Chandra Grahan 2021: जीवन के हर क्षेत्र में ग्रहण का होता है अच्छा या बुरा प्रभाव
Chandra Grahan 2021: 26 मई 2021 को उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए काफी शुभ है।
Chandra Grahan 2021: 26 मई 2021 को उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) लगने जा रहा है। ज्योतिष के हिसाब से यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए शुभ है तो कुछ राशियों के लिए अशुभ है। ग्रहण का पूरे ब्रहाण्ड पर प्रभाव पड़ता है कोई भी इससे अछूता नहीं रहता। बात व्यक्तियों की राशियों की करें तो यह तो एक छोटी इकाई में ग्रहण का प्रभाव देखने की बात हुई लेकिन व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखें तो इसका असर व्यक्ति की राशि पर कैसा है यदि इसे जानना है तो उस व्यक्ति की हैसियत क्या है। साधारण आदमी पर ग्रहण का असर साधारण होगा लेकिन प्रमुख व्यक्तियों पर ग्रहण का असर उतना ही तीक्ष्ण होता है।
देश प्रदेश गांव शहर की कुंडली और राशि के हिसाब से भी ग्रहण का असर होता है जिसमें कई बार प्राकृतिक आपदाओं और कष्ट के रूप में ग्रहण का प्रभाव आता है तो कई बार सामूहिक उन्नति के रूप में भी दिखाई देता है।
कल लगेगा उपच्छाया चंद्र ग्रहण
26 मई को वैशाख पूर्णिमा और बुध पूर्णिमा के दिन लग रहा यह ग्रहण भी उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। जिसका सूतक काल ज्योतिष में मान्य नहीं होता है क्योंकि ये ग्रहण नंगी आंखों से दिखाई नहीं देता है। लेकिन ग्रहण का प्रभाव होता है। इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र पर पड़ेगा। इस राशि और नक्षत्र के जातकों को सावधान रहना चाहिए। साल 2021 में कुल दो चंद्र ग्रहण लगने हैं। पहला चंद्र ग्रहण तो 26 मई को है। जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगेगा। 19 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा।
कब तक रहेगा चंद्रग्रहण
चंद्र ग्रहण 26 मई दिन बुधवार को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर के कुछ क्षेत्रों में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। तो वहीं भारत में उपछाया ग्रहण दिखाई देगा। इसलिए भारत में इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य नहीं होगा।
हालांकि दुनिया के तमाम हिस्सों में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लगने से आस्थावान लोग सूतक काल मानकर कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं। ज्योतिष विज्ञान में यह भी माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ कामों से परहेज करना चाहिए और कुछ काम इस दौरान करने से अच्छा फल मिलता है। यही फल इस ग्रहण का प्रभाव है जो किसी न किसी रूप में हमें हमारे परिवेश में दिखाई देता है।