ये है धनतेरस का शुभ मुहूर्त, इस मंत्र से करें भगवान धनवंतरि को प्रसन्न

Update: 2019-10-23 04:15 GMT

जयपुर: कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धन की देवी के उत्सव का प्रारंभ होने के कारण इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी व धन्वन्तरी त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस पर पांच देवताओं, गणेश जी, मां लक्ष्मी, ब्रह्मा,विष्णु और महेश की पूजा होती है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान धनवन्‍तरी का जन्‍म हुआ था जो कि समुद्र मंथन के दौरान अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे और इसी कारण से भगवान धनवन्‍तरी को औषधी का जनक भी कहा जाता है।

धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। शास्त्रोंनुसार धनवंतरी के उत्पन्न होने के दो दिनों बाद मां लक्ष्मी प्रकट हुईं थी। इसी कारण यह त्योहार दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है।इस बार धनतेरस 25 अक्टूबर को है।

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 10 मिनट से शुरु होकर शाम 8 बजकर 16 मिनट पर खत्म हो जाएगा। धनतेरस पूजा करने का शुभ मुहूर्त सिर्फ 01 घंटे 5 मिनट रहेगा. धनतेरस के दिन प्रदोश काल 05 बजकर 42 मिनट से लेकर 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वहीं वृषभ काल 6 बजकर 52 मिनट से लेकर 8 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।

सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें। चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें। भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें। हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।

मंत्र का करें जप

देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः

पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः

ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि

 

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