Guru Purnima 2022 Aaj : जानें गुरु पूर्णिमा पर बन रहे इन अद्भुत योगों की खासियत और प्रभाव, जो बनाते हैं आपको खुशहाल

Guru Purnima 2022 Aaj :आज गुरु को सम्मान देकर अपने ज्ञान और इस दिन को सार्थक बनायें। क्योंकि गुरु ही वह माध्यम है जिससे हम अपनी ज्ञान की क्षुधा को शांत करते हैं। गुरु को शास्त्रों में भगवान तुल्य माना गया है। आज गुरु पूर्णिमा पर बहुत से खास योग बन रहे हैं इन योगों की खासियत जानते हैं...

Update: 2022-07-13 04:18 GMT

सांकेतिक तस्वीर सौ, से सोशल मीडिया

Guru Purnima 2022 Aaj :  

 गुरु पूर्णिमा 2022 आज

आज 13 जुलाई बुधवार को वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। महर्षि वेद व्यास को चारों वेदों का ज्ञान था। इस लिए इस दिन  की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। आप भी इस अपने गुरु को सम्मान देकर अपने ज्ञान और इस दिन को सार्थक बनायें। क्योंकि गुरु ही वह माध्यम है जिससे हम अपनी ज्ञान की क्षुधा को शांत करते हैं। गुरु को शास्त्रों में भगवान तुल्य माना गया है। आज गुरु पूर्णिमा पर बहुत से खास योग बन  रहे हैं इन योगों की खासियत जान आप भी आज स्नान-दान और उपाय करें।

गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त ( Guru Purnima shubh muhurat)

इस दिन पूर्णिमा तिथि 12 जुलाई को सुबह 09:43 से शुरू होकर 13 जुलाई को 07:52 मिनट पर समाप्त होगी।इस बहुत सारे शुभ योग बन रहे है। इस दिन बुधादित्य योग के साथ सूर्य, शनि और मंगल अपनी कृपा बरसा रहे है। इस दिन इंद्र योग और नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा 11:18 PM तक फिर उत्तराषाढ़ा रहेगा। गुरु पूर्णिमा पर प्रात: काल से ही इंद्र योग बन रहा है जो कि दोपहर 12 . 45 मिनट तक रहेगा। वहीं रात 11 . 18 मिनट तक पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा। ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए काफी शुभ हैं। चार राजयोग बनने का बेहद शुभ संयोग बन रहा है।

सांकेतिक तस्वीर सौ, से सोशल मीडिया

गुरु पूर्णिमा के दिन बन रहा ये खास योग

गुरु पूर्णिमा पर शुभ संयोग से राज योग बन रहे हैं। इस वजह से यह दिन और भी खास हो जाता है। 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से चार राजयोग बन रहे हैं। इस दिन गुरु, मंगल, बुध और शनि ग्रहों शुभ योग से बन रहा कई योग। जैसे सूर्य के बुध में रहने से बुधादित्य योग, मंगल के मेष में युति भद्र या रूचक योग, केंद्र में गुरु-मीन की युति से हंस योग, शनि और मकर का युग्म बना रहा शश योग बनता है।

हंस योग बेहद शुभ योग है। इस योग का संबंध देवगुरु बृहस्पति से है। अगर गुरु अपनी स्वराशि मीन या धनु अथवा उच्च राशि कर्क में स्थित होकर जन्म कुंडली के केन्द्र स्थान में हो तो ऐसे में हंस योग बनता है।

शश योग शनि की वजह से विशेष परिस्थितियों में बनता है। अगर किसी जातक की कुंडली में शनि लग्न या चंद्र भाव से केंद्र स्थान यानि कुंडली के 1, 4, 7 या 10वें भाव में है जातक को शश योग के शुभ फल मिलते हैं। साथ ही अगर शनि, तुला, मकर या कुंभ राशि में है तो भी शश योग बनता है।शश योग में व्यक्ति जिस काम में हाथ डालता है, वो सफलता प्राप्त करता है।

बुद्धादित्य योग बुध और सूर्य का योग बुध आदित्य योग बनाता है, बुध ग्रह और सूर्य जिनका एक अन्य नाम आदित्य है। इन दोनों का संयोग व्यक्ति को शुभता और सकारात्मकता प्राप्त होता है।

भद्र योग बुध ग्रह से बनने वाला योग भद्र नामक पंच महा पुरुष योग कहलाता है। बुध से बनने वाले इस योग में जातक बौद्धिक योग्यता और अच्छी ज्ञान शक्ति को पाता है। पांच महापुरुष योगों में से एक योग है इस योग से युक्त व्यक्ति धन, कीर्ति, सुख-सम्मान प्राप्त करता है।

रुचक योग मंगल की स्थिति से जो योग बनता है वह रूचक योग कहलाता है।

इस तरह गुरु पूर्णिमा पर इन योगो के बनने से जिन लोगों के कुंडली में गुरु दोष, पितृदोष है उनका समापन होता है अगर इसमें उपाय करें तो। इन योगों के प्रभाव से जातक मालामाल होता है। नौकरी, व्यापार , प्यार और परिवार से सुखी सम्पन्न होता है।

गुरु पूर्णिमा की विधि- उपाय

गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर और स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, घर के मंदिक में अपने इष्टदेव और गुरु की प्रतिमा को रखें और प्रणाम कर पूजा का संकल्प लें। फिर पूजा करने के स्थान पर सफेद या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर अपने इष्टदेव, गुरु और वेदव्यास की प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद गणेश का ध्यानऔर वंदना करें, रोली, चंदन, फल-फूल और मिठाई से पूजा करें और चढाएं। इसके बाद गुरु का आह्रान करें और गुरुपरंपरा सिद्धयर्थं व्यास पूजां करिष्ये मंत्र का जाप करें।इस दिन ये मंत्र भी जाप करें। ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:। ॐ बृं बृहस्पतये ॐ गुं गुरवे नम:।

आज के दिन गीता पाठ करें। कुंडली में अगर किसी तरह का दोष है तो गुरु मंत्र ऊँ बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का जाप करें। गुरु पूर्णिमा की शाम को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरूर जलाएं। इससे किस्मत चमकता है। वैवाहिक जीवन में परेशान हो तो आप चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए सोम सोमाय नम: मंत्र का जाप करें

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