Gupt Navratri 2021: गुप्त नवरात्रि क्या है, जानिए राशि के अनुसार प्रसाद और मंत्र से कैसे करेंगे 10 महाविद्याओं को प्रसन्न

Gupt Navratri 2021 Kab Hai । 11 July 2021 Gupt Navratri Kab Se Shuru । Gupt Navratri Totke, Upay, Niyam, Mantra | गुप्त नवरात्रि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि से कई मायनों में अलग है। वैसे तो इस नवरात्रि में साधक गुप्त साधना कर सकते हैं, लेकिन इस नवरात्रि की साधना संत और साधु समाज खास तौर पर करता है।

Update: 2021-07-10 10:05 GMT

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2021)

नवरात्रि हिंदुओं के लिए बहुत खास त्योहार होता है। इस दौरा शक्ति की पूजा की जाती है। नवरात्रि शब्द संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब है 'नौ रातें'। बता दें, इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। बता दें, नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है। पौष, चैत्र, आषाढ,अश्विन मास में ।

इस साल आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई 2021 कल रविवार से प्रतिपदा से शुरू हो रहा है जो 18 जुलाई 2021 रविवार तक रहेगा।

गुप्त नवरात्रि  क्या है

यह नवरात्रि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्री से कई मायनों में अलग है। वैसे तो इस नवरात्रि साधक गुप्त साधना कर सकते हैं, लेकिन इस नवरात्रि की साधना संत और साधु समाज खास तौर पर करता है। इस अघोरी और तांत्रिक समाज 9 दिन तक तंत्र शक्ति को जागृत करने के लिए देवी की 10 महाविद्याओं का आहावान करते हैं। इस नवरात्रि में मां काली के रुपों की पूजा का विधान है। जबकि शारदीय और चैत नवरात्रि में मां दुर्गा के रुप की पूजा की जाती है। इसे गृहस्थ वर्ग भी धूमधाम से करते हैं।

गुप्त नवरात्रि 2021 कब है व् गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त 

आषाढ़ मास के रविवार को गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई से शुरू होकर 18 जुलाई तक होगी। गुप्त नवरात्रि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त – सुबह 05. 30 am से 07.47 am तक है। इसमें नौ देवियाँ है :- शैलपुत्री पहाड़ों की पुत्री ,ब्रह्मचारिणी – ब्रह्मचारीणी, चंद्रघंटा - चाँद की तरह चमकने वाली। कूष्माण्डा - पूरा जगत उनके पैर में , स्कंदमाता - कार्तिक स्वामी की माता, कात्यायनी - कात्यायन आश्रम में जन्मि, कालरात्रि - काल का नाश करने वली। महागौरी -सफेद रंग वाली मां, सिद्धिदात्री -सर्व सिद्धि देने वाली देवी की पूजा की जाती है।

गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के पहले दिन सुबह साफ-सफाई और स्नान के बाद घटस्थापना के साथ नौ दिन के व्रत का संकल्प लेकर मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इसमें आम के पल्लव, जौ, मिट्टी और पूजन सामग्री के साथ विधि-विधान से मां दुर्गा का 9 दिन पूजन करते हैं। इसके बाद अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का उद्यापन करके कन्याओं को पूजन और भोज करवाया जाता है। इस दौरान तंत्र साधना से जुड़े लोग गुप्त नवरात्रि के दिनों में माता के नवरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की साधना करते हैं। इन दस महाविद्याओं में मां काली, तारा देवी, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुरा भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी शामिल है।

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

गुप्त नवरात्रि के साधक मंत्र

ॐ हृीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।।

ऊँ हृीं स्त्रीं हुम फट्‌ ।।

ऐं हृीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः ।।

हृीं भुवनेश्वरीयै हृीं नमः ।।

श्रीं हृीं ऐं वज्र वैरोचानियै हृीं फट स्वाहा।।

ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहाः

ऊँ हृीं बगुलामुखी देव्यै हृीं ओम नमः

ऊँ ह्नीं ऐ भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा ।। दसवीं महाविद्या – कमला

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।

गुप्त नवरात्रि में राशि के अनुसार प्रसाद और मंत्र जाप

गुप्त नवरात्रि के दौरान नव दिनों तक मनोकामना की पूर्ति के लिए अपनी राशि के अनुसार इन मंत्रों का जप करें और प्रसाद चढ़ाएं। इससे जिन लोगों को धन की परेशानी होती है, गरीबी, विवाह में विलंब और पढ़ाई में नहीं लगता मन तो सब का निदान हो जाता है।

  • मेष: लाल या गाढ़ा गुलाबी वस्त्र, लाल फूल, लाल पेड़ा आदि चढ़ाएं । ॐ हृीं उमा देव्यै नमः।
  • वृष: श्वेत वस्त्र, बताशा, केला, आदि चढ़ाएं । ॐ क्रां क्रीं क्रूं कालिका देव्यै नमः।
  • मिथुन: हरा वस्त्र, हरे रंग का नैवेद्य, नाशपाती, मोसम्बी आदि चढ़ाएं । ॐ दुं दुर्गायै नमः।
  • कर्क: श्वेत वस्त्र, लाचिदाना, मखाना आदि चढ़ाएं । ॐ ललिता देव्यै नमः।
  • सिंह: लाल, गुलाबी वस्त्र, अनार, लाल मिष्ठान, किशमिश आदि चढ़ाएं । ॐ ऐं महासरस्वती देव्यै नमः।
  • कन्या: हरा वस्त्र, हरा फल आदि चढ़ाएं । ॐ शूल धारिणी देव्यै नमः।
  • तुला: श्वेत वस्त्र, बतासा, केला आदि चढ़ाएं । ॐ हृीं महालक्ष्म्यै नमः।
  • वृश्चिक: लाल या गाढ़ा गुलाबी वस्त्र, लाल फूल, लाल पेड़ा आदि चढ़ाएं । ॐ शक्तिरूपायै नम:
  • धनु: पीला वस्त्र, पीला पेड़ा, हल्दी आदि चढ़ाएं । ॐ ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
  • मकर: सलेटी वस्त्र, गहरे रंग की वस्तुएं आदि चढ़ाएं । ॐ पां पार्वती देव्यै नमः।
  • कुंभ: सलेटी रंग का वस्त्र, गहरे रंग की सामग्री आदि चढ़ाएं । ॐ पां पार्वती देव्यै नमः।
  • मीन: पीला या सुनहरा वस्त्र, पीला पेड़ा, पीला फल आदि चढ़ाएं। ॐ श्रीं हृीं श्रीं दुर्गा देव्यै नमः

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