Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी कब है 2024 सितंबर में, जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा का समय

Ganesh Chaturthi 2024: इस दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश को श्रद्धा और भक्ति से पूजेंगे तो हर कष्ट को पार्वती पुत्र लंबोदर हर लेते हैं। जानते है कब है इस साल गणेश चतुर्थी

Update: 2024-06-22 05:14 GMT

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी कब है 2024 में

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश उत्सव का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन को गणेश जी के अवतरण के रुप में मनाते हैं। वैसे तो हर महिने की चतुर्थी तिथि का धार्मिक महत्व है, लेकिन गणेश महोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को होता है। इस साल गणेश उत्सव 7 सितंबर 2024 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। वैसे तो पूरे देश में धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में इसका दोगुना उत्साह रहता है।

गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi ka Shubh Muhurat)

गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन शुक्रवार है, चतुर्थी से गणेश भगवान का स्वागत कर अनंत चतुर्दशी के दिन 10 दिन रखकर गणेश जी की विदाई की जाती है। चित्रा नक्षत्र और ब्रह्म योग में गणेश चतुर्थी की पूजा होगी। साथ में चन्द्रमा तुला राशि में रहेंगे। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

भाद्र मास की चतुर्थी तिथि चतुर्थी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर प्रारंभ होगी और 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि मान्य होने के कारण गणेश चतुर्थी 07 सितंबर 2024, शनिवार को मनाई जाएगी 

पूजन मुहूर्त सुबह 11 . 03 मिनट से दोपहर1 .34 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 02.31 मिनट की है।

सुबह मुहूर्त- 06.03 AM से 08.33 AM तक

गणेश चतुर्थी के दिन दोपहर गणेश पूजा – 11.04 AM से 13.32 PM

अभिजीत मुहूर्त - 12:00 PM – 12:49 PM

अमृत काल - 05:18 AM – 07:06 AM, 05:37 AM – 07:25 AM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:38 AM – 05:26 AM

विजय मुहूर्त-02:01 AM से 02:51 AM

गोधूलि बेला-06:10 PM से 06:33 PM

निशिता काल-11:33 PM से 12:19 AM, सितम्बर 08

सर्वार्थसिद्धि योग - Sep 07 12:34 PM - Sep 08 06:15 AM (Swati and Saturday)

रवि योग 05:41 AM से 12:34 PM

साल 2024 मेंगणेश चतुर्थी का आखिरी दिन अनंत चतुर्दशी 16 सितंबर 2023, सोमवार को मनाई जाएगी। अनंत चतुर्दशी के दिन लोग बप्पा को विदा करते हैं।

गणेश चतुर्थी के दिन षोड्शोपचार विधि से गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन फूल अक्षत, दुर्वा, लड्डू और मोदक से विघ्नहर्ता भगवान गणेश को प्रसन्न किया जाता है। प्रथम पूज्य भगवान गणेश को जो भी जातक या व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से पूजता और ध्यान करता है। उनके हर कष्ट को पार्वती पुत्र लंबोदर हर लेते हैं। गजानन की भक्ति के लिए इस दिन सुबह स्नान कर प्रात: घर में गणेश जी की नई मू्र्ति लाए और विधि-विधान से स्थापित करें। फिर पूजा व्रत कर संकल्प लें और जीवन में समृद्धि व खुशहाली के लिए ऋद्धि-सिद्धि बुद्धि के दाता से कामना करें।


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