Hariyali Teej Vrat 2021: नहीं होगा तलाक, पति-पत्नी में उम्रभर रहेगा प्यार, जानिए हरियाली तीज कब है और उसकी धार्मिक महिमा
Hariyali Teej 2021: शास्त्रों में हरियाली तीज व्रत का महत्व करवा चौथ के समान ही है। इस दिन महादेव शिव और मां पार्वती की पूजा एक साथ की जाती है। जिनके आशीर्वाद से महिलाओं को सुख समृद्धि और कल्याण प्राप्त होता है।
हरियाली तीज (Hariyali Teej ) 2021:
यह व्रत महिलाओं के लिए अति लाभकारी है । इस बार 11 अगस्त 2021 के दिन हरियाली तीज (Hariyali Teej) का व्रत है। इस व्रत को महिलाएं पति और पुत्र की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए करती हैं। माता पार्वती और शिव शंकर के पूजन से इस व्रत का आरंभ होता है। हरियाली तीज व्रत सुहागिन स्त्रियां सौभाग्य की कामना और संतान सुख के लिए करती हैं। यह व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए अखण्ड सौभाग्य का वरदान देता है। शास्त्रों मेंहरियाली तीज व्रत का महत्व करवा चौथ के समान ही है। इस दिन महादेव शिव और मां पार्वती की पूजा एक साथ की जाती है। जिनके आशीर्वाद से महिलाओं को सुख समृद्धि और कल्याण प्राप्त होता है।
हरियाली तीज से बढ़ता है सौभाग्य
व्रत के दिन महिलाएं हरियाली तीज का व्रत पूरे भक्ति भाव से रखती हैं। इस व्रत के और भी नाम हैं जैसे- सावनी तीज, हरियाली तीज व्रत। इस दिन पत्नियां अपने पति के लिए अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत करती हैं। ऐसी मान्यता है कि व्रत से विवाहित स्त्रियों के सौभाग्य की प्राप्ति होती है। दांपत्य दोष, विवाह न होने या देर होना या मंगली दोष को दूर करने वाला होता है। सौभाग्य से जुड़े होने के कारण इस व्रत को विवाहित महिलाएं और नवविवाहित महिलाएं करती है।
हरियाली तीज व्रत पौराणिक महत्व
हरियाली तीज व्रत स्त्रियों के लिए मंगलकारी होता है। इसी दिन माता सती ने अपनी कठोर साधना और तपस्या से भगवान शिव को पाने का संकल्प किया। जिसके बाद भगवान शिव उन्हें पति रूप में मिले। इसी प्रकार अपने पुर्नजन्म पार्वती रूप में भी उन्होंने फिर से शिव को पति रूप में पाने के लिए कठिन साधना की थी। शिव-पार्वती का विवाह संपन्न हुआ इसलिए मां पार्वती की भांति स्वयं के लिए उत्तम वर के लिए व्रत की पौराणिक महत्ता है। इस व्रत के प्रभाव से अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हरियाली तीज व्रत करने से नहीं होता तलाक
हरियाली तीज व्रत का उद्धेश्य पति और संतान की लंबी आयु के लिए होता है। साथ ही महिलाएं माता पार्वती और भोलेनाथ से सुखी जीवन की कामना करती हैं। व्रत को नियमानुसार किया जाना आवश्यक है। इस व्रत के और भी महत्व हैं। इस व्रत से जिन महिलाओं की कुण्डली में वैवाहिक सुख न हो या विवाह में देरी हो रही हो तो वह भी यह व्रत कर सकती हैं।
पति-पत्नी से अलगाव या तलाक के अशुभ योग बनने पर भी यह व्रत किया जा सकता है। इस व्रत के विषय में यह मान्यता है, कि यह उपवास नियम अनुसार किया जाएं तो वैवाहिक सुख बढ़ता है। दांम्पत्य जीवन सुखी करने के लिए हरियाली तीज का व्रत किया जाना चाहिए। व्रत समापन के बाद माता पार्वती और जगत पालनहार शिव जी की उपासना करनी चाहिए।सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)
हरियाली तीज (Hariyali Teej 2021) का व्रत कब है?
हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अखंड सौभाग्य का प्रतीक व्रत हरियाली तीज या श्रावणी तीज मनाया जाता है। यह शिव और पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। इस समय प्रकृति पूरी तरह से हरियाली की चादर ओढ़े रहती है। इस बार हरियाली तीज व्रत 11 अगस्त 2021 को है। सावन मास का ये महीना दान पुण्य के लिए खास माना जाता है। अकेले इस एक महीने में एक साथ कई व्रत होते हैं। इसी में एक सावन की हरियाली तीज है। पति की उम्र लम्बी हो इस कामना के साथ सुहागिनें हरियाली तीज पर व्रत रखती हैं।
हरियाली तीज 11 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन बुधवार है, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र और शिव योग में हरियाली तीज की पूजा होगी। साथ में चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त श्रावण तृतीया की तिथि 10 अगस्त को शाम 06 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी और 11 अगस्त को शाम 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। इस लिए हरियाली तीज 11 अगस्त को ही मनाई जाएगी।
हरियाली तीज पर सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।महिलाएं सोलह श्रृंगार के साथ इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं। इस कठोर व्रत को मां पार्वती ने किया था, इस व्रत के फलस्वरुप ही माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रुप में पाया था। कुंवारी लड़कियां इस दिन व्रत मां पार्वती से अच्छे वर की कामना करती हैं।