Hariyali Teej Par Sringar se badhega Suhaag: हरियाली तीज पर 16 श्रृंगार और इन उपायों से बढ़ेगा सौभाग्य, चमकेगी किस्मत

Hariyali Teej Par Paye Sringar se Suhaag: हरियाली तीज इस साल 19 अगस्त शनिवार को है। इस साल हरियाली तीज के दिन सजना धजन न भूले। जानते है।हरियाली तीज पर 16 श्रृंगार और किये जाने वाले लाभकारी उपायों के बारे में जिसे करने से मां पार्वती और भगवान शिव की कृपा बरसती है..

Update:2023-08-14 17:39 IST
सांकेतिक तस्वीर, सोशल मीडिया

Hariyali Teej Par Paye Sringar se Suhaag: हरियाली तीज ( Hariyali Teej) आने वाला है। इस दिन शिव और मां पार्वती का मिलन हुआ था। इस साल 19 अगस्त को हरियाली तीज है। तो इस दिन को लेकर हर तरफ उत्साह है । खासकर महिलाओं में जो व्रत के साथ सजधजकर शिवजी की उपासना( Lord Shiva Worship) करती है। और अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती है। इस खास त्योहार पर सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं । कहते हैं कि अगर शिव भगवान की पूजा सजधजकर की जाये तो भगवान जल्दी प्रसन्न होती है और मां पार्वती की कृपा भी बरसती है। सोलह श्रृंगार का पौराणिक महत्व जानें तो आपको भी यह जानकर हैरानी होगी कि हर एक प्रकार के श्रृंगार ( solah SHRINGAR)का सेहत पर अनुकूल असर होता है।

महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार का विशेष महत्व है। विवाह के बाद स्त्री इन सभी चीजों को अनिवार्य रूप से धारण करती है। हर एक चीज का अलग महत्व है।महिलाएं कोई भी व्रत त्योहार हो या हरियाली तीज का दिन अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है और 16 श्रृंगार भी वे करती है, जानते हैं महिलाओं के इन 16 श्रृंगार

सोलह श्रृंगार से बढ़ेगा सुहाग

16 श्रृंगार से महिलाओं के मन, शरीर और सेहत पर सकारात्‍मक प्रभाव होता हैं।

मेहंदी-मेहंदी हथेलियों को सुंदर बनाने के साथ-साथ शरीर को ठंडा रखती है और चर्म रोग को दूर करने में मदद करती है।

मेकअप-चेहरे पर हल्का मेकअप व नेल पेंट लगाने से महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

सिंदूर-शरीर-रचना विज्ञान के अनुसार जिस स्थान पर सिंदूर सजाया जाता है, वह ब्रह्मरंध्र और अहिम नामक मर्मस्थल के ठीक ऊपर होता है, जो अत्यंत कोमल होता है। यहां सिंदूर लगाने से इस स्थान की सुरक्षा होती है। इसके अलावा सिंदूर में कुछ ऐसे धातु होती है जो चेहरे पर झुर्रियों के असर को कम करती हैं और महिलाओं के शरीर में विद्युतीय उत्तेजना नियंत्रित करती हैं।

गले में हार या मंगल सूत्र-मंगल सूत्र व इनके मोतियों से होकर निकलने वाली वायु महिलाओं के इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। आयुर्वेद के अनुसार, गले में स्वर्ण धातु धारण करने से छाती और ह्रदय स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद काले मोती महिलाओं को बुरी नजर से बचाते हैं।

कान में झुमके व बाली-कान छिदवाने से आंखों की रोशनी तेज होती है। दरअसल, कान के निचले हिस्से में एक प्वॉइंट होता है जिसके पास से आंखों की नसें गुजरती हैं। जब कान के इस प्वॉइंट को छिदवाकर इसमें बाली पहनते हैं तो इससे आंखों की रोशनी तेज होने में मदद मिलती है।

मांग टिका-सिर के बीचोबीच पहना जाने वाला मांग टिका महिलाओं की सुंदरता बढ़ाने के अलावा मस्तिष्क संबंधी क्रियाएं संतुलित और नियमित रखता है।

बाजूबंद-इसे बाजुओं में पहनने से बांह स्थित केंद्रों पर दवाब पड़ता है जो महिलाओं को लंबे समय तक सुंदर और जवां बनाए रखता है।

चूड़ियां व ब्रेसलेट-महिलाओं की चूड़ियां जब हाथों की कलाई पर टकराती हैं तो उससे शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है। साथ ही ये महिलाओं के शरीर में हार्मोंस संतुलित रखने में सहायक होती हैं।

कमरबंद-इसे पहनने से महिलाओं में हर्निया की आशंका कम होती है।

बिछिया-बिछिया एक्यूप्रेशर उपचार पद्धति पर कार्य करती है जिससे शरीर के निचले अंगों के तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियां सबल रहती हैं। यह एक खास नस पर प्रेशर बनाती है जो कि गर्भाशय में समुचित रक्त संचार प्रवहित करती है, जिससे गर्भधारण क्षमता बेहतर होने में मदद मिलती है।

पायल-पायल पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा को शरीर में संरक्षित रखती है। महिलाओं के पेट और निचले अंगों में वसा (फैट) बढ़ने की गति को रोकती है। साथ ही चांदी की पायल पैरों से घर्षण करके पैरों की हड्डियां मजबूत बनाती हैं।

नथनी-जिस जगह नथ पहनी जाती है, उस जगह एक तरह का एक्यूप्रेशर प्वाइंट होता है जो प्रसव पीड़ा के दौरान होने वाले दर्द को कम करता है।

अंगूठी-अंगुलियों में अंगूठी पहनने से आलस्य और सुस्ती में कमी आती है।

बालों में गजरा/फूल-बालों को महिलाओं का गहना कहा जाता है, बालों को गजरे व फूलों से सजाने पर उनकी खुशबू से मन की सेहत पर अच्छा असर होता है और सुगंध से मन तरंगित व खुश रहता है।

काजल-काजल लगाने से आंखों को ठंडक मिलती है और इससे आंखों से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं।

बिंदी-माथे पर बिंदी लगाने से व्यक्त‍ित्व प्रभावशाली होता है। मस्तक के बीच के स्थान पर बिंदी लगाने से तीसरा नेत्र जाग्रत होता है। बिंदी लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है और इससे महिलाओं के आत्मविश्वास और आत्मबल में वृद्धि होती है। साथ ही मस्तिष्क भी शांत रहता है और सुकून का अनुभव होता है।

हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार के साथ करें ये उपाय

  • हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  • मंदिर में मनवांछित वर का स्मरण कर 11 दीपक जलाएं।
  • इससे जल्दी ही आपको आपका मन चाहा जीवनसाथी प्राप्त होगा।
  • हरियाली तीज के दिन माता पार्वती को केसर वाला दूध चढ़ाएं और मंत्र जाप करें।।
  • सोलह श्रृंगार का सामान भी अर्पित कर सकते हैं।
  • इससे वैवाहिक जीवन का क्लेश दूर होगा।
  • हरियाली तीज के दिन मां पार्वती को हल्दी की 11 गांठें अर्पित करें।
  • ऐसा करने से विवाह जल्दी होने के योग बनने लगेंगे।
  • हरियाली तीज पर मां पार्वती को खीर का भोग लगाएं।
  • फिर उस खीर को पति-पत्नी साथ में खाएं।
  • इससे वैवाहिक जीवन में प्यार और खुशहाली आएगी।
  • हरियाली तीज के दिन किसी गरीब बच्चे को भोजन कराएं।
  • उस बच्चे को खिलौने दान करें। इससे संतान प्राप्ति की बाधा दूर होगी।
  • रियाली तीज के दिन पूजा के बाद पूजा की थाली को सास के हाथों में दें।
  • फिर सास के हाथों से ही उस थाली में से कोई चीज लें या मांगें।
  • इससे ससुराल में प्यार और सम्मान मिलने लगेगा। इन उपायों को इस साल हरियाली तीज पर हो सके तो जरूर करें । इसका सकारात्मकर प्रभाव आपको देखने को मिलेगा और मां पार्वती और भगवान शिव की कृपा बनी रहेगी।

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