Hariyali Amavasya 2024: ऐसे मनायें हरियाली अमावस्या

Hariyali Amavasya 2024: इस बार हरियाली अमावस्या 04 अगस्त 2024 रविवार को मनाई जाएगी। इस बार श्रावण अमावस्या के दिन सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र जैसे शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है

Report :  Kanchan Singh
Update:2024-08-04 15:51 IST

Hariyali Amavasya 2024 ( Social- Media- Photo)

Hariyali Amavasya 2024: श्रावन माह की अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। इस बार हरियाली अमावस्या 04 अगस्त 2024, रविवार को मनाई जाएगी। इस बार श्रावण अमावस्या के दिन सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र जैसे शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है। अतः इन शुभ योग में की गई पूजा- उपासना-जप- अनुष्ठान- दान-पुण्य का कई गुना शुभ फल प्राप्त होता है।अमावस्या के दिन स्नान का खास महत्व है इसलिए अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर पाएं है तो घर पर नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर लें।स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए और एक जल के लोटे में थोड़े से काले तिल मिलाकर पितरों के लिए तर्पण करें/और भगवान से अपने पितरों की मुक्ति की प्रार्थना करें।

अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा उपासना करें, उनका जलाभिषेक करें। इस दिन आप रुद्राभिषेक का अनुष्ठान भी कर सकते हैं।सावन की अमावस्या के दिन भगवान शिव का गंगा जल से जलाभिषेक करें और बेलपत्र- फल- फूल- नैवेद्य-अक्षत- चंदन इत्यादि चढ़ाएं।इस दिन भगवान शिव की शुद्ध देसी घी का दीपक व कपूर से आरती उतारे, ऐसा करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। घर में समृद्धि, सुख- शांति व आरोग्य की प्राप्ति होती है।इस दिन आप अपने पितरों के निमित्त किसी शुद्ध सात्विक ब्राह्मण को दान दक्षिणा दें और घर में बनने वाले भोजन का पहला भाग गाय को खिलाएं।


अमावस्या का दिन पितृ दोष की शांति का विशेष दिन माना गया है अतः यदि आपकी जन्म कुंडली में पितृ दोष है तो आप इस दिन पितृ दोष निवारण के कुछ उपाय कर सकते हैं। पितृ दोष से मुक्ति के लिए सावन अमावस्या के दिन पिंडदान, दान-पुण्य और तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यदि आप पिंडदान या तर्पण नहीं कर सकते हैं तो पितृसूक्त पाठ, पितृ कवच पाठ, पितृ गायत्री पाठ और गीता पाठ करें। और अमावस्या की पहली रात अर्थात चौदस की रात को कुछ देर बैठकर जागरण करें व गीता के पाठ करें व मंत्रों का जाप करें)हरियाली अमावस्या के दिन कोई भी एक पेड़ जरूर लगाए। इस दिन पीपल, बरगद, नीम, तुलसी, बेलपत्र, आंवला, शमी, अशोक आदि वृक्ष लगाये जा सकते हैं)रविवार के दिन तुलसी व पीपल का पेड़ नहीं लगायें/क्योंकि रविवार के दिन पीपल व तुलसी के पेड़ को छूना शास्त्रों में वर्जित बताया है।

( लेखिका प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं ।) 

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