Gupt Navratri 2022: कल है गुप्त नवरात्रि का पहला दिन, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Gupt Navratri 2022: प्रसिद्द ज्योतिषाचार्य पंडित धनेश मणि त्रिपाठी बताते हैं कि गुरुओं के सानिध्य में रहकर माँ की आराधना करनी चाहिए लेकिन इसमें गृहस्थों के लिए कुछ ख़ास चर्चा नहीं की गयी है।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2022-06-29 12:56 GMT

Gupt Navratri 2022 (Image credit: Social Media) 

Gupt Navratri 2022: शास्त्रों के अनुसार चार नवरात्रि बताई गयी है जिसमें दो नवरात्र बासंतिक नवरात्र और शारदीय नवरात्र हैं। यह दोनों आम जनमानस के लिए होता है। बाकि दो नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा गया है। जैसा की नाम से ही प्रतीत है अर्थात ये तांत्रिकों के लिए है। विशेष रूप से साधकों के लिए है। तो इसमें आमजनमानस को माँ मा की आराधना करनी चाहिए, लेकिन ज्यादा ज्ञान ना होने के कारण किसी भी मन्त्र का जाप नहीं करना चाहिए।

प्रसिद्द ज्योतिषाचार्य पंडित धनेश मणि त्रिपाठी 

प्रसिद्द ज्योतिषाचार्य पंडित धनेश मणि त्रिपाठी बताते हैं कि गुरुओं के सानिध्य में रहकर माँ की आराधना करनी चाहिए लेकिन इसमें गृहस्थों के लिए कुछ ख़ास चर्चा नहीं की गयी है। 30 जून 2022 को आषाढ़ शुक्ल पशक प्रतिपदा आरम्भ हो रहा है जिससे गुप्त नवरात्रि आरम्भ होती है। इसमें निष्काम भाव से माँ की आराधना साधकों के साथ गृहस्थ लोग भी कर सकते हैं। उस स्थिति में कलश स्थापित कर माँ की पूजा -अर्चना की जानी चाहिए। किन्तु इस दौरान जिस भी मंत्र का उच्चारण आप करें उसकी चर्चा किसी से नहीं करनी चाहिए।

पंडित जी बताते हैं कि गुप्त नवरात्रि में जिस मन्त्र का जाप किया जा रहा है उसकी चर्चा किसी से भी नहीं करनी चाहिए। अन्यथा आपकी साधना का फल समाप्त हो जाता है।

कब है कलश स्थापना का विशेष मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पंडित धनेश मणि त्रिपाठी के अनुसार सूर्योदय से लेकर 10 बजे दिन तक, मध्यान्ह 2 बजे से लेकर 5 बजे तक, रात्रि में 8 से 9 फिर 11.45 से लेकर 12.15 तक कलश स्थापना का विशेष मुहूर्त है। ये व्रत नौ रात्रियों का है। नौ दिन व्रत करने के बाद 10 वे दिन ही व्रत खोलें क्योंकि नाम से ही प्रतीत है की नौ रात्रि। जो लोग पुरे नौ रात के बाद व्रत समाप्त कर देते हैं उनको विशेष फल की प्राप्ति होती अन्यथा इससे पहले व्रत खोलने से व्रत पूरा नहीं माना जाता है। इन दिनों अगर आपको कोई गुरु मंत्र मिला हुआ है तो उसका जाप बिना किसी से चर्चा किये करें। अगर ये मंत्र देवी का है तो और भी विशिष्ट है।

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