December Ka Pahla Som Pradosh Vrat Aaj : दिसंबर का पहला प्रदोष व्रत कब है? जानिए इसकी महिमा और मिलने वाला शुभकारी फल
December Ka Pahla Som Pradosh Vrat: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। इस बार यह प्रदोष सोमवार के दिन पड़ रहा है। इससे इसकी महिमा और बढ़ गई है। इस दिन शिव परिवार की पूजा और व्रत करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है।
December Ka Pahla Pradosh Vrat:
दिसंबर का पहला प्रदोष व्रत (5दिसंबर 2022) कब है?
शिव की भक्ति और कृपा के लिए हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत कर भोले बाबा की कृपा प्राप्त की जाती है। हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष में 2 प्रदोष पड़ते हैं। मार्गशीर्ष माह के प्रदोष व्रत का हिंदू शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। इस साल 2022 में 5 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में सोम प्रदोष पड़ रहा है। प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा कर व्रत धारण किया जाता है। प्रदोष व्रत जिस दिन होता है उसके अनुसार उनका नाम होता है।
मार्गशीर्ष माह को बहुत पवित्र माना जाता है लेकिन मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष फल मिलता है और सारे पाप भी धुल जाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस व्रत की महिमा बहुत है। माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को लोग लंबी आयु, संतान और समृद्धि के लिए करते हैं।
मार्गशीर्ष माह का शुक्ल प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त...
सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त अच्छे योग और मुहूर्त में शिव की पूजा की जाए तो फल शुभ मिलता है। इस दिन आद्रा नक्षत्र रहेगा।
- प्रदोष की पूरी तिथि : 5 दिसंबर 2022, सोमवार की सुबह 5 .57 मिनट से प्रांरभ
- प्रदोष की पूरी तिथि : 6 दिसंबर की सुबह 6.47 मिनट तक रहेगी
- वहीं सोम प्रदोष की पूजा का शुभ मुहूर्त, प्रदोष काल 5 दिसंबर की शाम 5 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा
- ब्रह्म मुहूर्त :05:21 AM से 06:10 AM
- अमृत काल : 03:34 AM से 05:15 AM
- अभिजीत मुहूर्त :11:56 AM से 12:38 PM
- प्रदोष काल शाम : 06:27 PM से 06:51 PM तक
- निशिता काल : 11:42 PM से 12:26 AM, दिसंबर 06
- प्रदोष की पूजा : 5 दिसंबर को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 . 33 मिनट से रात 08. 15 मिनट तक
- सोम प्रदोष के दिन श्रीविष्णु की पूजा भी शिव के साथ करते हैं। जो हर कष्ट का निवारण करते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
- पारणा का समय: 5.10 am से 8.21 am तक
इस दिन अभिजीत मुहूर्त में किेए गए काम में सफलता मिलेगी। व्यवसाय, नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के लिए मन में इच्छा रखकर सावन का प्रदोष व्रत करें और शिव पंचाक्षर मंत्र से शिव से कामना करने पर हर इच्छा पूरी होती है। निशिता काल में विशेष कृपा के लिए शिव की पूजा प्रदोष व्रत के दिन की जाए तो सारे काम पूरे होते है।
सोम प्रदोष पर करें ये उपाय
धर्म-पुराणों के अनुसार सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव कैलाश पर आनंद मुद्रा में रहते हैं इसलिए इस किए गए उपाय तेजी से फल देते हैं। प्रदोष काल में सोम प्रदोष व्रत की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है। कोशिश करें कि प्रदोष काल में पूरे विधि-विधान से शिव-पार्वती की पूजा करें। साथ ही भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी की भी पूजा करें। सोम प्रदोष व्रत के दिन हल्के लाल या गुलाबी रंग के कपड़े पहनें। प्रदोष व्रत की पूजा में शिवलिंग के पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। साथ ही बेलपत्र अर्पित करें। इस दौरान 'ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः' मन्त्र का 108 बार जाप करें। प्रदोष व्रत की पूजा कथा पढ़े बिना अधूरी है। साथ ही सोम प्रदोष व्रत के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें। प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय आटे का पांच मुखी घी का दीपक जलाएं।
प्रदोष पूजा विधि
सोम प्रदोष के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब एक चौकी रखें और उस पर भगवान शिव और माता पार्वती का चित्र या कोई मूर्ति स्थापित करें। फिर षोडशोपचार पूजन करें। संध्या के समय पुनः स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पूजन आरंभ करें। गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें। इसके बाद विधि पूर्वक पूजन और आरती करें।