Hartalika Teej Pooja Vidhi: हरतालिका तीज की पूजा विधि जानिए, इस दिन राशि के अनुसार कैसे करें मां पार्वती और भगवान शिव को प्रसन्न

Hartalika Teej Pooja: 18 सितंबर 2023 को तीज व्रत है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम के वक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। कुछ जगहों पर इस व्रत को कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए भी रखती हैं।

Update: 2023-09-11 09:16 GMT

 तीज सांकेतिक तस्वीर सोशल मीडिया

 Hartalika Teej Pooja :  महिलाओं और कुंवारी कन्याओं द्वारा सौभाग्य से जुड़ा हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस पावन व्रत में भगवान शिव, माता गौरी, एवं श्री गणेश जी की विधि-विधान से पूजा साधना-अराधना का बड़ा महत्व है। यह व्रत निराहार एवं निर्जला किया जाता है। सुहाग के सौभाग्य या फिर एक बेहतर जीवनसाथी की कामना के लिए किए जाने इस व्रत का इंतजार महिलाओं का पहले से करने लगती हैं। भाद्र पद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज है इस बार 18 व सिंतबर को मनाई जाएगी।

हरतालिका तीज की पूजा

हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को हस्त नक्षत्र में दिनभर का निर्जल व्रत रहना चाहिए। मान्यता है कि सबसे पहले इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। इस व्रत में भगवान शिव-पार्वती के विवाह की कथा सुनने का काफी महत्व है।

प्रात: उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर एक चौकी पर रंगीन वस्त्रों के आसन बिछाकर शिव और पार्वती की मूर्तियों को स्थापित करें। साथ ही इस व्रत का पालन करने का संकल्प लें। संकल्प करते समय अपने समस्त पापों के विनाश की प्रार्थना करते हुए कुल, कुटुम्ब एवं पुत्र पौत्रादि के कल्याण की कामना की जाती है। आरंभ में श्री गणेश का विधिवत पूजन करना चाहिए। गणेश पूजन के पश्चात् शिव-पार्वती का आवाहन, आसन, पाद्य, अघ्र्य, आचमनी, स्नान, वस्त्र, यज्ञोपवीत, गंध, चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, दक्षिणा तथा यथाशक्ति आभूषण आदि से षोडशोपचार पूजन करना चाहिए।

पूजन की समाप्ति पर पुष्पांजलि चढ़ाकर आरती, प्रदक्षिणा और प्रणाम करें। फिर कथा श्रवण करें। कथा के अंत में बांस की टोकरी या डलिया में मिष्ठान्न, वस्त्र, पकवान, सौभाग्य की सामग्री, दक्षिणा आदि रखकर आचार्य पुरोहित को दान करें। पूरे दिन और रात में जागरण करें और यथाशक्ति ओम नम: शिवाय का जप करें। दूसरे दिन और प्रात: भगवान शिव-पार्वती का व्रत का पारण करना चाहिए। सौभाग्यवती महिलाओं का शुभ सुहाग पर्व है हरतालिका तीज यह त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। ती

इस व्रत का नाम हरतालिका क्यों-

इस साल यह व्रत 18 सितंबर 2023 को है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम के वक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। कुछ जगहों पर इस व्रत को कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए भी रखती हैं।

मां पार्वती ने भगवान शिवजी को वर रूप में प्राप्त करने के लिए घोर वन में तप किया व बालू के शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जिससे प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें वर दिया। बाद में राजा हिमालय (पर्वत) ने भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह कराया। माता ने जब यह व्रत किया था, तब भाद्रपद की तीज तिथि थी व हस्त नक्षत्र था। उन्हें स्वयं शिवजी पति रूप में प्राप्त हुए।

हरतालिका की पूजा राशि के अनुसार करें

  • मेष : 'ॐ शिवाय नम:' का जप करें व सेबफल चढ़ाएं।
  • वृषभ : 'ॐ हवि नम:' का जप करें व दूध की मिठाई चढ़ाएं।
  • मिथुन : 'ॐ अनघ नम:' का जप करें व शहद चढ़ाएं।
  • कर्क : 'ॐ तारक नम:' का जप करें व मिश्री चढ़ाएं।
  • सिंह : 'ॐ कपाली नम:' का जप करें व अनार चढ़ाएं।
  • कन्या : 'ॐ वामदेव नम:' का जप करें व घी चढ़ाएं।
  • तुला : 'ॐ श्रीकंठ नम:' का जप करें व दही चढ़ाएं।
  • वृश्चिक : 'ॐ अज नम:' का जप करें व मौसंबी चढ़ाएं।
  • धनु : 'ॐ शितिकंठ नम:' का जप करें व केला चढ़ाएं।
  • मकर : 'ॐ मृगपाणी नम:' का जप करें व नाशपाती चढ़ाएं।
  • कुम्भ : 'ॐ अव्यय नम:' का जप करें व नारियल चढ़ाएं।
  • मीन : 'ॐ महादेवाय नम:' का जप करें व चीकू चढ़ाएं।
Tags:    

Similar News