Chhathi Ka Bhog:कान्हा को प्रिय है यह भोजन, छठी के दिन लगाएं इसका भोग मिलेगा मनचाहा फल
Chhathi Ka Bhog:जन्माष्टमी जब भी होती है उसके छठे दिन कान्हा की छठी मनाई जाती है।इस बार कान्हा की छठी दो दिन 31 अगस्त और 1 सितंबर को मनाई जा रही है...जानते है कान्हा की छठी का भोग क्या होगा;
Chhathi Ka Bhog:इस बार वैसे तो जन्माष्टमी 26 सितंबर को थी लेकिन कुछ जगहों पर 27 सितंबर को मनाई गई इसलिए कान्हा की छठी दो दिन 31 अगस्त और 1 सितंबर को मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के 6 दिन बाद उसकी छठी मनाया जाता हैं। इसी तरह जन्माष्टमी के 6 दिन बाद भगवान कृष्ण की छठी’भी मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों और घरों में भजन-कीर्तन किया जाता है और कढ़ी चावल का प्रसाद का बनाया जाता है। इस व्रत की महिमा काफी होती हैं इसलिए इस व्रत को रखा जाता है। हर साल ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ (Krishna Janmashtami) के 6 दिन बाद ‘कृष्ण छठी’ (Krishna Chhathi) मनाई जाती है।
इस व्रत से जुड़ी खास बातें जानिए
इस साल 31 अगस्त और 1 सितंबर, छठी को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जानें कृष्ण छठी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
छठी के दिन का भोग में क्या रखे
कृष्ण छठी के दिन लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करके इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर कानहा को स्थापित करते है। इसके बाद लड्डू गोपाल का पंचामृत से स्नान करें और नए वस्त्र पहनाकर स्थापित करें।
इसके बाद प्रभु को रोली या पीले चंदन का तिलक लगाएं। साथ फूल माला अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें। माखन मिश्री और कढ़ी चावल का भोग लगाएं। इसके बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें। अब प्रभु से जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए कामना करें।
कहते हैं कि छठी के दिन षष्ठी देवी को अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है और उनकी कृपा से राजा प्रियव्रत का मृत पुत्र फिर से जीवित हो गया है। इसलिए बच्चे की छठी पूजी जाती है और उसके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है। इसी तरह भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उनकी भी छठी पूजी जाती है और कान्हा जी को कढ़ी-चावल का भोग लगाया जाता है।
श्री कृष्ण की छठी के दिन उनकी पसंदीदा चीजों का भोग लगाने से कान्हा खुश होते हैं और मनवांछित फल देते हैं। इस दिन श्री कृष्ण को माखन और मिश्री का भोग लगाए। माखन चोरी का उनकी बाल कथाओं में एक विशेष स्थान है। माखन के लिए तो उन्होंने कई हांडियां भी फोड़ी। सनातन धर्म में छठी के दिन कढ़ी- चावल बनाने की भी परंपरा है । श्री कृष्ण की छठी में कढ़ी- चावल का भोग लगाना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए भगवान को छठी के दिन कढ़ी- चावल का ही भोग लगाएं। साथ ही श्री कृष्ण को माखन- मिश्री का भोग जरूर लगाए।