Griha Pravesh Muhurat 2024 October:क्या नवरात्रि में कर सकते हैं गृह प्रवेश और मुंडन संस्कार, जानिए इससे जुड़ी हर बात...

griha pravesh muhurat 2024 october: शारदीय नवरात्रि का शुभ समय चल रहा है, इस दौरान शक्ति की उपासना की जाती है। वैसे तो चातुर्मास में मांगलिक काम की मनाही होती है, लेकिन इस दौरान कुछ कामों को करने का नियम है ... जानते है...

Update:2024-10-07 09:20 IST

Griha Pravesh Rules Shardiya Navratri:धार्मिक दृष्टि से नवरात्रि का बहुत ही ज्यादा महत्व है। यह पर्व हर साल बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के पावन दिनों में लोग व्रत रखते हैं और देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करते हैं। वहीं शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के पावन दिन कई कार्यों की शुरुआत के लिए भी शुभ माने जाते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के ये नौ दिन बहुत शुभ होते हैं। इस दौरान आप बिना मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं।

  मां के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना नवरात्रि मे की जाती है। नवरात्रि के नौ दिन हर तरह से बहुत शुभ और मंगलकारी होते हैं। वैसे इस दौरान चातुर्मास होने की वजह इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते है। लेकिन नवरात्रि के व्रत और पूजा करना शुभ होता है। इस साल 3 अक्टूबर  से 12 अक्टूबर तक नवरात्रि है।, जिसमें 11 अक्तूबर को नवमी और 12 अक्तूबर को दशहरा यानी विजया दशमी है। 

नवरात्रि में कर सकते हैं ये शुभ काम

नवरात्रि में लोग कोई नया बिजनेस शुरू करते हैं या फिर अपने नए घर में प्रवेश करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान गृह प्रवेश करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में यदि आप भी इस बार शारदीय नवरात्रि के दौरान गृह प्रवेश करने की सोच रहे हैं तो  कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।जानते हैं

शारदीय नवरात्रि में गृह प्रवेश के नियम...

नवरात्रि में  गृह प्रवेश से जुड़े नियम का पालन करें...

नवरात्रि के दौरान सांसारिक कार्य जैसे गृह प्रवेश नहीं करने चाहिए,  चातुर्मास में ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की पूजा की जा सकती है। इस दौरान व्रत और पूजा करने की कोई मनाही नहीं है।अगर नवरात्रि के दौरान गृह प्रवेश करना हो, तो इन बातों का ध्यान रखें।कलश स्थापित करें। कलश में जल भरकर उसमें आम की आठ पत्तियां और नारियल रखें। कलश और नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।घर के ईशान कोण में बने पूजा घर में मंगल कलश की स्थापना करें।

नए घर के मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, और श्रीयंत्र की स्थापना करें।रसोई में पहले दिन नए चूल्हे पर गुड़ और हरी सब्ज़ियां रखें।चूल्हे को जलाकर सबसे पहले उस पर दूध उफानना चाहिए।इसके बाद उस पर भगवान के लिए प्रसाद बनाकर उसका भोग लगाना चाहिए।नए घर में प्रवेश करते समय पति-पत्नी साथ में प्रवेश करें।

कलश को बहुत शुभ माना जाता है। कलश के बिना गृह प्रवेश नहीं किया जाता है, इसलिए नए घर में प्रवेश करने के लिए कलश जरूर रखें। सबसे पहले एक कलश लेकर इसमें जल भर कर उसमें आम की 8 पत्तियां और नारियल रखें। फिर कलश और नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह जरूर बनाएं। इसके अलावा कलश के साथ मांगलिक चीजें जैसे- नारियल, हल्दी, गुड़, अक्षत को जरूर लें जाएं।

नवरात्रि में गृह प्रवेश से पहले घर के मुख्य द्वार पर अशोक या आम के पत्तों और गेंदे के फूल से बना बंदनवार यानी तोरण जरूर लगाएं। इसके अलावा मुख्य द्वार पर अबीर और रंगों की सहायता से मां लक्ष्मी के पद चिन्ह और रंगोली भी बनाएं। ऐसा करने से घर में शुभता आती है।

अगर आप शादीशुदा हैं तो नए घर में प्रवेश करते समय पति-पत्नी साथ में प्रवेश करें। नए घर में प्रवेश करते समय पति को अपना दाहिना पैर और पत्नी को बायां पैर आगे रखना चाहिए।

गणेश जी शुभता के देवता हैं। ऐसे में भगवान गणेश का ध्यान करते हुए मंत्रोच्चारण के साथ घर के ईशान कोण में बने पूजा घर में मंगल कलश की स्थापना करें। साथ ही नए घर के मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख और श्रीयंत्र की स्थापना जरूर करें।

गृह प्रवेश की प्रक्रिया पूरी होने के बाद घर के हर कोने में गंगाजल, हल्दी और चावल का छिड़काव करें। साथ ही नवरात्रि में गृह प्रवेश करने पर दुर्गा सप्तशती का पाठ और रामचरितमानस का पाठ करना शुभ होता है।

शारदीय नवरात्रि में मुंडन संस्कार  के नियम...

वैसे तो नवरात्रि मं बाल नाखून काटने की मनाही होती है। इस दोरान  बाल दाढी तक नही बनाया जाता है, लेकिन नवरात्रि की दूसरी तीसरी, पंचमी अष्टमी नवमी को मुंडन करना बच्चे के लिए शुभ होता है। यह  नियम शारदीय नवरात्रि में मान्य होता है। चेत्र नवरात्रि में मुंडन संस्कार नहीं किये जाता है।

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