Ghode Ki Naal Ke Fayde: घोड़े की नाल से हो जायेंगे मालामाल, धन संबंधी समास्याओं का मिलेगा समाधान, जानिए इसको रखने के फायदे
Ghode Ki Naal Ke Fayde: घोड़े की नाल के फायदे और नुकसान जानने के लिए देखे, मेहनत करने के बाद भी नौकरी या बिजनेस में शुभ परिणाम नहीं मिल रहा या फिर तरक्की पर रोक लग गई ।
Ghode Ki Naal Ke Fayde in Hindi: शनिदेव को यह नाल अतिप्रिय होती है।शनि देव की प्रसन्न प्राप्त करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं कोई रत्न धारण करता है तो कोई पूजा पाठ से शनि की कृपा का पात्र बनता है। एक और ऐसी वस्तु है जो न सिर्फ पूरे घर को बुरी शक्तियों से बचाती है बल्कि इसके इस्तेमाल से धन संबंधी समास्याओं का समाधान हो जाता है, ये है घोड़े की नाल।
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कई लोग घोड़े की नाल की अंगूठी पहनते हैं। वह लोगों को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। शनिदेव की बुरी दशा जितनी हानिकारक होती है, उनकी कृपा उतनी ही फलदायी होती है। ऐसे में हर कोई शनिदेव को प्रसन्न करने में लगा रहता है। इसके लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं।आर्थिक परेशानी से बचा जा सकता है।
घोड़े की नाल किसका प्रतीक है?
घोड़े की नाल को भाग्यशाली क्यों माना जाता है?
घोड़े के नाल का धन लाभ
पैसों की समस्या से परेशान है या फिर अनावश्यक धन खर्च बढ़ गया है तो काले घोड़े की नाल को काले कपड़े में लपेटकर घन स्थान या तिजोरी में रख दें। धन-संपन्नता बनी रहेगी और आय में कभी कमी नहीं होगी।
घोड़े के नाल मुख्य द्वार पर टांगें
शनिवार के दिन लोहे की वस्तु घर लाना शुभ नहीं होता, इससे शनि दोष बढ़ता है लेकिन कहते हैं कि अगर इस दिन घोड़े की नाल घर लाने और इसे घर की मुख्य दहलीज पर टांगने से गृह-क्लेश खत्म हो जाते हैं, इससे वास्तु दोष और शनि दोष कम होता है। साथ ही बुरी शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती।
घोड़े के नाल नौकरी-बिजनेस में तरक्की
मेहनत करने के बाद भी नौकरी या बिजनेस में शुभ परिणाम नहीं मिल रहा या फिर तरक्की पर रोक लग गई है तो शनिवार के दिन घोड़े की नाल से बने छल्ले को मध्यमा अंगुली में पहनें इसे धारण करने से पहले जानकार की सलाह जरूर लें।
घोड़े के नाल स्वास्थ लाभ
बीमारी दूर करने के लिए घर में घोड़े की नाल लाभकारी होता है, घोड़े की नाल से बनी चार कील, सवा किलो उड़द की दाल और एक सूखा नारियल बीमार व्यक्ति से उबार करे नदी मेंबहा दे तो बीमारी दूर होती है।
घोड़े की नाल काले कपड़े में बंद कर अपनी तिजोरी में रखनो से पैसों की कभी कोई कमी नहीं होती है। आपके घर बरकत बनी रहेती है।
घोड़े की नाल से शनि दोष से छुटकारा मिलता है और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे घर में नकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ जाती है। इस स्थिति में आप घर के मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल लटका सकते हैं। यह आपको बुरी नजर से बचाएगी।
दुर्भाग्य उसके पीछे हाथ धोकर पड़ जाता है। इस स्थिति से निपटने के लिए आपको शमी के पेड़ के नीचे काले घोड़े की नाल और सरसो के तेल को दबाना होगा। इससे शनि की महादशा खत्म हो जाएगी। आपके ऊपर चल रहे दुख भी खत्म होंगे।
करियर, जॉब और बिजनेस में तरक्की चाहते हैं तो घोड़े की नाल से बनी अंगूठी, छल्ला या ताबीज पहनना शुरू कर दें। आपको व्यापार में बड़ा लाभ होगा। जॉब में प्रमोशन मिलेगा। करियर में तरक्की पर तरक्की होगी। भाग्य भी पढ़ाई में साथ देता है।
घर में बरकत नहीं होती या फिर तिजोरी में पैसा नहीं टिकता, तो तिजोरी में काले घोड़े की नाल रख लें।ऐसा करने से जल्द ही चमत्कारी परिणाम देखने को मिलेंगे।
काले घोड़े की नाल घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती। घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश न करें से घर में सुख शांति बनी रहती है और व्यक्ति को पैसा आदि की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
घोड़े की नाल शनि की महादशा और उसके प्रकोप से बचाने में भी मदद करती है। इसके लिए एक काले घोड़े की नाल को सरसों के तेल में रखें और उसे शमी के पेड़ के नीचे गाड़ दें। ये उपाय करने से शनि के कारण उत्पन्न होने वाली सभी समस्याओं का नाश होता है। साथ ही, शनि की कृपा व्यक्ति पर बरसने लगती है।
अंगुली में घोड़े की नाल से बना हुआ छल्ला या अगुंठी धारण कर लें। ऐसा करने से आपकी नौकरी और व्यापार संबंधी सभी समस्याएं चुटकी में दूर हो जाएंगी, यदि शनि की साढ़े साती या दैय्या चल रही हो तो किसी शनिवार को काले घोड़े की नाल से बनी अंगूठी विधिपूर्वक दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें। आपके बिगड़े काम बन जाएंगे और साथ ही धन लाभ भी होगा।
काले घोड़े की नाल से एक कील या छल्ला बनवा लें, शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भर कर ये छल्ला या कील उसमें डाल कर अपना मुख देखे और पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। इससे शनि दोष में कमी आएगी।
अपने पैसों से किसी काले घोड़े के पैरों में नाल लगवा दें। इससे भी शनिदेव बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं। इससे साढ़ेसाती व ढय्या के अशुभ प्रभाव में भी कमी आती है।