Eid-Ul-Fitr 2021: जानिए कब दिखेगा ईद का चांद, किस दिन मनाएंगे भाईचारे का त्योहार

ईद रमजान के दौरान इबादत और रोजा करने वालों के लिए अल्लाह (ईश्वर) की ओर से एक इनाम है। ये पूरे माह के रोजा के बाद आता है।

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Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2021-05-12 07:57 IST

सांकेतिक तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

 लखनऊ:  रमाजान ( Ramadan)  का पाक महीना (Holy Month)  एक –दो दिन में खत्म होने वाला है। ये महीना सीधे खुदा (God) से साक्षात्कार करने का होता है। एक महीने के रोजे के बाद हर किसी को बस अब ईद का इंतजार है। अगर 12 मई को चांद दिखा तो ईद 13 मई को होगी और अगर 13 मई को चांद नजर आता है तो ईद 14 मई को मनाई जाएगी। इस तरह से ईद ( Eid) की तारीख चांद ( Moon) को देखकर तय होगी।

बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर चांद पर आधारित है, वैसे परंपरानुसार ईद-उल-फितर (Eid Ul Fitr) का पर्व 'शव्वाल' की पहली तारीख को मनाया जाता है, जो कि रमजान के महीने के खत्म होने पर शुरू होता है। ईद-उल फितर का मतलब है रोजा खत्म करने का त्योहार, क्योंकि ये एक महीने के रमजान के बाद आता है।

 इस दिन होगी ईद

मुसलमानों के अनुसार, रमजान का महीना पवित्र महीना है, जिसके दौरान पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad ) पर मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरान का खुलासा हुआ था। इसलिए, ईद रमजान के दौरान इबादत और रोजा करने वालों के लिए अल्लाह (ईश्वर) की ओर से एक इनाम है।

सांकेतिक तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

परंपराओं के अनुसार, ईद-उल-फितर शव्वाल के पहले दिन होती है। क्योंकि रमजान इस साल 13 अप्रैल को शुरू हुआ था, इसलिए ईद-उल-फितर या तो 13 मई को होगी या 14 मई।भारत समेत अधिकांश देशों में मौलवियों की एक उच्चस्तरीय समिति है जो ईद उल फितर का दिन तय करती है। भारत में चांद को देखने की घोषणा रियात-ए-हिलाल समिति द्वारा की जाती है।

ईद मनाने का समय और तारीख एक देश से लेकर दूसरे देश तक पर निर्भर करती है। कई देश ईद को उसी तारीख को मनाते हैं जिस दिन सऊदी अरब में मनाया जाता है। हालांकि, भारत में ईद उल फितर सऊदी अरब में अर्धचंद्र चंद्रमा के दूसरे दिन मनाया जाता है, जिसका मतलब है कि भारत में ईद संयुक्त अरब अमीरात में मनाए जाने के एक दिन बाद मनाई जाती है।

सांकेतिक तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

ईद उल फितर का महत्व

रमजान में एक महीने तक रोजे रखना का मतलब खुदा में यकीन रखना ,उसकी इबादत करना, खुद को संयमित और अनुशासन में रखना, मन में आ रहे बुरे विचारों का त्याग करना और अपने गुनाहों से तौबा करना होता है। इसके बाद ईद उल फितर ईदी देने, आत्मनिरीक्षण और आभार का का पर्व, इसका सभी के लिए गहरा महत्व है। ईद के अवसर पर, दुनियाभर के मुस्लिम मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करते हैं। और अल्लाह से गुनाहों की माफी मांगते हैं।

सेवईयों के साथ पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेते हैं । ईद-उल-फितर को मीठी ईद कहा जाता है क्योंकि इस दिन घरों में सेवईं बनने की पंरपरा है। लोग इस दिन अपने घरों को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाते हैं और खुद भी सजते हैं। घरों में पकवान बनते हैं और सेवईं तो इस पर्व का खास डिश है। इस दिन लोग नमाज अता करने के बाद लोगों को गले मिलकर ईद की बधाई देते हैं। ये पर्व खुशियों और भाईचारे का मानक है और इसलिए इस त्योहार का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं।

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