Ganga Dussehra Ki Puja Vidhi : पापनाशिनी मां गंगा के अवतरण दिवस पर जानिए गंगा दशहरा की पूजा विधि और पुराणों में वर्णित महिमा

Ganga Dussehra Ki Puja Vidhi : स्कंदपुराण, भविष्यपुराण, शिवपुराण आदि ग्रंथों में मां गंगा की महिमा का बखान है और बताया गया है कि कैसा कालो काल से मां गंगा धरती को पवित्र कर रही है। महर्षि व्यास ने गंगा की जलधारा और उसके रहस्य का बखान पद्मपुराण में किया है।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update: 2021-06-17 07:45 GMT

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया) 

गंगा दशहरा 2021 : ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगीरथ ने मां गंगा को धरती पर उतारा था। 20 जून को मनाया जाने वाला गंगा दशहरा पौराणिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत खास दिन होता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान और दान-दक्षिणा से मनुष्य के सारे पाप धूल जाते हैं। इस बार गंगा दशहरा के दिन चित्रा नक्षत्र और परिघ योग लग रहा है। अगर कोरोना महामारी के चलते गंगा स्नान संभव नहीं है तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करने से भी उतना ही फल मिलेगा जितना नदी में। जानते हैं पापनाशिनी मां गंगा के दशहरा की पूजा विधि और महत्व....

गंगा दशहरा की पूजा विधि  (Ganga Dussehra Puja Vidhi)

  • इस दिन सूर्योदय से पहले सुबह उठकर साफ-सफाई करने के बाद गंगा नदी में स्नान करें, अगर संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल से स्नान करें और घर में भी गंगाजल छिड़के।
  • उसके बाद गंगाजल मिलाकर सूर्य को जल चढ़ाए, साथ में गंगाजल से ही शिव का अभिषेक करें।
  • ध्यान पूजा व्रत और मंत्र जाप से मां गंगा का ध्यान करें और मोक्ष की कामना करें।
  • उसके बाद जरूरतमंदों को दान में वस्त्र जूता चप्पल, मिट्टी का मटका और छाता , सत्तू दान करें।
  • घर में माता-पिता और बुजुर्गों को सम्मान दें साथ में पितरों को जल चढ़ाए।
  • आसपास सरोवर, तलाब या गंगा नदी में दीपदान करें ।
  • इस दिन बुराई चोरी झूठ फरेब से बचना चाहिए।

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया) 

  • गंगा दशहरा का महत्व ( Significance of Ganga Dussehra)

  • गंगा  दशहरा मां गंगा के अवतरण का दिन  या कहे धरती पर मां गंगा का जन्मदिवस  गंगा जयंती । इस दिन अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए भगीरथ ने स्वर्ग से धरती पर मां गंगा को लाए थे। मां गंगा को भगीरथ में अपने पितरों की मुक्ति के लिए धरती पर उतारा था। तब से आज तक मां गंगा मनुष्य के पाप कर्मों को धोती रहती है। जो भी मनुष्य गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करता है। उसके सारे बुरे कर्म धूल जाते हैं। गंगा के स्पर्श से मनुष्य को कई जन्मों का पुण्य मिलता है। स्कंदपुराण, भविष्यपुराण, शिवपुराण आदि ग्रंथों में मां गंगा की महिमा का बखान है और बताया गया है कि कैसा कालो काल से मां गंगा पतित पावन धरती को पवित्र कर रही है। साथ में शिव भगवान कैसे मां गंगा को अपनी जटा में धारण करते हैंं। महर्षि व्यास ने गंगा की जलधारा और उसके रहस्य का बखान पद्मपुराण में किया है। गंगाजल से लाइलाज बीमारियों का इलाज संभव है। सालों साल गंगा जल को रख लिया जाए तब भी  उसमें कीड़े नहीं पड़ते हैं।


    गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त (Ganga Dussehra Auspicious Time)

    दशमी तिथि आरंभ: 19 जून 2021 को शाम 06.50 PM

    दशमी तिथि समापन: 20 जून 2021 को शाम 04.25 PM तक रहेगा। 

     गंगा दशहरा के दिन  सच्चे मन से जो भी साधक पूजा-व्रत करता है। उसकी हर इच्छा मां गंगा पूरा करती  है और मनुष्य के मन को अपने निर्मल जल की तरह बहने का संदेश देती है।



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