Garuda Puran Ke Anusar Agla Janam: जो लोग करते हैं छल कपट हत्या धोखाधड़ी जैसे पाप, तो जानिए कैसा होता है उनका अगला जन्म

Garuda Puran Ke Anusar Agla Janam: गरुड़ पुराण हमें अपने जीवन के सत्य का पता चलता है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसके कर्म के आधार पर उसका अगला जन्म होता है। जानते हैं कैसे...

Update:2023-10-28 06:00 IST

Garuda Puran Ke Anusar Agla Janam:धरती पर जिसका भी जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है और इसे कोई बदल नहीं सकता है. लेकिन मृत्यु के बाद केवल शरीर ही नश्वर होती है और आत्मा अमर। गरुड़ पुराण  के अनुसार, मृत्यु के बाद शरीर नष्ट हो जाता है। इसलिए उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। लेकिन आत्मा अजर-अमर है, जोकि कभी नष्ट नहीं होती। बल्कि एक शरीर का त्याग कर नए शरीर में जन्म लेती है। इस बारे में गीता में उल्लेख मिलता है कि, जिस तरह मनुष्य पुराने कपड़ों का त्यागकर नए कपड़ों को धारण करता है। ठीक उसी तरह आत्मा भी व्यर्थ शरीर का त्यागकर नए भौतिक शरीर को धारण करती है।

कर्म के अनुसार अगला जन्म

गरुड़ पुराण में मृत्यु, आत्मा और पुनर्जन्म के इसी रहस्य (Mystery) के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है, जिसके बारे में सभी को जरूर जानना चाहिए। इसमें जन्म, मृत्यु, स्वर्ग, नरक, पुनर्जन्म, ज्ञान, धर्म आदि से संबंधित महत्वपूर्ण बातें को उल्लेख किया गया है. मृत्यु के बाद आत्मा के पुनर्जन्म या नए शरीर में जन्म लेने से जुड़े गूढ़ रहस्यों बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है।मरणोपरांत सनातन धर्म में गरूड़ पुराण के माध्यम से जीवन के सत्य को बयां किया जाता है।  गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मनुष्य धरती पर जो कर्म करता है उसके आधार पर ही उसको फल मिलता है। इस पुराण में मनुष्य के कर्मो के लेखा-जोखा बताया गया है।र हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद पढ़ा जाता है। इसके अनुसार व्यक्ति को अच्छे व बुरे कर्मों के आधार पर ही स्वर्ग व नरक में जगह मिलती है। साथ ही इस पुराण में यह भी जानकारी दी गई है कि मनुष्य के कर्म ही उसके अगले जन्म का निर्धारण करते हैं। जानते हैं कि कर्मों के आधार पर अगले जन्म में क्या बनेंगे?

गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद अगला जन्म क्या होता है

गरुड़ पुराण के अनुसारजो लोग महिलाओं का शोषण करते हैं वह अगले जन्म में भयानक रोग से पीड़ित होते हैं, इसके अलावा अप्राकृतिक रूप से संबंध बनाने वाले लोग अगले जन्म में नपुंसक बनते हैं।

गरुड़ पुराण के मुताबिक जो व्यक्ति जीवनभर किसी को छल, कपट और धोखा देता है. वह व्यक्ति अगले जन्म में उल्लू बनता है। वहीं किसी की झूठी गवाही देने वाला मनुष्य अगले जन्म में अंधा बनकर पैदा होता है।

जो व्यक्ति लूटपाट, जानवरों का सताना और शिकार करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता है उसे अगले जन्म में किसी कसाई के हाथों मृत्यु प्राप्त होती है. यानि वह जानवर का जन्म लेता है।

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति अपने माता-पिता और भाई-बहन को प्रताड़ित करता है उसे जन्म तो मिलता है लेकिन उसकी मृत्यु गर्भ में ही हो जाती है और वह धरती पर नहीं आता है।

गुरु का अपमान करने वाले व्यक्ति के लिए नरक का रास्ता खोला जाता है। ऐसा व्यक्ति अगले जन्म में जल रहित वन में ब्रह्मराक्षस बनकर पैदा होता है।

जो पुरुषा महिलाओं की तरह आचरण रखते हैं या उनके आदतें व स्वाभाव में महिलाओं की झलक दिखती है तो ऐसे पुरुष अगले जन्म में स्त्री के रुप में आते हैं।

गरुड़ पुराण के मुताबिक जो व्यक्ति मृत्यु के समय भगवान का नाम लेता है तो भगवान उसकी मुक्ति का मार्ग खोल देते हैं. यही वजह है कि शास्त्रों में मरते समय राम नाम लेना महत्वपूर्ण बताया गया है।

जो मनुष्य स्त्री की हत्या, गर्भपात या गाय की हत्या करता है वह अगले जन्म में मूर्ख और कुबड़ा बनकर पैदा होता है।

गरुड़ पुराण(Garuda Puran) 18 पुराणों में से एक है। हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण का विशेष महत्व है। इस महान ग्रंथ की रचना महर्षि वेद व्यास ने की थी। इसमें 279 अध्याय तथा 18,000 श्र्लोक हैं। इस ग्रंथ में मृत्यु बाद की घटनाओं, प्रेत लोक, यम लोक, नरक तथा 84 लाख योनियों के नरक जीवन आदि के बारे में विस्तार से बताय गया है। गरुड़ पुराण के अधिष्ठाता भगवान विष्णु (Lord Vishnu) हैं । इस पुराण में श्रीहरि नारायण और उनके वाहन गरुड़ पक्षी (Garuda Bird) के बीच के संवाद का वर्णन है। इसी ग्रंथ में बताया गया है कि हमारा अगला जन्म कर्म के आधार पर होता है।

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