Shani Dhaiya 2022: शनि की ढैय्या से इन 2 राशियों को मिलेगी मुक्ति

Shani Dhaiya 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की यह दशा व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देती है। शनि उन्हें अच्छे फल देते हैं जिनके कर्म अच्छे होते हैं, जिनके कर्म बुरे होते हैं।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-11-10 17:54 IST

Shani Dhaiya (Image credit: social media)

Shani Dhaiya 2022 : ज्योतिष में शनि को एक प्रमुख ग्रह माना जाता है। इस ग्रह को कर्म दाता भी कहा जाता है। शनि देव के बारे में ऐसी मान्यता है कि यह शुभ और अशुभ दोनों फल देता है। जब शनि देव अशुभ होते हैं तो वह व्यक्ति को शिक्षा, नौकरी, करियर, व्यवसाय और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं प्रदान करते हैं। इस समय मिथुन और तुला राशि में शनि की ढैया चल रही है।

शनि की ढैय्या की अवधि ढाई वर्ष की होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की यह दशा व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देती है। शनि उन्हें अच्छे फल देते हैं जिनके कर्म अच्छे होते हैं, जिनके कर्म बुरे होते हैं। इस साल इन दोनों राशि के लोगों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलने वाली है।

शनि गोचर 2022 (शनि पारगमन 2022)

पंचांग के अनुसार शनि देव 25 नवंबर 2022 को राशि परिवर्तन करेंगे । इस दौरान वे मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के इस राशि में गोचर करते ही मिथुन और तुला राशि के जातकों को शनि ढैया से मुक्ति मिल जाएगी।

शनि वक्री 2022

वहीं दूसरी ओर कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की यह दशा शुरू होगी। 5 जून को शनि वक्री होंगे और 12 जुलाई से वक्री अवस्था में पुन: अपनी पिछली राशि मकर में गोचर करना शुरू करेंगे। इस राशि में शनि के पुन: गोचर के कारण मिथुन और तुला राशि के लोग फिर से शनि की ढैय्या की चपेट में आ जाएंगे। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को कुछ समय के लिए शनि की दशा से मुक्ति मिलेगी।

शनि का कुंभ राशि में गोचर

शनि 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहेगा, जिसके बाद वापस कुंभ राशि में आ जाएगा। कुल मिलाकर मिथुन और तुला राशि के जातकों को शनि ढैया से पूर्ण मुक्ति वर्ष 2023 में ही मिल जाएगी।

शनि उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कुंडली में शनि देव कमजोर स्थिति में बैठे हों तो शनि ढैय्या के दौरान जीवन में काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है और बिगड़े हुए काम बनने के योग बनते हैं। इस दौरान धोखा मिलने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए इस दौरान सावधानी से काम लेने की सलाह दी जाती है। शनि की ढैय्या के बुरे प्रभाव से बचने के लिए गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। शनिवार के दिन शनिदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए। शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए। इस दौरान मेहनत करने वालों का कभी अपमान नहीं करना चाहिए। परोपकार के कार्यों में रुचि लेनी चाहिए।

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