी साधना से कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।
चैत्र नवरात्रि मां शैलपुत्री की पूजा विधि
दरअसल शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा से पहले शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करें। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान कर लें। फिर पूजा घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद एक चौकी स्थापित करें और उसे गंगाजल से सिक्त कर दें। फिर इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उसपर माता के सभी स्वरूपों को स्थापित करें। बता दे इसके बाद मां शैलपुत्री की वंदना करते हुए व्रत का संकल्प लें। मां शैलपुत्री को कुमकुम, सफेद चंदन, हल्दी, अक्षत, सिंदूर, पान, सुपारी, लौंग, नारियल 16 श्रृंगार आदि सामान अर्पित करें। साथ ही मां को सफेद रंग का पुष्प अर्पित करें। बता दे इसके बाद अक्षत और सिंदूर अर्पित करें। इसके बाद मां शैलपुत्री को सफेद रंग का वस्त्र अर्पित करें और घाय के घी से बने मिष्ठान का भोग लगाएं। अब पहले दिन मां का प्रिय भोग गाय के घी से बने मिष्ठान उन्हें अर्पित करें। फिर अंत में घी का दीपक जलाएं मां शैलपुत्री के मंत्रों का 108 बार जाप करें और मां शैलपुत्री की आरती करें।
मां शैलपुत्री को खुश करने का मंत्र है:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:
दरअसल मां शैलपुत्री की पूजा करने के दौरान इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप इन मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं:
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
दूसरा मंत्र
शिवरूपा वृष वहिनी
हिमकन्या शुभंगिनी
पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी
रत्नयुक्त कल्याणकारिणी।।
तीसरा मंत्र
ओम् ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
चौथा मंत्र
बीज मंत्र- ह्रीं शिवायै नम:।।
पांचवा मंत्र
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ।।
चैत्र नवरात्रि 9 दिन के कौन से नियम हैं?
किस दिशा में रखें माता की मूर्ति
नवरात्रि की पूजा को लेकर वास्तु नियमों का पालन करना शुभ होता है. मान्यता है कि माता की पूजा विधि विधान से करने से सफलता मिलती है. नवरात्रि में माता की चौकी लगाने का विशेष महत्व है. आप माता की मूर्ति को ईशान कोण में स्थापित करें. ईशान कोण की दिशा सबसे उत्तम होती है. इसमें ईश्वर का वास होता
कैसी हो माता की चौकी
माता की प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर रखें। चंदन की लकड़ी की चौकी हो तो उस पर भी रख सकते हैं। चैत्र नवरात्रि में अगर घर में मां की मूर्ति स्थापित कर रहे हैं, तो 3 इंच से बड़ी प्रतिमा नहीं होनी चाहिए। मूर्ति का रंग हल्का पीला, हरा या फिर गुलाबी होना चाहिए।
इन रंगों का करें प्रयोग
नवरात्रि की पूजा सामग्री में पीले और लाल रंग का उपयोग करना चाहिए। पीला रंग जीवन में उत्साह और लाल रंग उमंग लाता है। काले रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। काले रंग से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है। नवरात्रि के दौरान शाम के समय कपूर जला कर आरती करनी चाहिए।इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म हो जाता है और मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
खान-पान का भी ध्यान रखें
चैत्र नवरात्रि के दौरान खट्टी चीजों का प्रयोग करने से बचें. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है. नवरात्रि के दिनों में अपने घर के आंगन को गोबर से लीपना चाहिए।