Dhanteras Ka Upay: धन-दौलत की होती है बरसात, चमकती है किस्मत, अगर करते हैं धनतेरस के दिन ये सारे काम,
Dhanteras Ka Upay: धनतेरस के दिन क्या करना चाहिएऔर क्या नहीं करना चाहिए जिससे मां लक्ष्मी की कृपा बरसती रहे, जानते हैं, ...
Dhanteras Ka Upay: धनतेरस के पर्व को दीपावली का आरंभ माना जाता है। इस दिन को धन एवं आरोग्य से जोड़कर देखा जाता है। यही कारण है कि इस दिन भगवान धनवंतरी और कुबेर का पूजन अर्चन किया जाता है। ताकि हर घर में समृद्धि और आरोग्य बना रहे। दिवाली से पहले लोग अपने घरों की सफाई करना शुरू कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं धनतेरस के दिन घर में कुछ खास जगहों की सफाई करने का भी बड़ा महत्व होता है। ऐसा करने से आपकी आमदनी, आपकी धन-दौलत और किस्मत भगवान धनवन्तबरी, कुबेर देव और मां लक्ष्मी की कृपादृष्टि पाकर चमक उठेगी।
धनतेरस का महत्व
वास्तु के अनुसार घर का ईशान कोण सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसे देवताओं का स्थान कहते हैं। इसलिए हर घर में आमतौर पर मंदिर इसी कोण में बना होता है। घर का ईशान कोण उत्तर-पूर्व कोण को कहते हैं। धनतेरस के दिन इस कोण की सफाई जरूर करनी चाहिए।
घर का यह क्षेत्र यदि गंदा है या इस जगह पर ऐसी चीजें रखी हैं, जिनका आप कभी इस्तेमाल ही नहीं करते, तो ऐसे घर में मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती। इसलिए अपने घर के ईशान कोण को हमेशा साफ रखना चाहिए।
पूर्व की ओर: धनतेरस के दिन सवेरे ही उठकर घर के पूर्व के स्थानों को साफ अवश्य करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
उत्तर दिशा: घर के उत्तर दिशा का साफ होना भी महत्वपूर्ण है। कहते हैं इससे मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं।
ब्रह्म स्थान: सबसे महत्वपूर्ण घर के बीचो बीच यानी ब्रह्म स्थान है। यहां से जरूरत में न आने वाला सामान हटाकर अच्छी तरह से साफ करें।
धनतेरस, धनवंतरी त्रयोदशी या धन त्रयोदशी दीपावली से पूर्व मनाया जाना महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन आरोग्य के देवता धनवंतरी, मृत्यु के अधिपति यम, वास्तविक धन संपदा की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी तथा वैभव के स्वामी कुबेर की पूजा की जाती है।
इस त्योहार को मनाए जाने के पीछे मान्यता है कि लक्ष्मी के आह्वान के पहले आरोग्य की प्राप्ति और यम को प्रसन्न करने के लिए कर्मों का शुद्धिकरण अत्यंत आवश्यक है। कुबेर भी आसुरी प्रवृत्तियों का हरण करने वाले देव हैं।
धनवंतरी और मां लक्ष्मी का अवतरण समुद्र मंथन से हुआ था। दोनों ही कलश लेकर अवतरित हुए थे। इसके साथ ही मां लक्ष्मी का वाहन ऐरावत हाथी भी समुद्र मंथन द्वारा अवतरित हुआ था।
श्री सूक्त में लक्ष्मी के स्वरूपों का विवरण कुछ इस प्रकार मिलता है। 'धनमग्नि, धनम वायु, धनम सूर्यो धनम वसु:' अर्थात् प्रकृति ही लक्ष्मी है और प्रकृति की रक्षा करके मनुष्य स्वयं के लिए ही नहीं, अपितु नि:स्वार्थ होकर पूरे समाज के लिए लक्ष्मी का सृजन कर सकता है।
श्री सूक्त में आगे यह भी लिखा गया है- 'न क्रोधो न मात्सर्यम न लोभो ना अशुभा मति:' तात्पर्य यह कि जहां क्रोध और किसी के प्रति द्वेष की भावना होगी, वहां मन की शुभता में कमी आएगी, जिससे वास्तविक लक्ष्मी की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होगी। यानी किसी भी प्रकार की मानसिक विकृतियां लक्ष्मी की प्राप्ति में बाधक हैं।
आचार्य धनवंतरी के बताए गए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी उपाय अपनाना ही धनतेरस का प्रयोजन है।श्री सूक्त में वर्णन है कि, लक्ष्मी जी भय और शोक से मुक्ति दिलाती हैं तथा धन-धान्य और अन्य सुविधाओं से युक्त करके मनुष्य को निरोगी काया और लंबी आयु देती हैं।
धनतेरस पर कुछ सावधानियां बरतनी भी जरूरी हैं
दिवाली से पहले लोग घरों की साफ़ सफाई करते है। अगर धनतेरस के दिन घर में कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान बिखरा हुआ हो तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होगा। इसलिए धनतेरस से पहले ही ऐसा सामान बाहर निकाल दें।
घर के मुख्य द्वार पर ऐसी सामान बिलकुल ना रखे जो बेकार हो। मुख्य द्वार को नए अवसरों से जोड़कर देखा जाता है। माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार से ही लक्ष्मी का आगमन होता है इसलिए इस स्थान को हमेशा साफ़ रखना चाहिए।
धनतेरस पर कुबेर की पूजा करने वाले लोग ये गलती बिलकुल करें। कुबेर के साथ माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की भी उपासना जरूर करें वरना पूरे साल बीमार रहेंगे। कहा जाता है कि इस दिन शीशे के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। इस दिन सोने चांदी या नए बर्तन खरीदन को अत्यंत शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन लक्ष्मी घर आती है इस लिए इस दिन किसी को भी उधार ना दें। ऐसा करने से आप पर देनदारी और कर्ज का भार पड़ सकता है। यह भी धयान रहे कि इस दिन नकली मूर्तियों की पूजा ना करें। सोने चांदी या मिट्टी की बनी मां लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा करें।
धनतेरस पर खास उपाय
धन समृद्धि बढ़ाने के लिए कौड़ियां खरीदकर उसकी पूजा करते हैं और उसे तिजोरी में रखते हैं। कौड़ीयां खरीदें और यदि वे पीली ना हो तो उन्हें हल्दी के घोल में पीला कर लें। बाद में इनकी पूजा कर अपनी तिजोरी में रखें। इसके अलावा इस दिन 13 दीपक जलाएं और घर के सभी कोने में रख दें। आधी रात के बाद सभी दीपकों के पास एक एक पीली कौड़ियां रख दें। बाद में इन कौड़ियों को जमीन में गाड़ देते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन में अचानक से धनवृद्धि होगी।
धन तेरस पर नई झाड़ू खरीदकर उसकी पूजा की जाती है। घर में नई झाड़ू लाने के अलावा आप किसी मंदिर में या किसी सफाईकर्मी को अच्छी वाली झाड़ू खरीदकर दान कर सकते हैं। इससे लक्ष्मी माता आप पर प्रसन्न होंगी। ऐसी मान्यता है कि झाड़ू घर से दरिद्रता हटाती है और इससे दरिद्रता का नाश होता है। धनतेरस के दिन घर में नई झाड़ू लाने के बाद इस पर एक सफेद रंग का धागा बांध देना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर की आर्थिक स्थिति सुधर जाती है।
धनतेरस पर खासकर धनिया (खड़ा धनिया) खरीदना बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से धन का नुकसान नहीं होता है। किवदंति अनुसार ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को धनिया अर्पित करने और भगवान धनवंतरि के चरणों में धनिया चढ़ाने के बाद उनसे प्रार्थना करने से मेहनत का फल मिलता है और व्यक्ति तरक्की करता है। पूजा के बाद आप धनिया का प्रसाद बनता है जिसे सब लोगों के बीच वितरित किया जाता है।
इस दिन साबूत चावल के 21 दाने लें और उनकी पूजा करके उन्हें लाल कपड़े में बांधकर घर की तिजोरी में रख लें। इससे धन की तंगी दूर हो जाएगी।
यदि आपके पास धन नहीं टिकता है, तो इस धनतेरस से दीपावली के दिन तक आप मां लक्ष्मी को पूजा के दौरान एक जोड़ा लौंग चढ़ाएं।
धनतेरस की पूजा से पहले एवं बाद में दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर घर में चारों तरफ थोड़ा-थोड़ा छिड़कें। इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
इस दिन आप किसी मंदिर या उचित स्थान पर जाकर केले का पौधा या कोई सुगंधित पौधा लगाएं। जैसे-जैसे ये हरे भरे और बड़े होंगे, आपके जीवन में भी समृद्धि और सफलताएं बढ़ेंगी।
धनतेरस से बाजार से नमक का नया पैकेट खरीदकर लाएं और घर में इसी नमक का उपयोग करें। इससे आपके घर में धन समृद्धि बढ़ेगी। थोड़ासा खड़ा नमक भी लेकर आएं और इसे घर के पूर्व और उत्तर दिशा में एक कटोरी में रख दें। इससे वास्तु दोष दूर होगा।
धनतेरस पर खरीदारी से से तेरह गुना लाभ
धनतेरस के दिन खरीदारी से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि इस दिन खरीदारी करने से धन तेरह गुना बढ़ जाता है। धनतेरस के दिन ही लोग लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति दीवाली की रात पूजा के लिए खरीदते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन धनियां का बीज खरीदने की परंपरा भी है। कहा जाता है कि धनियां के बीज को दीवाली के बाद बोने से धन-संपदा में काफी बढ़ोतरी होती है। बदलते परिवेश और हालात में कुछ लोग जहां विलासिता की वस्तुएं खरीदकर धनतेरस मनाते हैं वहीं कुछ लोग आवश्यकता की वस्तुएं खरीदकर कर। लेकिन कुछ ऐसी वस्तुएं हैं इसे धनतेरस के दिन खरीदना खराब माना गया