Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Time: छठ पूजा का तीसरा दिन, आज जानें सूर्यास्त का समय और पूजा विधि

Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Time: छठ महापर्व की धूम पूरे देशभर में छाई है। इस साल छठ महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से हुई। चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है।

Report :  Anupma Raj
Update: 2022-10-30 02:32 GMT

Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Time (Image: Social Media)

Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Time: छठ महापर्व की धूम पूरे देशभर में छाई हुई है। इस साल छठ महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से हुई। चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है। आज के दिन व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी। छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या काल में अस्तगामी सूर्य यानी डूबते सूरज को जल चढ़ाया जाता है। तो आइए जानते हैं छठ पूजा में शाम के समय सूर्य को पहला अर्घ्य किस विधि से दें और शुभ मुहूर्त;

छठ पूजा संध्या अर्घ्य शुभ मुहूर्त (Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Muhurat)

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी की 30 अक्टूबर 2022 पर डूबते सूर्य (संध्या अर्घ्य) को अर्घ्य दिया जाता है। फिर अगले दिन यानी इस साल 31 अक्टूबर 2022 को उदयीमान सूर्य यानी उगते सूरज को व्रती जल चढ़ाकर अपना व्रत पूरा करेंगे। 

कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि प्रारंभ: 30 अक्टूबर 2022 (रविवार) : सुबह 05:49

कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त: 31 अक्टूबर 2022 (सोमवार): सुबह 03:27

सूर्योदय का समय - सुबह 06 बजकर 35 मिनट (30 अक्टूबर 2022)

सूर्योस्त का समय- सायं 5 बजकर 38 मिनट (30 अक्टूबर 2022)

छठ पूजा 2022 का शुभ मुहूर्त (Chhath Puja Shubh Muhurat)

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:53 - सुबह 05:44 

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:48- दोपहर 12:33

गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:46 - शाम 06:11

छठ पूजा 2022 का शुभ योग (Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Shubh yoga)

छठ महापर्व में तीसरा दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। दरअसल इसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य देने वाले दिन कई शुभ योग का संयोग बन रहा है जिसके प्रभाव से व्रती को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी। साथ ही इस दिन रवि, सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, रवि योग में सूर्य की पूजा करने से जीवन में मान-सम्मान में वृद्धि होती है, बल, बुद्धि, धन का वरदान प्राप्त होता है। 

रवि योग: 30 अक्टूबर 2022, 7.26 - 31 अक्टूबर 2022, 05.48

सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06.35 - सुबह 07.26 (30 अक्टूबर 2022)

छठ पूजा 2022 अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य देने की विधि (Chhath Puja Sandhya Arghya Vidhi)

छठ पूजा के एक दिन पहले से ही रात में व्रत की शुरुआत हो जाती है। 

छठ महापर्व में तीसरे दिन यानी कि सूर्य षष्ठी पर प्रात: काल स्नान कर नियमित रूप से सूर्य देव की पूजा करें।

छठ व्रत का संकल्प लेते वक्त ये मंत्र बोलें: 'ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये' 

छठ पूजा के दिन शाम को व्रती को सूती साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं। 

छठ पूजा के दिन छठ पूजा के टोकरी में पूजन सामग्री रखकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।

छठ पूजा के शाम को सूर्यास्त के समय नदी या तालाब में खड़े होकर स्नान करें। फिर गेहूं के आटे और गुड़, शक्कर से बने ठेकुए और चावल से बने भुसबा, गन्ना, नारियल, सुथनी, शकरकंदी, लाल सिंदूर, केला, नाशपाती, शहद, पान, बड़ा नींबू, सुपारी, कैराव, कपूर, मिठाई, चंदन, हल्दी, सेब, फल-फूल बांस से बनी डलिया या सूप में सजा लें। 

अब बांस के सूप में दीपक प्रज्वलित करें और तांबे के लौटे में जल लेकर उसमें लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत, गंगजाल डालें और पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दें। 

ध्यान रखें जल चढ़ाते वक्त पानी की धारा बनाकर अर्घ्य दें। 

सूर्य देव और छठी मईया से अपनी मनोकामना पूर्ती की प्रार्थना करें और फिर पानी में ही तीन बार परिक्रमा लगाएं। 

सूर्य को अर्घ्य देने के मंत्र का जाप करे, मंत्र है

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।


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