Falgun Purnima 2022 : फाल्गुन पूर्णिमा के दिन करें पूजा और उपवास, इन उपायों से भरेगा भंडार

Falgun Purnima 2022: फाल्गुन पूर्णिमा के दिन का हिंदू धर्म में बहुत है । इस दिन भगवान शिव और चंद्र की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा का उपवास रखने से मनुष्य के दुखों का नाश होता है ।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2022-03-11 09:51 IST

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Falgun Purnima 2022

फाल्गुन पूर्णिमा 2022:

साल के आखिरी माह फाल्गुन माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि को फाल्गुन पूर्णिमा कहते हैं।   इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 17 मार्च 2022 को है। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा का उपवास रखने से मनुष्य के दुखों का नाश होता है और उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। इस तिथि को होली का त्यौहार मनाया जाता है।

फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि

  • पूर्णिमा प्रारंभ - 17 मार्च 2022 दोपहर 01:30 बजे
  • पूर्णिमा समाप्त - 18 मार्च 2022 दोपहर 12:47 बजे

फाल्गुन पूर्णिमा पूजा विधि

हर माह की पूर्णिमा पर उपवास और पूजन की परंपरा है। हालांकि कुछ विशेषताएँ भी होती हैं। फाल्गुन पूर्णिमा पर भगवान श्री कृष्ण का पूजन होता है। पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें और उपवास का संकल्प लें। सुबह सूर्योदय से लेकर शाम को चंद्र दर्शन तक उपवास रखें। रात्रि में चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। इस दिन स्नान, दान और भगवान का ध्यान करें। नारद पुराण के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को लकड़ी व उपलों को एकत्रित करना चाहिए। हवन के बाद विधिपूर्वक होलिका पर लकड़ी डालकर उसमें आग लगा देना चाहिए। होलिका की परिक्रमा करते हुए हर्ष और उत्सव मनाना चाहिए।

फाल्गुन पूर्णिमा की कथा

नारद पुराण में फाल्गुन पूर्णिमा को लेकर एक कथा का वर्णन मिलता है। यह कथा राक्षस हरिण्यकश्यपु और उसकी बहन होलिका से जुड़ी है। राक्षसी होलिका भगवान विष्णु के भक्त और हरिण्यकश्यपु के पुत्र प्रह्लाद को जलाने के लिए अग्नि स्नान करने बैठी थी लेकिन प्रभु की कृपा से भक्त प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका स्वयं ही अग्नि में भस्म हो गई। इस वजह से पुरातन काल से ही मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लकड़ी व उपलों से होलिका का निर्माण करना चाहिए और शुभ मुहूर्त में विधि विधान से होलिका दहन करना चाहिए। होलिका दहन के समय भगवान विष्णु व भक्त प्रह्लाद का स्मरण करना चाहिए।

फाल्गुन पूर्णिमा पर उपाय

अगर आप बीमार है, या लंबे समय से बीमार चल रहे तो फाल्गुन पूर्णिमा की रात तुलसी की माला से 'ॐ नमो भगवते रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा' का 1008 बार जाप करेंगे तो हमेशा के लिए स्वस्थ्य रहेंगे।

फाल्गुन पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के लिए बेहद खास होता है। इस रात चंद्रमा की विधि-विधान से पूजा करके चंद्रमा को गाय के कच्चे दूध से अर्घ्य दिया जाता है। इसके साथ ही खीर या दूध से बनी चीजों का भोग लगाने से धन का मार्ग सुगम होता है।

फाल्गुन पूर्णिमा पर अगर किसी भी व्यक्ति की कुंडली में दोष है, तो उससे राहत पाने के लिए इस दिन होलिका दहन की राख से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए और नहा कर पूजा कर लेने से है हर दोष मिट जाता है।

फाल्गुन पूर्णिमा पर इस उपाय से हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन पूजा में हल्दी की गांठ, फल-सब्जी और उपले का प्रयोग करें। पूजा के बाद होलिका के चारों ओर 8 दीपक जला दें। इससे जीवन खुशहाल रहता है।

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