Deepak Shubh Ashubh Sanket :दीपक की लौ में छिपे है रहस्यमयी संकेत, जानिए क्या कहता है इस बारे में ज्योतिष विज्ञान

Deepak Me Lau ke Shubh-Ashubh Sanket: जब भी हम पूजा करते हैं तो घर के मंदिर या मंदिर में पूजा के बाद दिया जलाते हैं। दिया जलाने के बाद उसमें कई आकृतियां बनती है, फूल बनते हैं, इस बारे में क्या कहता है ज्योतिष शास्तर

Update:2023-12-13 06:00 IST

Deepak Me Lau ke Shubh-Ashubh Sanket दीपक की लौ तेज होने का क्या मतलब है?-पूजा करने के बाद भगवान के सामने दीपक जलाया जाता है। जब हम रोजाना भगवान की पूर्ण श्रद्धा से पूजा करते हैं तब भगवान की तरफ से भी हमने कई संकेत मिलने लगते हैं। हालांकि ये संकेत सभी के समझ आएं या सभी को मिलें ये अनिवार्य नहीं। भगवान की नियमित पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं और अपने प्रसन्न होने का संकेत भी देते हैं। 

दीपक में की लौ की आकृति

दीपक में फूल बनना सौभाग्य की निशानी है। भगवान संकेत दे रहे हैं कि उन्होंने आपकी पूजा स्वीकार की है। आपने सच्चे मन से ईश्वर की पूजा की है। यह संकेत होता है कि आपके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आने वाला है। भगवान आपसे यह कहना चाह रहे हैं। भगवान की पूजा सकारात्मक भावना से करनी चाहिए। यह हमारी सोच और विश्वास पर निर्भर करता है।दीपक में फूल बनना बहुत ही शुभ माना जाता है। दीपक की लौ में कई प्रकार की आकृतियाँ बनती हैं। यह आकृति अलग-अलग तरह के हो सकते हैं। रोजाना भगवान के सामने दीपक जलाने से दीपक में फूल धीरे-धीरे बनने लगते हैं। इसलिए दीपक में फूल बनना बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है।

भगवान की रोज पूजा करने से जब भगवान प्रसन्न होते हैं तो अपने भक्त को किसी न किसी माध्यम से यह संकेत देते हैं। यह संकेत कई बार दीपक के माध्यम से हमें मिलती है जब दीपक में फूल बनता है। इसलिए यदि आपके घर के मंदिर में जलते हुए दीपक में फूल बनना शुभ संकेत है और आपको इससे खुश हो जाना चाहिए।

दीपक में फूल बनना तो शुभ होता ही है इसके अलावा और भी कई तरह की आकृतियां दीपक में दिखती है जिनका अलग-अलग संकेत होता है। कभी दीपक की लौ में त्रिशुल, भगवान गणेश, दो या तीन मुहा फूल की आकृतियां भी बनती है। आइए जानते हैं दीपक की लौ में बनने वाले इन आकृतियों के संकेतों को।

दीपक में फूल बनने का शुभ-अशुभ संकेत 

अगर आपके दीपक में फूल बनता है तो इसका अर्थ है कि आपकी पूजा भगवान तक पहुंच रही है और आपकी पूजा से भगवान संतुष्ट हैं। भगवान आपके साथ हैं और किसी न किसी रूप में आपकी सहायता कर रहे हैं।अगर आपके दीपक में त्रिशूल की आकृति बनती है तो इसका अर्थ होता है कि भगवान शिव की आप पर असीम कृपा है। भगवान का आपकी हर परिस्थिति में रक्षा कर रहे हैं। बता दें कि, आप पूजा किसी भी करें पहुंचती वो सभी देवी देवताओं को समान रूप से है।

अगर आपके दीपक में चक्र की आकृति बनती है तो इसका अर्थ है कि आपके जीवन में ढेर सारी खुशियों का आगमन होने वाला है। आपको न सिर्फ धन लाभ हो सकता है बल्कि आपको हर काम सफलता हासिल होने के आसार बढ़ सकते हैं।

दीपक में मोर पंख या बांसुरी  बनने का अर्थ है श्री कृष्ण का आपके प्रति अपार प्रेम और आशीर्वाद। इसके अतिरिक्त, इन दोनों आकृतियों का ये भी मतलब होता है कि आपको जल्द अपने शत्रुओं से छुटकारा मिल जाएगा और आपके वैवाहिक जीवन में मधुरता घुलेगी।

दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है।

 किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है । दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखने से हानि होती है। यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है। किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है।

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