Diwali 2022 Special Mantra: दिवाली पर दिए जलाते समय इस मंत्र का करें जाप, आएगी समृद्धि

Diwali 2022 Special Mantra: इस दिन सोमवार का दिन हस्त नक्षत्र दिवा 03:18 तक पश्चात् चित्रा नक्षत्र रहेगी जो अत्यन्त ही शुभ है। सायं काल में दीपोत्सव के साथ-साथ ही माँ लक्ष्मी, गणेश व कुबेरादि देवताओं की पूजन निष्ठा पूर्वक करना चाहिए।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-10-23 06:02 IST

 Diwali (फोटो- सोशल मीडिया)

Diwali 2022 Special Mantra: दिवाली नजदीक आ गयी है। बस दो दिन बाद यानी 24 अक्टूबर को समूचे देश में रोशनी का त्यौहार दिवाली मनाया जायेगा। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय बताते है की इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि सोमवार को सायं 05:04 के पश्चात प्रारम्भ हो रही है।

इस दिन सोमवार का दिन हस्त नक्षत्र दिवा 03:18 तक पश्चात् चित्रा नक्षत्र रहेगी जो अत्यन्त ही शुभ है। सायं काल में दीपोत्सव के साथ-साथ ही माँ लक्ष्मी, गणेश व कुबेरादि देवताओं की पूजन निष्ठा पूर्वक करना चाहिए। इस दिन भगवती महालक्ष्मी का उत्सव बड़ी धूम- धाम के साथ मनाया जाता है।


                                                                                                         ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय बताते हैं कि जिस तरह रक्षा-बन्धन ब्राह्मणों का, दशहरा क्षत्रियों का, होली शूद्रों का त्यौहार है उसी प्रकार दीवाली वैश्यों का त्यौहार माना जाता है। परन्तु भारत वर्ष महान देश होने के कारण चारों बडें-बड़ें त्योहारों को सभी हिन्दू मनाते हैं। चाहे वें कोई भी वर्ण के क्यों न हों।

उन्होंने बताया कि इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पहले से ही घरों को साफ सुथरा करके दीप आदि रोशनी से सजाकर घी के दीपों से भी सजाना चाहिए। दीपावली के दिन दीपकों की पूजा का बहुत ही महत्व है। इसके लिए दो थाली में दीपकों को रखें, छ चतुर्मुख दीपक दोनों थाली में सजायें। 31 छोटे दीपकों में तेल-बत्ती रखकर जला देवें। फिर जल, अक्षत, पुष्प, रोली, दूर्वा, चन्दन, अबीर, गुलाल, हाथ में लेकर अर्पित करें। धान का लावा अर्पित कर निम्न मन्त्र को पढ़ें "ॐ दीपमालिकायै नमः।"

उसके पश्चात धूप दीप दिखाकर लक्ष्मी गणेश जी व कुबेर जी का उपरोक्त सामग्री आदि से पूजन कर भोग लगाकर आरती करें। ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय बताते है की

लक्ष्मी व कुबेर जी के प्रसन्नता हेतु अपने पूजा स्थल के पास बैठकर श्रीसूक्त या कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को चाहिए की दिवाली के दिन रात्रि के समय में मां सरस्वती का ध्यान करते हुए सरस्वती की कृपा प्राप्ति हेतु जरूर पढ़े व काले रंग की स्याही से लिखे।

दिवाली के दिन पूजन का मुहूर्त

गणेश-लक्ष्मी पूजन हेतु मुहूर्त

सर्वोत्तम मुहूर्त वृष लग्न 06:36 से 08:33 तक

मध्य रात्री सिंह लग्न-01:04 से 03:18 तक।

उपरोक्त पूजन निष्ठा पूर्वक करने से माँ लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।।

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