Hanuman Jayanti Achuk Upay : हनुमान जी का ये मंत्र हर लेता है सब कष्ट, हनुमान जयंती पर जरूर करें जाप

Hanuman Jayanti Achuk Upay: हनुमान जी को खुश करने के लिए ये सिद्ध मंत्र बेहद खास है। इससे हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं। साथ ही समय को अनुकूल, सुख-समृद्ध भी कर देते हैं। शास्त्रों में हर संकट की काट के लिए हनुमान उपासना का महत्व है।

Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2022-04-14 12:48 IST

सांकेतिक तस्वीर, सौ . से सोशल मीडिया

Hanuman Jayanti Achuk Upay

हनुमान जयंती पर अचूक उपाय 

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन भक्तवत्सल हनुमान जी का जन्म हुआ था। धर्मानुसार चैत्र पूर्णिमा के मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न में बजरंगबली का जन्म हुआ था। इस दिन हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाता है, जिसे हनुमान जयंती कहते हैं। इस साल हनुमान जयंती 16 अप्रैल 2022 (Hanuman Jayanti 2022) को मनाई जाएगी।

हनुमान जी अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होते है। उनकी आराधना करने वाले लोग कभी भी उनके दर से खाली हाथ नहीं जाते है। वैसे तो हर दिन इनकी आराधना का होता है, लेकिन फिर भी अगर हनुमान जयंती से शुरू कर प्रति मंगलवार को पूजा करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। व्यक्ति जब तरक्की करता है, कुछ लोग जहां उसके अपने होते है तो कुछ उससे ईर्ष्या करने लगते है। ऐसे लोग सहयोग देने की जगह मार्ग को अवरूद्ध करने लग जाते हैं। ऐसे शत्रुओं से निपटना अत्यधिक कठिन होता है, लेकिन हनुमान जयंती पर अगर कुछ अचूक उपाय किए जाए तो विशेष फल मिलता है।

हनुमान जयंती पर इन मंत्रों का करें जाप

हनुमान जी को खुश करने के लिए ये सिद्ध मंत्र बेहद खास है। इससे हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं। साथ ही समय को अनुकूल, सुख-समृद्ध भी कर देते हैं। शास्त्रों में हर संकट की काट के लिए हनुमान उपासना का महत्व है।

 भय नाश के लिए बजरंगबली का मंत्री

ॐ हं हनुमंते नम: ,

ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।

महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

कष्टनिवारक मंत्र हनुमान जयंती पर

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!

हनुमान जयंती पर कर्ज से मुक्ति के लिए मंत्र

 ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

हनुमान जयंती पर सर्वबाधा से मुक्ति के लिए मंत्र

आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर। त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात।।


श्रीराम के साथ हनुमान जी का ध्यान

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।

आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर! त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात!!

हनुमान जी के इस मंत्र जाप से बहुत लाभ मिलता है। शिव मंदिर में जाकर निम्न हनुमान मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जाप करें।

ओम हं हनुमते नम:

इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को कानूनी मामलों में लाभ मिलता है। 

ओम नमो भगवते हनुमते नम:

आपके परिवार में सुख एवं शांति नहीं है, हमेशा क्लेश रहता है। परिजनों में बेवजह वाद विवाद होता रहता है, ऐसे में आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से लोगों के जीवन में सुख एवं शांति आ सकती है।

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा

इस चौपाई को पढ़ने से हनुमान जी की कृपा बरसती है और वह सभी प्रकार के रोग एवं पीड़ा से मुक्त होता है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ . से सोशल मीडिया


अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट

शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और उनसे उत्पन्न संकटों को दूर करने के लिए किया जाता है।


हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त 

हनुमान जयंती के दिन सुबह स्नानकर  पूजा करें, सिंदूर का अथवा लाल कपड़े का चोला सुबह ही चढ़ाएं। हनुमान जी को पुरुष वाचक पुष्प जैसे गेंदा, हजारा, कनेर, गुलाब आदि ही चढ़ाएं। स्त्रीवाचक फूलों को जैसे जूही, चमेली, चम्पा, बेला आदि न चढ़ाएं।चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 16 अप्रैल को हनुमान जयंती दोपहर 2.25 बजे से शुरू होगी और 17 अप्रैल को दोपहर 12.24 बजे खत्म होगी। इस बार हनुमान जयंती की खास बात यह है, कि इस दिन रवि और हर्षना योग के साथ ही हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। हनुमान जयंती के दिन सुबह 5.55 से 8.40 बजे तक रवि योग बन रहा है। इस योग में हनुमान जी की पूजा करने से कई गुना फल मिलता है। साथ ही इस योग में अगर आप कोई नया कार्य शुरू करते हैं तो उस कार्य में सफलता मिलेगी।

हनुमान जयंती तिथि प्रारम्भ : 16अप्रैल से 02:25 AM से 12:24 AM 17 अप्रैल तक

अभिजीत मुहूर्त - 12:01 PM – 12:51 PM

अमृत काल – 01:15 AM – 02:45 AM

ब्रह्म मुहूर्त – 04:33 AM – 05:21 AM

विजय मुहूर्त- 02:06 PM से 02:57 PM

गोधूलि बेला- 06:08 PM से 06:32 PM

रवि योग- 05:35 AM से 08:40 AM

हनुमान जयंती के दिन चैत्र पूर्णिमा होने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। इस साल हनुमान जयंती रवि योग बन रहा है। शास्त्रों में रवि योग को शुभ योगों में गिना जाता है। इस योग के दौरान मांगलिक कार्यों को किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु,शिव व हनुमान जी की पूजा व व्रत रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इससे जीवन की समस्याएं दूर होकर घर में सुख-समृद्धि व शांति का वास होता है।



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