Hast Rekha Gyan: हाथ में मंगल का शुभ-अशुभ प्रभाव, जानिए कब होते हैं क्रोधी और रहते हैं ताउम्र परेशान
Hast Rekha Gyan:हस्तरेखा ज्ञान : हाथ मंगल रेखा दो जगह होती है। कहते हैं किस्मत वालों के हाथ में मंगल रेखा शुभ होती है। जानते हैं मंगल पर्वत रेखा की शुभ -अशुभ स्थिति...
Hast Rekha Gyan:हस्तरेखा ज्ञान :हस्तरेखा में बहुत सी रेखाएं और पर्वत होते हैं जो हमारे जीवन में शुभ-अशुभ प्रभाव डालते है। इनमें मंगल पर्वत भी होता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में सफलता है या नहीं, धन, पैसा है कि नहीं , जो प्रयास कर रहे है उसमें सफलता मिलेगी, स्वभाव का अच्छा या खराब होना ये सब हमारे जीवन में ग्रहों की स्थिति व हाथों की रेखाएं तय करती है। जिसे हम अपने कर्म से अच्छा करते हैं अगर रेखाएं खराब प्रभाव डालने वाली है तो उसे सद्कर्म से कम करने का प्रयास करते हैं। किसी भी इंसान की हर रेखा व पर्वत उसके जीवन पर प्रभाव डालते हैं। जानते हैं कि किसी व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा व उसके जीवन में धन की कमी क्यों आती है।अगर मंगल हाथ में अच्छी स्थिति में हैं तो व्यक्ति पर प्रभाव डालता है। मंगल व्यक्ति के साहस का प्रतीक है।
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हाथ मे दो जगह मंगल क्षेत्र
हथेली में मंगल ग्रह के दो क्षेत्र पाए जाते हैं, जिन्हें उन्नत मंगल और प्रतिगामी मंगल के नाम से जाना जाता है। हथेली में जहां जीवन रेखा शुरू होती है उसके नीचे का क्षेत्र और शुक्र पर्वत के ठीक ऊपर उससे घिरा हुआ क्षेत्र मंगल क्षेत्र कहलाता है। मुख्य रूप से यह पर्वत युद्ध का प्रतीक माना जाता है। जो व्यक्ति शुभ होता है वह साहसी, निडर और शक्तिशाली होता है। जिन लोगों के हाथों में मंगल क्षेत्र मजबूत होता है, वे कायर या दब्बू नहीं होते। ऐसे व्यक्तियों के जीवन में स्थिरता और संतुलन रहता है। यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मंगल ग्रह का अभाव हो तो उस व्यक्ति को कायर समझना चाहिए।
मंगल का अशुभ प्रभाव
हाथ में यदि ऊपर का मंगल बुध पर्वत की ओर है तो जातक का स्वभाव उग्र होता है। ऐसा व्यक्ति हर वक्त अपने को कुशल, कर्मशील व जुझारु समझता है। ऐसे लोगों को अधिक चोट लगती है। ऐसे व्यक्ति को गंभीर चोट लग सकती है जिससे अधिक मात्रा में खून बह सकता है।
मंगल पर्वत से निकलकर यदि कोई रेखा जीवनरेखा तक आए तो वह रेखा जहां जीवन रेखा को काटती है उस समय उम्र में दुर्घटना या लड़ाई से शरीर का कोई बड़ा नुकसान हो सकता है।
अगर मंगल पर्वत पर क्रास का निशान या द्वीप हो तो जातक को सिरदर्द, थकान और गुस्से ज्यादा आता है।
यह पर्वत अविकसित हो तो जातक को डिप्रेशन होता है। यदि मगंल के उस पर्वत से कोई रेखा चंद्र पर्वत तक जाए तो ऐसा जातक निर्णय लेने में विलंब व अनियमित काम करने का आदी होता है।
यह मंगल पर्वत यदि चंद्र पर्वत से दबा हो तो उसे सफलता ना मिलने के कारण चिड़चिड़ापन भी होता है।
इस पर्वत पर कोई अशुभ चिह्न हो तो व्यक्ति को धन संबंधी मुसीबतों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उसकी वाणी प्रभावित होती है।
मंगल की शुभ स्थिति
हाथ मे मंगल पर्वत अच्छी तरह से विकसित हो और साथ ही हथेली का रंग भी लालिमा लिए हो तो वह व्यक्ति अवश्य ही उच्च पद प्राप्त करता है। वह अपने जीवन में संघर्षों और बाधाओं की परवाह किए बिना अपने लक्ष्य तक पहुंचने में पूर्ण सफलता प्राप्त करता है। हथेली का पीला रंग व्यक्ति को दोषी महसूस कराता है। यदि हथेली का रंग सामान्य नीला हो तो ऐसा व्यक्ति गठिया रोग का रोगी हो सकता है। ऐसे लोग महत्वाकांक्षी होते हैं और अपने लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहते हैं। यदि ये व्यवसाय करते हैं तो इन्हें विशेष रूप से चिकित्सा आदि के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
यदि मंगल पर्वत उभरा हुआ हो और हाथ की उंगलियां कोणीय हों तो ऐसा व्यक्ति आदर्श प्रेमी होता है। चौकोर उंगलियां व्यक्ति के व्यावहारिक होने और जीवन में कदम आगे बढ़ाने का सूचक होती हैं। ऐसे लोग चतुर और चालाक होते हैं साथ ही अपने हितों पर विशेष ध्यान देते हैं। यदि अंगुलियों में गांठें हों और मंगल पर्वत ऊंचा हो तो व्यक्ति तर्कशील होता है और अपने जीवन में सोच-समझकर कार्य करता है। यदि मंगल पर्वत पर क्रॉस का चिन्ह दिखाई दे तो उस व्यक्ति की मृत्यु निश्चित ही युद्ध में या चाकू लगने से होती है। यदि मंगल पर्वत पर आड़ी रेखाएं हों और वह जाल जैसा बन गया हो तो निश्चित ही उसकी मृत्यु किसी दुर्घटना के कारण होती है।