Halshashthi Vrat 2024: बलराम जयंती या हलषष्ठी व्रत कब है ? जानिए इस दिन का शुभ मुहूर्त और योग

Balaram Jayanti 2024: संतान के रक्षा-कवच का व्रत इस दिन बन रहा बहुत खास योग, इस दिन, चंद्रमा मेष राशि में साथ में कृत्तिका नक्षत्र और ध्रुव योग और शनिवार का दिन है शुभ। व्रत के दिन हल से जोते हुए सब्जी-फल खाना है वर्जित

Update: 2024-06-22 05:13 GMT

Halshashthi Vrat 2024:बलराम जयंती या हलषष्ठी व्रत कब है ? भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी बलराम जयंती मनायी जाती है। इसे ललही छठ हर छठ या हलछठ कहते है।  इस दिन शेषनाग बलराम और कृष्ण के बड़े भाई के रुप में जन्म लिए थे। इसलिए इस दिन को बलराम जयंती और हलषष्ठी के रुप में मनाते हैं। इस साल 25 अगस्त को हलषष्ठी का व्रत है। इस दिन मां अपनी संतान के दीर्घायु के लिए व्रत और पूजन करती है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मान्यता है कि इस दिन भगवान शेषनाग ने द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई के रुप में अवतरित हुए थे। इस पर्व को हलषष्ठी एवं हरछठ के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि मान्यता है कि बलराम जी का मुख्य शस्त्र हल और मूसल हैं जिस कारण इन्हें हलधर कहा जाता है इन्हीं के नाम पर इस पर्व को हलषष्ठी के भी कहा जाता है।

बलराम जयंती या हलषष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त

बलराम जयंती रविवार 25 अगस्त 2024

बलराम जयंती पूजा समय :

षष्ठी तिथि शुरू : 07:50 - 24 अगस्त 2024

षष्ठी तिथि ख़त्म : 05:30 - 25 अगस्त 2024

कहते हैं कि इस दिन जो भी महिलाएं हलषष्ठी का व्रत नियमों का पालन करते हुए करती हैं उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। संतान ना हो उसे संतान दीर्घायु होती है और उस घर में अकाल मृत्यु नहीं होता है।

निशिता काल पूजा– 11:38 PM से 12:22 AM, अगस्त 26

अभिजीत मुहूर्त - 12:03 PM – 12:54 PM

अमृत काल - 12:12 PM – 01:43 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:34 AM – 05:22 AM

विजय मुहूर्त- 02:08 AM से 02:59 AM

गोधूलि बेला- 06:24 PM से 06:46 PM

त्रिपुष्कर योग 04:45 PM से 03:39 AM, अगस्त 26

रवि योग 05:36 AM से 04:45 PM

हलषष्ठी व्रत के दिन चंद्रमा 10:29 PM तक चन्द्रमा मेष उपरांत वृषभ राशि पर संचार करेगा। भरणी नक्षत्र और ध्रुव योग में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।इस दिन बिना चल चले धरती से पैदा होने वाले अन्न, शाक भाजी आदि खाने का विशेष महत्व माना जाता है। गाय के दूध व दही के सेवन को भी इस दिन वर्जित माना जाता है। साथ ही संतान प्राप्ति के लिये विवाहिताएं व्रत भी रखती हैं।बलराम जयंती या हलषष्ठी व्रत के दिन हलधर की पूजा की जाती है। खेत में जोती बोई चीजें नहीं खाई जाती है। दूध-दही के सेवन से वर्जित होता है।

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