Dhanteras 2022: धनतेरस में झाड़ू खरीदना क्यों है बेहद जरूरी, जानें महत्व और शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2022: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन की खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-09-20 17:50 IST

dhanteras 2022 (Image credit : social media)

Dhanteras 2022 Kab Hai: दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस से ही शुरु हो जाती है। इस दिन भगवान् गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा घर में लाने की धार्मिक परंपरा है। इस वर्ष धनतेरस 23 अक्टूबर 2022 (Dhanteras 2022 date) दिन रविवार को है। बता दें कि धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही मनाया जाता है। इसी दिन से ही शुभ दीपावली का उत्सव शुरू हो जाता है। उल्लेखनीय है कि दीपावली पांच दिवसीय पर्व के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली के शुभ पर्व पर मां लक्ष्मी के साथ कुबेर देवता और धनवंतरी की भी पूजा का विशेष विधान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन की खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू घर लाने से माँ लक्ष्मी बेहद प्रसन्न हो जाती हैं। इसके अलावा झाड़ू को गृह लक्ष्मी भी माना जाता है।

तो आइए जानते हैं धनतेरस का महत्व और उसमें पूजन के शुभ मुहूर्त के बारे में

धनतेरस 2022 का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2022 Shubh Muhurat)

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ - शनिवार 22 अक्टूबर 2022, शाम 6.02 से

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त - रविवार 23 अक्टूबर 2022, शाम 6.03 तक

धनवंतरी देव पूजन का शुभ मुहूर्त - 23 अक्टूबर 2022 रविवार, 5.44 PM - 06.05 PM तक.

शुभ मुहूर्त की कुल अवधि - 21 मिनट

प्रदोष काल: 5.44 PM से लेकर 8.16 PM

वृषभ काल: 6.58 PM से लेकर 8.54 PM

धनतेरस का विशेष है महत्व (Dhanteras Significance)

हिन्दू धर्म में धनतेरस का विशेष महत्त्व बताया गया है। धार्मिक पौराणिक कथाओ के अनुसार धनत्रयोदशी के दिन ही भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। जिस कारण इस दिन को धनतेरस के रूप में उनकी पूजा की जाती है। मान्यताओं के मुताबिक़ भगवान धनवंतरी को विष्णु जी का ही अवतार माना जाता हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से जब प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा एक कलश था। इसी की वजह है से धन तेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी, गहने खरीदने की परंपरा निभायी जाती है। धार्मिक मान्यताओं में धनतेरस पर भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख -समृद्धि में वृद्धि होती है। बता दें कि इस दिन प्रदोष काल में यम देव के निमित्त दीपदान करने की भी परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन से अकाल मृत्यु का डर भी दूर हो जाता है। इतना ही नहीं हिन्दू धर्म में भगवान धनवंतरी को चिकित्सा और औषधि के देवता के रूप में भी पूजा जाता है।

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